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  • 1 तीमुथियुस 3
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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1 तीमुथियुस का सारांश

      • निगरानी करनेवालों की योग्यताएँ (1-7)

      • सहायक सेवकों की योग्यताएँ (8-13)

      • परमेश्‍वर की भक्‍ति का पवित्र रहस्य (14-16)

1 तीमुथियुस 3:1

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 20:28; तीत 1:5-9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2023, पेज 28

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 55

    संगठित, पेज 32-33, 40

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2016, पेज 21

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2014, पेज 3-4

    5/15/2010, पेज 24

    1/1/2001, पेज 9

    7/1/2000, पेज 29

    12/1/1999, पेज 28

    8/1/1999, पेज 14

    5/1/1991, पेज 10-15

    7/1/1991, पेज 25

    8/1/1991, पेज 18-19

    शिक्षण क्षमता, पेज 95

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (1थिस्स-प्रका), पेज 8

1 तीमुथियुस 3:2

फुटनोट

  • *

    या “समझ-बूझ से; समझदारी से काम लेता हो।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 12:3; 1पत 4:7
  • +प्रेष 28:7; 1पत 4:9
  • +1ती 5:17; 2ती 2:24; तीत 1:7, 9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 42

    संगठित, पेज 32, 34-37

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2013, पेज 29

    9/15/1999, पेज 10

    1/1/1997, पेज 28

    10/15/1996, पेज 17

    5/1/1991, पेज 16, 18-19

    सजग होइए!,

    7/8/1998, पेज 18-19

1 तीमुथियुस 3:3

संबंधित आयतें

  • +रोम 13:13
  • +फिल 4:5; याकू 3:17
  • +रोम 12:18; याकू 3:18
  • +इब्र 13:5; 1पत 5:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    संगठित, पेज 32, 35-36

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1991, पेज 17-18, 19-20

1 तीमुथियुस 3:4

फुटनोट

  • *

    या “के लिए अच्छा इंतज़ाम करता हो।”

संबंधित आयतें

  • +इफ 6:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    संगठित, पेज 32, 34, 133-134

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2011, पेज 26

    10/15/1996, पेज 20-21

    5/1/1991, पेज 16-17

    4/1/1990, पेज 26

1 तीमुथियुस 3:5

फुटनोट

  • *

    या “के लिए अच्छा इंतज़ाम करना।”

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    संगठित, पेज 32, 34

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2012, पेज 9

    10/15/1996, पेज 20-24

    5/1/1991, पेज 16-17

    4/1/1989, पेज 25

1 तीमुथियुस 3:6

संबंधित आयतें

  • +1ती 5:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    संगठित, पेज 32, 33-34

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1991, पेज 18

1 तीमुथियुस 3:7

फुटनोट

  • *

    या “उसका अच्छा नाम हो।”

  • *

    या “बेइज़्ज़ती।”

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 22:12; 1थि 4:11, 12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    संगठित, पेज 32, 34-35

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2005, पेज 30

    5/1/1991, पेज 16

1 तीमुथियुस 3:8

फुटनोट

  • *

    या “धोखा देनेवाली बातें।”

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 6:3; तीत 1:7; 1पत 5:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 55

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1991, पेज 17-18

1 तीमुथियुस 3:9

संबंधित आयतें

  • +1ती 1:5, 18, 19; 2ती 1:3; 1पत 3:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1991, पेज 18

1 तीमुथियुस 3:10

संबंधित आयतें

  • +1पत 2:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    संगठित, पेज 54

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2011, पेज 11

    5/1/2006, पेज 23-24

    5/1/1991, पेज 16, 18

    राज-सेवा,

    5/2000, पेज 8

1 तीमुथियुस 3:11

संबंधित आयतें

  • +1ती 5:13
  • +तीत 2:3-5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/1996, पेज 17

1 तीमुथियुस 3:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    संगठित, पेज 133-134

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1997, पेज 28

    5/1/1991, पेज 16-17

    4/1/1989, पेज 25

1 तीमुथियुस 3:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 55

1 तीमुथियुस 3:15

संबंधित आयतें

  • +इब्र 3:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2007, पेज 16

1 तीमुथियुस 3:16

संबंधित आयतें

  • +यूह 1:14; फिल 2:7
  • +1पत 3:18
  • +1पत 3:19, 20
  • +कुल 1:23
  • +कुल 1:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 196

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2008, पेज 31

    6/15/2008, पेज 13

    2/15/2006, पेज 19

    10/15/1997, पेज 11

    7/1/1990, पेज 18-23

    8/1/1990, पेज 14-24

    10/1/1990, पेज 21

    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 57

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

1 तीमु. 3:1प्रेष 20:28; तीत 1:5-9
1 तीमु. 3:2रोम 12:3; 1पत 4:7
1 तीमु. 3:2प्रेष 28:7; 1पत 4:9
1 तीमु. 3:21ती 5:17; 2ती 2:24; तीत 1:7, 9
1 तीमु. 3:3रोम 13:13
1 तीमु. 3:3फिल 4:5; याकू 3:17
1 तीमु. 3:3रोम 12:18; याकू 3:18
1 तीमु. 3:3इब्र 13:5; 1पत 5:2
1 तीमु. 3:4इफ 6:4
1 तीमु. 3:61ती 5:22
1 तीमु. 3:7प्रेष 22:12; 1थि 4:11, 12
1 तीमु. 3:8प्रेष 6:3; तीत 1:7; 1पत 5:2
1 तीमु. 3:91ती 1:5, 18, 19; 2ती 1:3; 1पत 3:16
1 तीमु. 3:101पत 2:12
1 तीमु. 3:111ती 5:13
1 तीमु. 3:11तीत 2:3-5
1 तीमु. 3:15इब्र 3:6
1 तीमु. 3:16यूह 1:14; फिल 2:7
1 तीमु. 3:161पत 3:18
1 तीमु. 3:161पत 3:19, 20
1 तीमु. 3:16कुल 1:23
1 तीमु. 3:16कुल 1:6
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
1 तीमुथियुस 3:1-16

तीमुथियुस के नाम पहली चिट्ठी

3 यह बात भरोसे के लायक है: अगर कोई आदमी निगरानी का काम करने की कोशिश में आगे बढ़ता है,+ तो वह एक बढ़िया काम करने की चाहत रखता है। 2 इसलिए निगरानी करनेवाले को ऐसा होना चाहिए जिस पर कोई आरोप न हो, उसकी एक ही पत्नी हो, वह हर बात में संयम बरतता हो, सही सोच रखता हो,*+ कायदे से चलता हो, मेहमान-नवाज़ी करनेवाला हो,+ सिखाने के काबिल हो,+ 3 पियक्कड़ न हो,+ मारपीट करनेवाला न हो, मगर लिहाज़ करनेवाला हो,+ झगड़ालू न हो,+ पैसे का लालची न हो,+ 4 अपने परिवार की अच्छी तरह अगुवाई करता हो,* जिसके बच्चे पूरी गंभीरता से उसके अधीन रहते हों,+ 5 (क्योंकि अगर एक आदमी अपने ही परिवार की अगुवाई करना* नहीं जानता, तो वह परमेश्‍वर की मंडली की देखभाल कैसे करेगा?) 6 नया विश्‍वासी न हो+ ताकि वह घमंड से फूल न जाए और वही सज़ा न पाए जो शैतान को दी गयी है। 7 यही नहीं, बाहरवाले भी उसके बारे में अच्छा कहते हों*+ ताकि उसकी बदनामी* न हो और वह शैतान के फंदे में न फँसे।

8 इसी तरह, सहायक सेवकों को भी गंभीर होना चाहिए। वे दोगली बातें* बोलनेवाले, बहुत ज़्यादा दाख-मदिरा पीनेवाले और बेईमानी की कमाई के लालची न हों।+ 9 और वे साफ ज़मीर के साथ विश्‍वास यानी पवित्र रहस्य को थामे रहते हों।+

10 यही नहीं, पहले उन्हें परखा जाए कि वे योग्य हैं या नहीं, फिर जब वे निर्दोष पाए जाएँ तो उन्हें सेवकों का काम दिया जाए।+

11 इसी तरह, औरतों को गंभीर होना चाहिए। वे दूसरों को बदनाम करनेवाली न हों,+ हर बात में संयम बरतनेवाली हों, सब बातों में विश्‍वासयोग्य हों।+

12 सहायक सेवक एक ही पत्नी का पति हो, अपने बच्चों और परिवार की अच्छी तरह से अगुवाई करनेवाला हो। 13 इसलिए कि जो अच्छी तरह सेवा करते हैं वे अच्छा नाम कमाते हैं और उस विश्‍वास के बारे में, जो मसीह यीशु में है, बेझिझक बोलने की हिम्मत पाते हैं।

14 हालाँकि मैं तेरे पास जल्द आने की उम्मीद कर रहा हूँ फिर भी मैं तुझे ये बातें लिख रहा हूँ 15 ताकि अगर मुझे आने में देर हुई तो भी तुझे पता रहेगा कि परमेश्‍वर के घराने में तुझे किस तरह पेश आना चाहिए।+ यह घराना जीवित परमेश्‍वर की मंडली है और सच्चाई का खंभा और सहारा है। 16 वाकई, परमेश्‍वर के लिए भक्‍ति का यह पवित्र रहस्य बहुत महान है: ‘यीशु हाड़-माँस के शरीर में ज़ाहिर किया गया,+ अदृश्‍य शरीर देकर उसे नेक ठहराया गया,+ वह स्वर्गदूतों के सामने प्रकट हुआ,+ दूसरे राष्ट्रों में उसका प्रचार किया गया,+ दुनिया में उस पर यकीन किया गया+ और उसे महिमा देकर स्वर्ग उठा लिया गया।’

हिंदी साहित्य (1972-2025)
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