वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • प्रेषितों 24
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

प्रेषितों 24:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 192

प्रेषितों 24:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 192

प्रेषितों 24:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 192

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2001, पेज 22-23

प्रेषितों 24:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 192

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2001, पेज 22-23

प्रेषितों 24:7

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 24:7 मत्ती 17:21 फुटनोट देखें।

प्रेषितों 24:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2000, पेज 13-14

प्रेषितों 24:15

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 24:15 या, “धर्मी और अधर्मी।”

  • *

    प्रेषि 24:15 या, “पुनरुत्थान होनेवाला है।”

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 77

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2022, पेज 16-17, 20, 22, 26

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 30

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 13

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 7

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2012, पेज 11

    7/1/2006, पेज 6

    7/15/2001, पेज 6

    7/15/2000, पेज 13-14

    4/1/1999, पेज 18

    7/1/1998, पेज 22

    2/15/1995, पेज 8-12

    सिखाती है, पेज 77-79

    बाइबल सिखाती है, पेज 72-73

    ज्ञान, पेज 185-186

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 170-172, 180

प्रेषितों 24:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2005, पेज 14-15

प्रेषितों 24:17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 169

प्रेषितों 24:20

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 24:20 मत्ती 26:59 फुटनोट देखें।

प्रेषितों 24:24

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 194-195

प्रेषितों 24:25

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 194-195

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/1993, पेज 25-27

प्रेषितों 24:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2001, पेज 23

प्रेषितों 24:27

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 195

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • 26
  • 27
नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
प्रेषितों 24:1-27

प्रेषितों

24 पाँच दिन बाद महायाजक हनन्याह कुछ बुज़ुर्गों और तिरतुल्लुस नाम के किसी वकील के साथ वहाँ आया और उन्होंने राज्यपाल के सामने पौलुस के खिलाफ मुकदमा पेश किया। 2 जब उन्होंने तिरतुल्लुस को बोलने का इशारा किया, तो उसने यह कहते हुए पौलुस पर इलज़ाम लगाना शुरू किया:

“हे महाप्रतापी फेलिक्स, तेरी बदौलत हम बड़े अमन-चैन से हैं और तेरी दूरंदेशी की वजह से इस जाति में सुधार हो रहे हैं। 3 इनका फायदा हमें हर वक्‍त और हर जगह हो रहा है और इसके लिए हम तेरे बहुत एहसानमंद हैं। 4 मगर मैं तुझे और तकलीफ नहीं देना चाहता, इसलिए मैं तुझसे मिन्‍नत करता हूँ कि अगर तू कुछ देर के लिए हमारी सुने तो तेरी बड़ी मेहरबानी होगी। 5 हमने पाया है कि यह आदमी फसाद की जड़ है, और पूरी दुनिया में यहूदियों को बगावत के लिए भड़काता है और नासरियों के गुट का एक मुखिया है। 6 इसने मंदिर को अपवित्र करने की भी कोशिश की है और हमने इसे पकड़ा था। 7* —— 8 जिन बातों का हम इस पर इलज़ाम लगा रहे हैं, उन सबके बारे में तू खुद इससे पूछताछ कर पता लगा सकता है।”

9 इस पर वे यहूदी भी उसके खिलाफ बोलने लगे और दावा करने लगे कि ये बातें सही हैं। 10 और जब राज्यपाल ने सिर हिलाकर पौलुस को बोलने का इशारा किया, तो उसने जवाब दिया:

“यह जानते हुए कि तू कई सालों से इस जाति का न्यायी रहा है, मैं बड़ी खुशी से अपनी सफाई पेश कर रहा हूँ, 11 जैसा कि तू खुद भी इस बारे में मालूम कर सकता है कि मुझे उपासना के लिए यरूशलेम को गए बारह दिन से ज़्यादा नहीं हुए 12 और यहूदियों ने मुझे न तो मंदिर में किसी से बहस करते पाया, न ही सभा-घरों में या शहर में किसी भी जगह भीड़ को इकट्ठा करते पाया। 13 न ही वे उन बातों के सच होने का सबूत दे सकते हैं जिनका ये मुझ पर इस वक्‍त इलज़ाम लगा रहे हैं। 14 मगर मैं तेरे सामने यह स्वीकार करता हूँ कि जिस मार्ग को ये एक “गुट” कह रहे हैं, उसी के मुताबिक मैं अपने बापदादों के परमेश्‍वर की पवित्र सेवा कर रहा हूँ, क्योंकि मैं मूसा के कानून और भविष्यवक्‍ताओं की लिखी सारी बातों पर विश्‍वास करता हूँ। 15 और मैं परमेश्‍वर से आशा रखता हूँ, जैसे ये लोग खुद भी आशा रखते हैं कि अच्छे और बुरे,* दोनों तरह के लोग मरे हुओं में से जी उठेंगे।* 16 बेशक मैं इस मामले में अपना ज़मीर साफ रखने के लिए लगातार कड़ी मेहनत करता हूँ कि परमेश्‍वर और इंसानों के खिलाफ कोई अपराध न करूँ। 17 इसलिए कई सालों बाद मैं अपनी जाति के लिए दान देने और बलिदान चढ़ाने आया था। 18 जब मैं ये काम कर रहा था, तो उन्होंने मुझे मंदिर में मूसा के कानून के मुताबिक शुद्ध दशा में पाया, मगर न तो मेरे साथ कोई भीड़ थी, न ही मैं कोई दंगा कर रहा था। मगर वहाँ एशिया ज़िले के कुछ यहूदी मौजूद थे। 19 अगर उन्हें मेरे खिलाफ कुछ कहना था तो उन्हें यहाँ तेरे सामने हाज़िर होना चाहिए था और मुझ पर इलज़ाम लगाने चाहिए थे। 20 या फिर, ये लोग ही बताएँ कि जब मैं महासभा* के सामने खड़ा था तो इन्होंने मुझमें क्या बुरा पाया, 21 सिर्फ इस एक बात को छोड़कर जो मैंने इनके बीच खड़े होकर बुलंद आवाज़ में कही थी, ‘मरे हुओं के जी उठने को लेकर आज तुम्हारे सामने मुझ पर मुकदमा चलाया जा रहा है!’ ”

22 मगर फेलिक्स जो प्रभु के मार्ग के बारे में बहुत अच्छी तरह जानता था, उसने यह कहकर उन आदमियों को टाल दिया: “जब सेनापति लूसियास यहाँ आएगा तब मैं तुम्हारे इन मामलों का फैसला करूँगा।” 23 तब उसने सेना-अफसर को हुक्म दिया कि इस आदमी को हिरासत में रखा जाए और पहरे में कुछ रिआयत दी जाए और उसके लोगों में से जो कोई उसकी सेवा करना चाहता है, उनमें से किसी को भी न रोका जाए।

24 कुछ दिन बाद, फेलिक्स अपनी पत्नी द्रुसिल्ला को, जो यहूदिन थी, साथ लेकर आया और उसने पौलुस को बुलवाकर उससे मसीह यीशु में विश्‍वास करने के बारे में सुना। 25 लेकिन जब पौलुस नेकी और संयम और आनेवाले न्याय के बारे में बात करने लगा, तो फेलिक्स घबरा उठा और कहा: “फिलहाल तू जा, मगर जब मुझे सही मौका मिलेगा तब मैं दोबारा तुझे बुला लूँगा।” 26 लेकिन, साथ ही वह पौलुस से रिश्‍वत पाने की भी उम्मीद लगाए हुए था। इसलिए वह उसे और भी ज़्यादा बुला-बुलाकर उससे बातचीत किया करता था। 27 मगर जब दो साल बीत गए, तो फेलिक्स की जगह पुरकियुस फेस्तुस ने ले ली; और क्योंकि फेलिक्स यहूदियों को खुश करना चाहता था, इसलिए वह पौलुस को कैद में ही छोड़ गया।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें