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  • यूहन्‍ना 4
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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यूहन्‍ना का सारांश

      • यीशु और सामरी औरत (1-38)

        • परमेश्‍वर की उपासना “पवित्र शक्‍ति और सच्चाई से” करना (23, 24)

      • कई सामरियों ने यीशु का यकीन किया (39-42)

      • यीशु ने अधिकारी के बेटे को ठीक किया (43-54)

यूहन्‍ना 4:1

तसवीरें और वीडियो

  • यीशु थका-माँदा याकूब के कुँए के पास आता है, जो सामरिया के सूखार शहर में है (यीशु की ज़िंदगी 3 13:28-14:35)

संबंधित आयतें

  • +यूह 3:22

यूहन्‍ना 4:2

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1989, पेज 6

यूहन्‍ना 4:5

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  • +उत 33:18, 19; यह 24:32

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1997, पेज 30

यूहन्‍ना 4:6

फुटनोट

  • *

    या “पानी का सोता।”

  • *

    यानी दोपहर करीब 12 बजे।

संबंधित आयतें

  • +यूह 4:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1997, पेज 30

यूहन्‍ना 4:7

तसवीरें और वीडियो

  • यीशु एक सामरी औरत से बातचीत शुरू करता है (यीशु की ज़िंदगी 3 14:35-16:52)

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्यार, पाठ 1

    सजग होइए!,

    1/2008, पेज 4

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1989, पेज 27-28

यूहन्‍ना 4:9

संबंधित आयतें

  • +2रा 17:24; प्रेष 10:28

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 30

    2/1/1997, पेज 31

    11/1/1990, पेज 5

    8/1/1987, पेज 22

    सजग होइए!,

    10/8/2004, पेज 8

यूहन्‍ना 4:10

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  • +इफ 2:8
  • +यूह 7:37

यूहन्‍ना 4:12

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  • खोजबीन गाइड

    मेरा चेला बन जा, पेज 77

यूहन्‍ना 4:14

संबंधित आयतें

  • +यूह 6:35
  • +यूह 7:38; रोम 6:23; 1यूह 5:20

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2009, पेज 9

    1/1/1996, पेज 30

    3/1/1991, पेज 10-11

    8/1/1986, पेज 17

यूहन्‍ना 4:16

तसवीरें और वीडियो

  • यीशु उस सामरी औरत को सच्ची उपासना के बारे में सिखाता है (यीशु की ज़िंदगी 3 16:52-18:39)

यूहन्‍ना 4:19

संबंधित आयतें

  • +लूक 7:16; यूह 9:17

यूहन्‍ना 4:20

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यूहन्‍ना 4:21

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  • खोजबीन गाइड

    ज्ञान, पेज 43

यूहन्‍ना 4:22

संबंधित आयतें

  • +2रा 17:29, 33
  • +यश 2:3; रोम 9:4

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2002, पेज 15

    ज्ञान, पेज 43-45

यूहन्‍ना 4:23

संबंधित आयतें

  • +2इत 16:9

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  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    9/2018, पेज 4

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2008, पेज 31

    2/1/1994, पेज 11

    मृत्यु पर विजय, पेज 21-22

यूहन्‍ना 4:24

संबंधित आयतें

  • +2कुर 3:17; 1ती 1:17; इब्र 11:27
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    यहोवा के करीब, पेज 315-316

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 7

    सजग होइए!,

    अंक 2 2017, पेज 15

    7/2013, पेज 10

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2008, पेज 31

    7/15/2002, पेज 15

    9/15/2001, पेज 28

    1/15/1996, पेज 12-13

    5/1/1992, पेज 5

    ज्ञान, पेज 45

    हमारी समस्याएँ, पेज 7

    मृत्यु पर विजय, पेज 8-9, 21-22

यूहन्‍ना 4:25

तसवीरें और वीडियो

  • यीशु उस सामरी औरत पर यह ज़ाहिर करता है कि वही मसीहा है (यीशु की ज़िंदगी 3 18:39-19:06)

यूहन्‍ना 4:26

संबंधित आयतें

  • +यूह 9:35-37

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  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 50

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1987, पेज 8-9

यूहन्‍ना 4:27

तसवीरें और वीडियो

  • वह सामरी औरत दूसरे लोगों को गवाही देती है (यीशु की ज़िंदगी 3 19:06-19:45)

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2018, पेज 10-11

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/1995, पेज 15

    2/1/1990, पेज 26

    11/1/1990, पेज 5

    8/1/1987, पेज 22

यूहन्‍ना 4:31

तसवीरें और वीडियो

  • यीशु कहता है कि परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करना उसके लिए खाने जैसा है; वह कटाई की बात करता है (यीशु की ज़िंदगी 3 19:45-21:15)

संबंधित आयतें

  • +यूह 1:38

यूहन्‍ना 4:34

संबंधित आयतें

  • +यूह 6:38
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इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2023, पेज 7

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 22

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    11/2020, पेज 7

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2018, पेज 4

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2011, पेज 6-7

    7/1/1991, पेज 21-22

    7/1/1990, पेज 22

    10/1/1990, पेज 6

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 60-61

यूहन्‍ना 4:35

संबंधित आयतें

  • +मत 9:37

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मेरा चेला बन जा, पेज 85-86

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2020, पेज 8, 13

    यीशु—राह, पेज 50-51

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 87-89

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2010, पेज 16

    7/15/2001, पेज 20

    1/1/1991, पेज 18-19

    8/1/1986, पेज 17

    8/1/1987, पेज 14

यूहन्‍ना 4:36

संबंधित आयतें

  • +1कुर 3:8

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    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 87-88, 92-95

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2001, पेज 20

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यूहन्‍ना 4:39

तसवीरें और वीडियो

  • कई सामरियों ने यीशु का यकीन किया कि वही “दुनिया का उद्धारकर्ता है” (यीशु की ज़िंदगी 3 21:15-22:07)

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  • +यूह 4:29

यूहन्‍ना 4:42

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यूहन्‍ना 4:43

तसवीरें और वीडियो

  • यीशु गलील में प्रचार शुरू करता है (यीशु की ज़िंदगी 3 22:07-23:07)

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/1987, पेज 9

यूहन्‍ना 4:44

संबंधित आयतें

  • +मत 13:57; मर 6:4; लूक 4:24

इंडैक्स

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    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/1987, पेज 9

यूहन्‍ना 4:45

संबंधित आयतें

  • +यूह 2:23
  • +व्य 16:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/1987, पेज 9

यूहन्‍ना 4:46

तसवीरें और वीडियो

  • यीशु गलील के काना में एक अधिकारी के बेटे को ठीक करता है (यीशु की ज़िंदगी 3 23:07-26:20)

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यूहन्‍ना 4:48

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यूहन्‍ना 4:50

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यूहन्‍ना 4:52

फुटनोट

  • *

    यानी दोपहर करीब 1 बजे।

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/1987, पेज 9

यूहन्‍ना 4:53

संबंधित आयतें

  • +मत 8:13

यूहन्‍ना 4:54

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  • +यूह 2:11

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    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/1987, पेज 9

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

यूह. 4:1यूह 3:22
यूह. 4:5उत 33:18, 19; यह 24:32
यूह. 4:6यूह 4:12
यूह. 4:92रा 17:24; प्रेष 10:28
यूह. 4:10इफ 2:8
यूह. 4:10यूह 7:37
यूह. 4:14यूह 6:35
यूह. 4:14यूह 7:38; रोम 6:23; 1यूह 5:20
यूह. 4:19लूक 7:16; यूह 9:17
यूह. 4:20व्य 12:5, 6; 1रा 9:3; 2इत 7:12; भज 122:उपरिलेख-9
यूह. 4:222रा 17:29, 33
यूह. 4:22यश 2:3; रोम 9:4
यूह. 4:232इत 16:9
यूह. 4:242कुर 3:17; 1ती 1:17; इब्र 11:27
यूह. 4:24रोम 12:1
यूह. 4:26यूह 9:35-37
यूह. 4:31यूह 1:38
यूह. 4:34यूह 6:38
यूह. 4:34यूह 5:30, 36; 17:4; 19:30
यूह. 4:35मत 9:37
यूह. 4:361कुर 3:8
यूह. 4:39यूह 4:29
यूह. 4:42मत 1:21; यूह 1:29; 1ती 1:15; 1यूह 4:14
यूह. 4:44मत 13:57; मर 6:4; लूक 4:24
यूह. 4:45यूह 2:23
यूह. 4:45व्य 16:16
यूह. 4:46यूह 2:1-11
यूह. 4:48मत 16:1; 1कुर 1:22
यूह. 4:50मत 8:13; मर 7:29, 30
यूह. 4:53मत 8:13
यूह. 4:54यूह 2:11
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
यूहन्‍ना 4:1-54

यूहन्‍ना के मुताबिक खुशखबरी

4 जब प्रभु को पता चला कि फरीसियों ने यह बात सुनी है कि यीशु, यूहन्‍ना से ज़्यादा चेले बना रहा है और उन्हें बपतिस्मा दे रहा है + 2 (हालाँकि यीशु खुद बपतिस्मा नहीं देता था बल्कि उसके चेले देते थे), 3 तो वह यहूदिया छोड़कर फिर से गलील चला गया। 4 मगर उसे सामरिया से होकर जाना ज़रूरी था। 5 रास्ते में वह सामरिया के सूखार नाम के एक शहर पहुँचा। यह शहर उस ज़मीन के पास था जो याकूब ने अपने बेटे यूसुफ को दी थी।+ 6 दरअसल याकूब का कुआँ* वहीं था+ और यीशु सफर से थका-माँदा कुएँ के पास बैठा था। यह दिन का करीब छठा घंटा* था।

7 वहाँ सामरिया की एक औरत पानी भरने आयी। तब यीशु ने उससे कहा, “मुझे पानी पिला।” 8 (उसके चेले खाना खरीदने शहर गए हुए थे।) 9 उस सामरी औरत ने उससे कहा, “तू एक यहूदी होकर मुझसे पानी कैसे माँग रहा है, मैं तो एक सामरी औरत हूँ?” (क्योंकि यहूदी, सामरियों से कोई नाता नहीं रखते।)+ 10 यीशु ने कहा, “अगर तू यह जानती कि परमेश्‍वर का मुफ्त वरदान क्या है+ और यह कौन है जो तुझसे कह रहा है कि ‘मुझे पानी पिला,’ तो तू उससे पानी माँगती और वह तुझे जीवन देनेवाला पानी देता।”+ 11 तब औरत ने कहा, “तेरे पास तो पानी निकालने के लिए कोई बरतन तक नहीं है और कुआँ भी गहरा है। फिर तेरे पास यह जीवन देनेवाला पानी कहाँ से आया? 12 क्या तू हमारे पुरखे याकूब से भी महान है जिसने हमें यह कुआँ दिया था और इसी से उसने, उसके बेटों और मवेशियों ने भी पीया था?” 13 यीशु ने जवाब दिया, “हर कोई जो यह पानी पीता है वह फिर प्यासा होगा। 14 मगर जो कोई वह पानी पीएगा, जो मैं उसे दूँगा वह फिर कभी प्यासा नहीं होगा।+ जो पानी मैं उसे दूँगा वह उसके अंदर पानी का एक सोता बन जाएगा और हमेशा की ज़िंदगी देने के लिए उमड़ता रहेगा।”+ 15 तब औरत ने कहा, “मुझे वह पानी दे ताकि मुझे प्यास न लगे, न ही मुझे पानी भरने के लिए बार-बार यहाँ आना पड़े।”

16 उसने औरत से कहा, “जा और अपने पति को लेकर यहाँ आ।” 17 औरत ने कहा, “मेरा कोई पति नहीं।” यीशु ने उससे कहा, “तूने सही कहा कि मेरा कोई पति नहीं। 18 क्योंकि तेरे पाँच पति हो चुके हैं और अब तू जिस आदमी के साथ रहती है वह भी तेरा पति नहीं है। तूने बिलकुल सच कहा।” 19 तब औरत ने उससे कहा, “प्रभु, तू ज़रूर एक भविष्यवक्‍ता है!+ 20 हमारे पुरखे इस पहाड़ पर उपासना करते थे, मगर तुम लोग कहते हो कि यरूशलेम वह जगह है जहाँ उपासना की जानी चाहिए।”+ 21 यीशु ने उससे कहा, “मेरा यकीन कर, वह समय आ रहा है जब तुम लोग न तो इस पहाड़ पर, न ही यरूशलेम में पिता की उपासना करोगे। 22 तुम ज्ञान के बिना उपासना करते हो+ मगर हम ज्ञान के साथ उपासना करते हैं क्योंकि उद्धार की शुरूआत यहूदियों से होती है।+ 23 मगर वह समय आ रहा है और अभी-भी है, जब सच्चे उपासक पिता की उपासना पवित्र शक्‍ति और सच्चाई से करेंगे। दरअसल, पिता ऐसे लोगों को ढूँढ़ रहा है जो इसी तरह उसकी उपासना करेंगे।+ 24 परमेश्‍वर अदृश्‍य है+ और उसकी उपासना करनेवालों को पवित्र शक्‍ति और सच्चाई से उसकी उपासना करनी चाहिए।”+ 25 तब उस औरत ने उससे कहा, “मैं जानती हूँ कि मसीहा आनेवाला है जो अभिषिक्‍त कहलाता है। जब वह आएगा तो हमें सारी बातें खुलकर समझाएगा।” 26 यीशु ने उससे कहा, “मैं जो तुझसे बात कर रहा हूँ, वही हूँ।”+

27 तभी उसके चेले लौट आए और वे यह देखकर हैरान रह गए कि वह एक औरत से बात कर रहा है। फिर भी किसी ने उससे नहीं पूछा, “तुझे क्या चाहिए?” या “तू इस औरत से क्यों बात कर रहा है?” 28 तब वह औरत अपना पानी का घड़ा वहीं छोड़कर शहर चली गयी और लोगों से कहने लगी, 29 “आओ मेरे साथ चलो, उस आदमी को देखो जिसने वह सब बता दिया जो मैंने किया है। कहीं वह मसीह तो नहीं?” 30 लोग शहर से निकलकर उसके पास आने लगे।

31 इस दौरान चेले उससे बार-बार कहते रहे, “गुरु,+ खाना खा ले।” 32 मगर उसने उनसे कहा, “मेरे पास ऐसा खाना है जिसके बारे में तुम नहीं जानते।” 33 तब चेले एक-दूसरे से कहने लगे, “कोई उसके खाने के लिए कुछ ले तो नहीं आया था?” 34 यीशु ने उनसे कहा, “मेरा खाना यह है कि मैं अपने भेजनेवाले की मरज़ी पूरी करूँ+ और उसका काम पूरा करूँ।+ 35 तुम कहते हो न कि फसल की कटाई के लिए अभी चार महीने बाकी हैं? देखो! मैं तुमसे कहता हूँ, अपनी आँखें उठाओ और खेतों पर नज़र डालो, वे कटाई के लिए पक चुके हैं।+ 36 कटाई करनेवाला अभी से मज़दूरी पा रहा है और हमेशा की ज़िंदगी के लिए फसल बटोर रहा है ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर खुशियाँ मनाएँ।+ 37 इस मामले में वाकई यह कहावत सच है कि बोता कोई और है, काटता कोई और। 38 मैंने तुम्हें वह फसल काटने भेजा जिसके लिए तुमने मेहनत नहीं की। दूसरों ने कड़ी मेहनत की और तुम उनकी मेहनत का फल पा रहे हो।”

39 उस शहर के बहुत-से सामरियों ने उस पर विश्‍वास किया क्योंकि उस औरत ने यह कहते हुए गवाही दी थी, “उसने वह सब बता दिया जो मैंने किया है।”+ 40 इसलिए जब सामरिया के लोग यीशु के पास आए, तो उससे गुज़ारिश करने लगे कि वह उनके यहाँ ठहरे और वह उनके यहाँ दो दिन ठहरा। 41 नतीजा यह हुआ कि और भी कई लोगों ने उसकी बातें सुनकर यकीन किया 42 और वे औरत से कहने लगे, “अब हम सिर्फ तेरी बात सुनने की वजह से नहीं बल्कि इसलिए यकीन करते हैं क्योंकि हमने खुद सुन लिया है और जान लिया है कि यह आदमी सचमुच दुनिया का उद्धारकर्ता है।”+

43 दो दिन बाद यीशु वह जगह छोड़कर गलील के लिए निकल पड़ा। 44 मगर उसने खुद कहा था कि अपने इलाके में एक भविष्यवक्‍ता का आदर नहीं होता।+ 45 जब वह गलील पहुँचा तो वहाँ के लोगों ने उसका स्वागत किया क्योंकि उन्होंने वे सारे काम देखे थे जो उसने त्योहार के वक्‍त यरूशलेम में किए थे।+ वे लोग भी त्योहार के लिए वहाँ गए थे।+

46 फिर यीशु गलील के काना में आया, जहाँ उसने पानी को दाख-मदिरा में बदला था।+ कफरनहूम में राजा का एक अधिकारी था, जिसका बेटा बीमार था। 47 जब इस आदमी ने सुना कि यीशु यहूदिया से गलील आ गया है, तो वह उसके पास गया और उससे बिनती करने लगा कि वह आए और उसके बेटे को ठीक करे क्योंकि उसका बेटा मरनेवाला था। 48 लेकिन यीशु ने उससे कहा, “जब तक तुम लोग चिन्ह और चमत्कार न देख लो, तुम हरगिज़ यकीन नहीं करोगे।”+ 49 राजा के अधिकारी ने उससे कहा, “प्रभु, इससे पहले कि मेरा बच्चा मर जाए, मेरे साथ चल।” 50 यीशु ने उससे कहा, “जा, तेरा बेटा ज़िंदा है।”+ उस आदमी ने यीशु की बात पर यकीन किया और अपने रास्ते चल दिया। 51 जब वह रास्ते में ही था, तो उसके दास उससे मिले और उन्होंने कहा कि उसका लड़का ठीक हो गया है। 52 उसने उनसे पूछा कि लड़का किस वक्‍त ठीक हुआ था। उन्होंने कहा, “कल सातवें घंटे* में उसका बुखार उतर गया।” 53 तब पिता जान गया कि यह वही घड़ी थी जब यीशु ने उससे कहा था, “तेरा बेटा ज़िंदा है।”+ और उसने और उसके पूरे घराने ने यीशु पर यकीन किया। 54 यह यीशु का दूसरा चमत्कार था+ जो उसने यहूदिया से गलील आने पर किया था।

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