वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • इब्रानियों 12
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

इब्रानियों का सारांश

      • यीशु, हमारे विश्‍वास को परिपूर्ण करनेवाला (1-3)

        • गवाहों का घना बादल (1)

      • यहोवा की शिक्षा को तुच्छ मत समझो (4-11)

      • अपने कदमों के लिए सीधी राह बनाओ (12-17)

      • स्वर्ग की यरूशलेम के पास जाना (18-29)

इब्रानियों 12:1

संबंधित आयतें

  • +इब्र 3:12
  • +1कुर 9:24, 26; फिल 3:13, 14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2023, पेज 26, 29-31

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2022, पेज 25

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 19

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2011, पेज 17-18, 20-23

    8/15/2004, पेज 23-24

    1/15/2003, पेज 5

    1/1/2001, पेज 29-30

    10/1/1999, पेज 17-18, 19-21

    1/15/1998, पेज 13

    1/1/1998, पेज 6-11

    1/15/1997, पेज 30

    1/1/1990, पेज 12-13, 21

    2/1/1988, पेज 21-22

इब्रानियों 12:2

फुटनोट

  • *

    शब्दावली देखें।

संबंधित आयतें

  • +यूह 14:6; प्रेष 5:31; इब्र 2:10
  • +भज 110:1; इब्र 10:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मेरा चेला बन जा, पेज 73-74

    प्यार के लायक, पेज 232-233

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2016, पेज 27

    4/2016, पेज 15

    परमेश्‍वर का प्यार, पेज 232-233

    नयी दुनिया अनुवाद, पेज 2106

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2010, पेज 5

    7/15/2009, पेज 6

    10/15/2008, पेज 32

    10/1/2006, पेज 27

    9/15/2005, पेज 21

    1/1/2005, पेज 15

    1/1/2001, पेज 31

    9/1/2000, पेज 12

    10/1/1999, पेज 21

    5/15/1998, पेज 10

    2/15/1996, पेज 28-29

    9/1/1993, पेज 25-26

    4/1/1991, पेज 25

    1/1/1990, पेज 13

    3/1/1988, पेज 14-15

इब्रानियों 12:3

संबंधित आयतें

  • +मत 27:39
  • +गल 6:9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2016, पेज 15

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2008, पेज 32

    1/15/2008, पेज 26-27

    1/1/2005, पेज 15

    12/1/1995, पेज 13-14

    1/1/1990, पेज 13

इब्रानियों 12:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2008, पेज 32

    4/15/2002, पेज 30

    2/15/2002, पेज 29

इब्रानियों 12:5

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2012, पेज 29

    1/1/1990, पेज 13-14

इब्रानियों 12:6

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

  • *

    या “सज़ा भी देता है।”

संबंधित आयतें

  • +नीत 3:11, 12

इब्रानियों 12:7

फुटनोट

  • *

    या “प्रशिक्षण दिया जा रहा है।”

संबंधित आयतें

  • +2शम 7:14; इब्र 2:10
  • +नीत 13:24

इब्रानियों 12:9

संबंधित आयतें

  • +याकू 4:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2019, पेज 14-15

इब्रानियों 12:10

संबंधित आयतें

  • +1पत 1:15, 16

इब्रानियों 12:11

फुटनोट

  • *

    या “दर्द।”

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    3/2024, पेज 10-11

    10/1/1988, पेज 21-22, 24-25

इब्रानियों 12:12

संबंधित आयतें

  • +यश 35:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यशायाह की भविष्यवाणी-I, पेज 379

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/1996, पेज 14

इब्रानियों 12:13

संबंधित आयतें

  • +नीत 4:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2008, पेज 32

    1/1/1990, पेज 14

इब्रानियों 12:14

संबंधित आयतें

  • +भज 34:14; रोम 12:18; 14:19
  • +रोम 6:19; 1थि 4:3, 4; इब्र 10:10

इब्रानियों 12:15

संबंधित आयतें

  • +व्य 29:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2008, पेज 32

    11/1/2006, पेज 27

    1/1/1990, पेज 14

इब्रानियों 12:16

फुटनोट

  • *

    शब्दावली देखें।

संबंधित आयतें

  • +उत 25:32, 34

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2017, पेज 14-15

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2013, पेज 28

    5/1/2002, पेज 10-11

    1/1/1990, पेज 14

इब्रानियों 12:17

फुटनोट

  • *

    यानी अपने पिता का।

संबंधित आयतें

  • +उत 27:34

इब्रानियों 12:18

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 19:12
  • +निर्ग 19:18
  • +निर्ग 19:16

इब्रानियों 12:19

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 19:19
  • +व्य 4:11, 12
  • +निर्ग 20:18, 19

इब्रानियों 12:20

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 19:12, 13

इब्रानियों 12:21

संबंधित आयतें

  • +व्य 9:19

इब्रानियों 12:22

संबंधित आयतें

  • +प्रक 14:1
  • +प्रक 21:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1990, पेज 14-15

इब्रानियों 12:23

संबंधित आयतें

  • +दान 7:10
  • +उत 18:25; भज 94:2; यश 33:22
  • +इब्र 12:9
  • +इब्र 10:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1995, पेज 11

इब्रानियों 12:24

संबंधित आयतें

  • +मत 26:27, 28
  • +1ती 2:5; इब्र 9:15
  • +उत 4:8, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 13-14

इब्रानियों 12:25

फुटनोट

  • *

    या “बहाने मत बनाओ; नज़रअंदाज़ मत करो।”

संबंधित आयतें

  • +इब्र 1:2; 2:2-4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2010, पेज 25-26

इब्रानियों 12:26

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 19:18
  • +हाग 2:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2021, पेज 18-19

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2006, पेज 31

    4/15/2006, पेज 20-21

इब्रानियों 12:27

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2021, पेज 18-19

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2008, पेज 32

    5/15/2006, पेज 31

    4/15/2006, पेज 20-21

इब्रानियों 12:28

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2021, पेज 19

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/2006, पेज 10

    4/15/2006, पेज 20-21

इब्रानियों 12:29

संबंधित आयतें

  • +व्य 4:24

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

इब्रा. 12:1इब्र 3:12
इब्रा. 12:11कुर 9:24, 26; फिल 3:13, 14
इब्रा. 12:2यूह 14:6; प्रेष 5:31; इब्र 2:10
इब्रा. 12:2भज 110:1; इब्र 10:12
इब्रा. 12:3मत 27:39
इब्रा. 12:3गल 6:9
इब्रा. 12:6नीत 3:11, 12
इब्रा. 12:72शम 7:14; इब्र 2:10
इब्रा. 12:7नीत 13:24
इब्रा. 12:9याकू 4:10
इब्रा. 12:101पत 1:15, 16
इब्रा. 12:12यश 35:3
इब्रा. 12:13नीत 4:26
इब्रा. 12:14भज 34:14; रोम 12:18; 14:19
इब्रा. 12:14रोम 6:19; 1थि 4:3, 4; इब्र 10:10
इब्रा. 12:15व्य 29:18
इब्रा. 12:16उत 25:32, 34
इब्रा. 12:17उत 27:34
इब्रा. 12:18निर्ग 19:12
इब्रा. 12:18निर्ग 19:18
इब्रा. 12:18निर्ग 19:16
इब्रा. 12:19निर्ग 19:19
इब्रा. 12:19व्य 4:11, 12
इब्रा. 12:19निर्ग 20:18, 19
इब्रा. 12:20निर्ग 19:12, 13
इब्रा. 12:21व्य 9:19
इब्रा. 12:22प्रक 14:1
इब्रा. 12:22प्रक 21:2
इब्रा. 12:23दान 7:10
इब्रा. 12:23उत 18:25; भज 94:2; यश 33:22
इब्रा. 12:23इब्र 12:9
इब्रा. 12:23इब्र 10:14
इब्रा. 12:24मत 26:27, 28
इब्रा. 12:241ती 2:5; इब्र 9:15
इब्रा. 12:24उत 4:8, 10
इब्रा. 12:25इब्र 1:2; 2:2-4
इब्रा. 12:26निर्ग 19:18
इब्रा. 12:26हाग 2:6
इब्रा. 12:29व्य 4:24
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • 26
  • 27
  • 28
  • 29
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
इब्रानियों 12:1-29

इब्रानियों के नाम चिट्ठी

12 इसलिए जब गवाहों का ऐसा घना बादल हमें घेरे हुए है, तो आओ हम हरेक बोझ को और उस पाप को जो आसानी से हमें उलझा सकता है, उतार फेंकें+ और उस दौड़ में जिसमें हमें दौड़ना है धीरज से दौड़ते रहें+ 2 और यीशु पर नज़र टिकाए रहें जो हमारे विश्‍वास का खास अगुवा और इसे परिपूर्ण करनेवाला है।+ उसने उस खुशी के लिए जो उसके सामने थी, यातना के काठ* पर मौत सह ली और शर्मिंदगी की ज़रा भी परवाह नहीं की और अब वह परमेश्‍वर की राजगद्दी के दायीं तरफ बैठा है।+ 3 हाँ, उस पर अच्छी तरह ध्यान दो जिसने पापियों के मुँह से ऐसी बुरी-बुरी बातें सहीं+ जिनसे वे खुद ही दोषी ठहरे ताकि तुम थककर हार न मानो।+

4 पाप से लड़ने में तुमने अब तक इतना संघर्ष नहीं किया कि तुम्हारा खून बहे। 5 मगर तुम इस नसीहत को, जिसमें तुम्हें बेटे पुकारा गया है, पूरी तरह से भूल गए हो: “मेरे बेटे, यहोवा* की शिक्षा को हलकी बात न समझ और जब वह तुझे सुधारे, तो हिम्मत मत हार 6 क्योंकि यहोवा* जिससे प्यार करता है उसे सुधारता भी है। दरअसल वह जिसे अपना बेटा मानकर अपनाता है उसे कोड़े भी लगाता है।”*+

7 तुम इसे यह समझकर सह लो कि तुम्हें सुधारा जा रहा है।* परमेश्‍वर तुम्हें अपने बेटे मानकर तुम्हारे साथ ऐसे पेश आ रहा है,+ क्योंकि ऐसा कौन-सा बेटा है जिसे पिता नहीं सुधारता?+ 8 लेकिन अगर तुम सबको इस तरह सुधारा न जाए, तो तुम असल में बेटे नहीं नाजायज़ औलाद हो। 9 यही नहीं, हमारे पिता भी हमें सुधारा करते थे और हम उनका आदर करते थे। तो क्या हमें उस पिता के, जिसने हमें पवित्र शक्‍ति से जीवन दिया है, और भी ज़्यादा अधीन नहीं रहना चाहिए ताकि हम जीते रहें?+ 10 हमारे पिताओं ने तो जैसा उन्हें ठीक लगा वैसे हमें सुधारा और वह भी कुछ समय के लिए। लेकिन परमेश्‍वर हमारे फायदे के लिए हमें सुधारता है ताकि हम उसकी तरह पवित्र बनें।+ 11 यह सच है कि जब भी किसी को सुधारा जाता है तो उस वक्‍त उसे खुशी नहीं होती बल्कि बहुत दुख* होता है, मगर जो इस तरह का प्रशिक्षण पाते हैं उनके लिए इससे शांति और नेकी पैदा होती है।

12 इसलिए ढीले हाथों और कमज़ोर घुटनों को मज़बूत करो।+ 13 और अपने कदमों के लिए सीधा रास्ता बनाते रहो+ ताकि जो पैर कमज़ोर है वह जोड़ से उखड़ न जाए बल्कि स्वस्थ हो जाए। 14 सब लोगों के साथ शांति बनाए रखने+ और पवित्र बने रहने की कोशिश करते रहो+ जिसके बिना कोई भी इंसान प्रभु को नहीं देखेगा। 15 इस बात का खास ध्यान रखो कि तुममें से कोई भी परमेश्‍वर की महा-कृपा पाने से चूक न जाए ताकि तुम्हारे बीच कोई ज़हरीली जड़ न पैदा हो जो मुसीबत खड़ी करे और बहुत-से लोग उससे दूषित हो जाएँ।+ 16 और यह भी ध्यान रखो कि तुममें ऐसा कोई न हो जो नाजायज़ यौन-संबंध* रखता हो, न ही कोई एसाव जैसा हो जिसने पवित्र चीज़ों की कदर नहीं की और एक वक्‍त के खाने के बदले पहलौठा होने का हक बेच दिया।+ 17 तुम जानते हो कि बाद में जब उसने विरासत में आशीष पानी चाही तो उसे ठुकरा दिया गया। उसने आँसू बहा-बहाकर उसका* फैसला बदलने की बहुत कोशिश की,+ फिर भी वह उसे बदल न सका।

18 तुम सचमुच के पहाड़ के पास नहीं आए जिसे छुआ जा सके+ और जो आग की लपटों से जल रहा हो+ और न ही तुम काले बादल और घोर अंधकार और आँधी के पास आए हो।+ 19 न ही तुम तुरही की तेज़ आवाज़+ या किसी के बोलने की आवाज़ सुन रहे हो+ जिसे सुनने पर लोगों ने बिनती की थी कि उनसे और बात न की जाए।+ 20 क्योंकि वे इस आज्ञा से बहुत डर गए थे: “अगर कोई जानवर भी इस पहाड़ पर जाए, तो उसे पत्थरों से मार डाला जाए।”+ 21 और-तो-और, यह नज़ारा इतना भयानक था कि मूसा ने कहा, “मैं डर के मारे थर-थर काँप रहा हूँ।”+ 22 इसके बजाय तुम सिय्योन पहाड़ के पास+ और जीवित परमेश्‍वर की नगरी, स्वर्ग की यरूशलेम के पास,+ लाखों स्वर्गदूतों 23 की आम सभा में+ और परमेश्‍वर के पहलौठों की मंडली में आए हो, जिनके नाम स्वर्ग में लिखे गए हैं। और उस परमेश्‍वर के पास आए हो जो सबका न्यायी है+ और पवित्र शक्‍ति से पैदा हुए+ उन नेक जनों के पास आए हो जिन्हें परिपूर्ण किया गया है।+ 24 और नए करार+ के बिचवई यीशु+ और उस खून के पास आए हो जो उसने हम पर छिड़का है और जो हाबिल के खून से कहीं बेहतर तरीके से बोलता है।+

25 सावधान रहो कि तुम उसकी बात सुनने से इनकार न करो* जो तुमसे बोल रहा है। क्योंकि जब वे लोग नहीं बच सके जिन्होंने उसकी बात सुनने से इनकार कर दिया जो उन्हें धरती पर परमेश्‍वर की चेतावनी दे रहा था, तो सोचो हम उससे मुँह मोड़कर कैसे बच सकेंगे जो स्वर्ग से बात करता है!+ 26 गुज़रे वक्‍त में तो उसकी आवाज़ से धरती काँप उठी थी,+ मगर अब उसने यह वादा किया है: “मैं एक बार फिर न सिर्फ धरती को बल्कि आकाश को भी हिलाऊँगा।”+ 27 “एक बार फिर” इन शब्दों से पता चलता है कि हिलायी जानेवाली चीज़ें नाश हो जाएँगी यानी वे चीज़ें नाश हो जाएँगी जो परमेश्‍वर ने नहीं बनायीं ताकि वे चीज़ें हमेशा तक बनी रहें जिन्हें हिलाया नहीं जाता। 28 तो यह जानते हुए कि हमें ऐसा राज मिलनेवाला है जिसे हिलाया नहीं जा सकता, आओ हम परमेश्‍वर की महा-कृपा पाते रहें, जिसके ज़रिए हम परमेश्‍वर का डर मानते हुए और उसके लिए श्रद्धा रखते हुए उसकी पवित्र सेवा करते रहें जो उसे स्वीकार हो। 29 क्योंकि हमारा परमेश्‍वर भस्म करनेवाली आग है।+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें