1
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का प्रचार काम (1-8)
यीशु का बपतिस्मा (9-11)
शैतान ने यीशु को फुसलाने की कोशिश की (12, 13)
यीशु ने गलील में प्रचार शुरू किया (14, 15)
शुरूआती चेले चुने गए (16-20)
दुष्ट स्वर्गदूत निकाला गया (21-28)
यीशु कफरनहूम में कई बीमारों को ठीक करता है (29-34)
एकांत जगह में प्रार्थना करता है (35-39)
एक कोढ़ी को ठीक करता है (40-45)
2
यीशु, लकवे के मारे हुए को ठीक करता है (1-12)
लेवी को बुलाता है (13-17)
उपवास के बारे में सवाल (18-22)
यीशु ‘सब्त के दिन का प्रभु’ (23-28)
3
सूखे हाथवाला आदमी ठीक होता है (1-6)
झील के किनारे एक बड़ी भीड़ (7-12)
12 प्रेषित (13-19)
पवित्र शक्ति के खिलाफ निंदा की बातें (20-30)
यीशु की माँ और उसके भाई (31-35)
4
5
6
यीशु अपने नगर में ठुकराया गया (1-6)
12 चेलों को प्रचार की हिदायतें (7-13)
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की मौत (14-29)
यीशु ने 5,000 को खिलाया (30-44)
यीशु पानी पर चलता है (45-52)
गन्नेसरत में बीमारों को ठीक करता है (53-56)
7
इंसानी परंपराओं का परदाफाश (1-13)
दिल से निकलनेवाली बातें ही दूषित करती हैं (14-23)
सीरिया के फीनीके की रहनेवाली औरत का विश्वास (24-30)
बहरा आदमी ठीक किया गया (31-37)
8
यीशु ने 4,000 को खिलाया (1-9)
चिन्ह दिखाने के लिए कहा (10-13)
फरीसियों और हेरोदेस का खमीर (14-21)
बैतसैदा में अंधा आदमी ठीक किया जाता है (22-26)
पतरस बताता है कि यीशु ही मसीह है (27-30)
यीशु की मौत की भविष्यवाणी (31-33)
सच्चा चेला कौन है (34-38)
9
यीशु का रूप बदला (1-13)
दुष्ट स्वर्गदूत के कब्ज़े में पड़ा लड़का ठीक हुआ (14-29)
यीशु एक बार फिर अपनी मौत की भविष्यवाणी करता है (30-32)
चेले बहस करते हैं कि कौन बड़ा है (33-37)
जो हमारे खिलाफ नहीं, वह हमारे साथ है (38-41)
ठोकर खिलाना (42-48)
“खुद में नमक जैसा स्वाद रखो” (49, 50)
10
शादी और तलाक (1-12)
यीशु बच्चों को आशीर्वाद देता है (13-16)
एक अमीर आदमी का सवाल (17-25)
राज की खातिर त्याग (26-31)
यीशु एक बार फिर अपनी मौत की भविष्यवाणी करता है (32-34)
याकूब और यूहन्ना की गुज़ारिश (35-45)
बरतिमाई नाम का अंधा आदमी ठीक किया गया (46-52)
11
यीशु राजा की हैसियत से दाखिल होता है (1-11)
अंजीर के पेड़ को शाप दिया गया (12-14)
यीशु मंदिर को शुद्ध करता है (15-18)
सूखे अंजीर के पेड़ से सबक (19-26)
यीशु के अधिकार पर सवाल उठाया गया (27-33)
12
खून करनेवाले बागबानों की मिसाल (1-12)
परमेश्वर और सम्राट (13-17)
मरे हुओं के ज़िंदा होने के बारे में सवाल (18-27)
दो सबसे बड़ी आज्ञाएँ (28-34)
मसीह, दाविद का सिर्फ एक वंशज? (35-37क)
शास्त्रियों के बारे में चेतावनी (37ख-40)
गरीब विधवा के दो पैसे (41-44)
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याजक, यीशु को मार डालने की साज़िश करते हैं (1, 2)
यीशु पर खुशबूदार तेल उँडेला गया (3-9)
यहूदा, यीशु को धोखा देता है (10, 11)
आखिरी फसह (12-21)
प्रभु के संध्या-भोज की शुरूआत (22-26)
भविष्यवाणी कि पतरस इनकार कर देगा (27-31)
यीशु गतसमनी में प्रार्थना करता है (32-42)
यीशु की गिरफ्तारी (43-52)
महासभा के सामने मुकदमा (53-65)
पतरस, यीशु को जानने से इनकार कर देता है (66-72)
15
यीशु, पीलातुस के सामने (1-15)
सरेआम मज़ाक उड़ाया गया (16-20)
गुलगुता में काठ पर ठोंक दिया गया (21-32)
यीशु की मौत (33-41)
यीशु को दफनाया गया (42-47)
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