25जब इसराएली शित्तीम में रह रहे थे,+ तो वे मोआबी औरतों के साथ नाजायज़ यौन-संबंध रखने लगे।+2 मोआबी औरतों ने उन्हें न्यौता दिया कि वे उनके देवताओं के लिए बलिदान चढ़ाने के मौके पर उनके यहाँ आएँ।+ तब वे उनके यहाँ गए और उन देवताओं के आगे दंडवत करने लगे+ और उनको चढ़ाया गया भोजन खाने लगे।
23 फिर पलिश्ती सरदार जश्न मनाने और अपने देवता दागोन+ को ढेर सारे बलिदान चढ़ाने के लिए इकट्ठा हुए। उनका कहना था कि हमारे देवता ने हमारे दुश्मन शिमशोन को हमारे हाथ कर दिया है।
4 दूसरे दिन सुबह तड़के उठने पर उन्होंने देखा कि दागोन की मूरत फिर से यहोवा के संदूक के सामने मुँह के बल ज़मीन पर गिरी पड़ी है। मूरत का सिर और उसकी दोनों हथेलियाँ कटी हुई हैं और मंदिर की दहलीज़ पर पड़ी हैं। सिर्फ उसका धड़, जो मछली जैसा दिखता था,* साबुत बचा हुआ था।
2 उसी दौरान अहज्याह सामरिया में अपने महल की छत के जंगले से गिर पड़ा और घायल हो गया। इसलिए उसने अपने दूतों को यह कहकर भेजा, “तुम जाकर एक्रोन+ के देवता बाल-जबूब से पूछो कि मैं बिस्तर से उठूँगा या नहीं।”+
13 और जो ऊँची जगह यरूशलेम के सामने और तबाही पहाड़* के दक्षिण* में थीं, उनका भी राजा ने ऐसा हाल किया कि वहाँ पूजा न की जा सके। ये ऊँची जगह इसराएल के राजा सुलैमान ने सीदोनियों की घिनौनी देवी अशतोरेत के लिए, मोआब के घिनौने देवता कमोश के लिए और अम्मोनियों के घिनौने देवता मिलकोम+ के लिए बनवायी थीं।