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  • विलंबन समय का चोर
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विलंबन समय का चोर

“विलंबन समय का चोर है।”—एडवर्ड यंग, लगभग १७४२.

रुकिए! इस लेख को छोड़िए नहीं! आप जानते हैं कि क्या हो सकता है। आप शायद इसे छोड़ दें और कहें: “यह एक दिलचस्प शीर्षक है, लेकिन इसे अभी पढ़ने के लिए मेरे पास समय नहीं है। मैं इसे बाद में पढ़ूँगा।” लेकिन ‘बाद में’ शायद कभी नहीं आएगा।

विलंबन पर लेख पढ़ने के लिए विलंब न कीजिए! देखिए कि इस लेख को पढ़ने के लिए आप कितना समय लेते हैं। संभवतः आप इस लेख को लगभग पाँच मिनट में पढ़ पाएँगे। तब आप इस पूरी पत्रिका का लगभग १० प्रतिशत ख़त्म कर चुके होंगे! अब अपनी घड़ी को देखिए और समय का हिसाब रखना शुरू कीजिए। (आप इस लेख का ५ प्रतिशत पढ़ चुके हैं!)

क्या यह विलंबन है?

आप जो अभी कर सकते हैं या आपको जो अभी करना चाहिए, अगर आप उसे टालते हैं, स्थगित करते हैं तो आप विलंब करते हैं। दूसरे शब्दों में, आप कल तक के लिए उस बात को टाल देते हैं जो आप अभी, आज कर सकते हैं। विलंबी ऐसे कार्य को करने में देरी करता है जिसे करने की ज़रूरत है।

एक पर्यवेक्षक किसी कर्मचारी से रिपोर्ट माँगता है; माता-पिता अपने बच्चे से उसका कमरा साफ़ करने के लिए कहते हैं; पत्नी अपने पति से नल की मरम्मत करने के लिए कहती है। “मैं बहुत व्यस्त था” या, “मैं भूल गया” या, “मुझे समय नहीं मिला” जैसे बहाने उस काम को नहीं करने के लिए दिए जाते हैं। सच्चाई यह है कि जब ज़्यादा आनन्ददायक काम करने के लिए हैं, तो हम में से बहुत कम व्यक्‍ति रिपोर्ट लिखना या कमरे साफ़ करना या नलकारी की मरम्मत करना पसंद करते हैं। इसलिए हम उसे टाल देते हैं, हम उसे करने में देरी करते हैं।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कभी-कभी जब हम किसी काम को टालते हैं तो वह विलंबन नहीं होता? एक व्यापार करनेवाली स्त्री जिसे एक आवेदन मिलता है और नहीं जानती कि उसके साथ क्या करे, उसे अपनी मेज़ पर एक बक्स में डाल देती है, जिस पर “स्थगित” का लेबल लगा हुआ है। कुछ सप्ताह बाद, वह इन बातों पर पुनर्विचार करती है और पाती है कि उनमें से आधी बातों पर कोई कार्य करने की ज़रूरत नहीं है। समस्याएँ अपने आप सुलझ गयीं हैं या इन बातों की आवश्‍यकता नहीं रही। यदि आप अनिश्‍चित हैं कि देर की जाए या कार्य किया जाए, तो इस बात को तय करने की कोशिश कीजिए कि जिस बात को आप स्थगित कर रहे हैं अगर उसे कभी न करें तो क्या होगा। अगर आप उसे करते हैं तो उसका परिणाम बेहतर होने की संभावना है या बदतर?

अगर हम अभी कार्य कर सकते हैं और हमें करना चाहिए और ज़रूरी कार्य करने में देरी करना बाद में ज़्यादा समस्याएँ पैदा कर सकता है, तब देर करना विलंबन होता है। उदाहरण के लिए, जूठे बर्तनों को कुछ समय तक रखने के बाद धोना, उन्हें अच्छी तरह माँजकर साफ़ करना मुश्‍किल कर देता है। गाड़ी के रख-रखाव को स्थगित करने का परिणाम, बाद में ख़र्चीली मरम्मत हो सकती है। बिल की अदायगी में देर करने का परिणाम अधिक अदायगी या सेवाओं को खो देना हो सकता है। एक स्त्री ने हिसाब लगाया कि उसके अतिदेय चालान, विडियोटेप और लाइब्रेरी की किताबों पर लेट फीस कुल ४६ डॉलर थी! यह सिर्फ़ एक महीने के लिए था!

चोर को पकड़ना

आपके विलंब करने के कारण को समझिए। निम्नलिखित कारणों पर एक नज़र डालिए और देखिए कि क्या आप उस कारण को पहचान सकते हैं जो आपकी हाल की परियोजना, जिसे आपने शुरू नहीं किया या समाप्त नहीं किया, पर ठीक बैठता है:

आदत:

यदि मैं आख़री मिनट तक रुक जाऊँ, तो मुझे उस काम को समाप्त करने के लिए ज़्यादा प्रेरणा मिलेगी।

मुझे उस उत्तेजना से आनंद मिलता है जो उस काम को आख़री घड़ी में करने से मुझे मिलती है।

मैं तब तक रुकूँगा जब तक कि बॉस मुझे दो-चार बार याद न दिला दे, तब मैं समझ जाऊँगा कि वह वास्तव में उस काम को करवाना चाहता है।

मेरे पास करने के लिए इतना कुछ है कि सिर्फ़ अत्यावश्‍यक बातों पर ही मैं ध्यान दे पाता हूँ।

मनोवृत्ति:

मेरे पास इस कार्यनियुक्‍ति को पूरा करने के लिए इच्छा या प्रेरणा नहीं है।

जब मैं वह काम करने के योग्य हूँ और मूड में हूँ, तब मैं वह काम करता हूँ।

मैं कुछ और करना चाहता हूँ।

मुझ में आत्म-अनुशासन की कमी है।

डर:

मैं निश्‍चित नहीं हूँ कि मैं यह काम कर सकूँगा।

मेरे पास इसे करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है।

यह बहुत ही बड़ी परियोजना है। मुझे मदद की ज़रूरत है।

क्या होगा अगर मैं सफल नहीं हुआ या इसे समाप्त नहीं कर पाया?

मुझे इस परियोजना को पूरा करने के लिए सामग्री लेनी है।

मुझे डर है कि मेरी आलोचना की जाएगी या मुझे शर्मिंदा होना पड़ेगा।

भिन्‍न लोग भिन्‍न चरणों में विलंब करते हैं। कुछ लोग शुरू करने से पहले विलंब करते हैं क्योंकि वे परियोजना को बहुत बड़ी समझते हैं। दूसरे शुरू करते हैं, लेकिन लगभग आधा काम समाप्त होते-होते उनका उत्साह कम हो जाता है और वे उसे समाप्त करने के लिए टाल-मटोल करते हैं। कुछ और व्यक्‍ति काम समाप्त करने पर होते हैं लेकिन एक और परियोजना शुरू कर देते हैं, और पहली को अधूरा छोड़ देते हैं। (लेकिन, आप अच्छा कर रहे हैं। आप इस लेख को आधा पढ़ चुके हैं।)

एक परियोजना को शुरू या समाप्त नहीं करने के आपके कारण, तीनों वर्गों में वर्गीकृत हो सकते हैं। अब की आदत (अंग्रेज़ी) किताब में, नील फ्योरे ने लिखा: “ये तीन मुख्य समस्याएँ अधिकांश विलंबन की समस्याओं का मूल हैं: पीड़ित महसूस करना, अभिभूत होना और असफलता का भय।” कारण चाहे जो भी हों, यदि आप उनको ठीक पहचान सकेंगे, तो आप समाधान के क़रीब होंगे।

यदि आप अनिश्‍चित हैं कि आप क्यों विलंब करते हैं, तो हर आधे घंटे की अपनी गतिविधियों का एक सप्ताह तक एक रिकॉर्ड बनाइए। यह देखिए कि आप समय कैसे बिताते हैं। यह वास्तव में आपकी आँखें खोल सकता है, यह देखने के लिए कि हम महत्त्वपूर्ण कार्यों के बीच में अपेक्षाकृत महत्त्वहीन बातों पर कितना समय बिताते हैं। लेकिन इसके बाद क्या?

परिणामों के बारे में सोचिए

यह अपेक्षा करना कि कोई काम बिना प्रयास किए हो जाएगा, व्याकुलता की भावना पैदा कर सकता है। जब आप अपेक्षित अंतिम तारीख़ के क़रीब आते हैं, आप दबाव और चिन्ता महसूस करने लगते हैं। जैसे-जैसे ये भावनाएँ बढ़ती हैं, आपकी सृजनात्मक क्षमता में शायद बाधा पड़ जाए। आप लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्‍न तरीक़ों का अनुमान लगाने या उन पर विचार करने के लिए उतने प्रवृत्त नहीं होते, बल्कि आप मुख्यतः उसे ख़त्म करने में दिलचस्पी रखते हैं।

उदाहरण के लिए: आपको किसी ख़ास विषय पर एक प्रस्तुति देने के लिए नियुक्‍त किया गया है। उसकी पहली रात को, आप काग़ज़ पर कुछ शब्द लिखने के लिए बैठ जाते हैं। आपने अपने विषय पर खोज करने के लिए पर्याप्त समय नहीं बिताया है, इसलिए आप किसी तरह काम चला लेते हैं। शायद सिर्फ़ थोड़े और प्रयास से, आप अपने श्रोताओं को उस विषय का मानसिक चित्र खींचने में मदद करने के लिए अनुभव, समर्थन करनेवाली जानकारी या चार्ट सम्मिलित कर सकते थे।

एक परियोजना में देर करने का एक और परिणाम होता है, अपने ख़ाली समय में आराम करने में असमर्थता। यह इसलिए होता है क्योंकि हम परेशान होंगे (या कोई परेशान करनेवाला निरन्तर हमें याद दिलाता रहेगा) कि हमने परियोजना को अधूरा छोड़ दिया है।

मैं क्या कर सकता हूँ?

एक सूची बनाइए। यह एक रात पहले कीजिए। आप अगले दिन जो काम निष्पन्‍न करना चाहते हैं उन्हें लिख लीजिए। इस प्रकार आप कुछ भूलेंगे नहीं और आप अपनी प्रगति को देखेंगे जब आप पूरे किए गए कामों के सामने निशान लगाते जाएँगें। लिखे हुए प्रत्येक काम की दायीं ओर, यह लिख दीजिए कि उस नियुक्‍ति को पूरा करने के लिए आपके अनुमान से कितना समय लगेगा। यदि आप एक दिन के लिए ‘करना है’ सूची बना रहे हैं, तो आपके अनुमान से जितने मिनट लगेंगे वह लिखिए। यदि आप एक परियोजना सूची बना रहे हैं, तो अनुमानित घंटे लिखिए। यह सूची एक रात पहले बनाइए। अगले दिन के लिए अपनी सूची तैयार करने के लिए कुछ मिनट निकालिए। एक मासिक कैलेंडर अपने पास रखिए। जब आप नियुक्‍तियाँ स्वीकार करते हैं और किसी से मिलने का वक़्त तय करते हैं तो उन्हें लिख लीजिए।

जब आप अगले दिन के कार्यों पर पुनर्विचार करते हैं, तो प्रत्येक काम जो पूरा किया जाना है उसके आगे क, ख, ग, इत्यादि लिखते हुए अपने कैलेंडर पर कामों की प्राथमिकता निश्‍चित कीजिए। कुछ लोग सुबह के वक़्त बेहतर रीति से काम करते हैं, दूसरे दोपहर या शाम के वक़्त बेहतर रीति से काम करते हैं। अपनी सबसे बड़ी परियोजनाओं को अपने सर्वोत्तम समय के लिए रखिए। कम आनन्ददायक कामों को ज़्यादा आनन्ददायक कामों से पहले रखिए।

समय निर्धारित कीजिए। यदि आप हमेशा देर करते हैं और देर होने की वजह से आपको अक्षरशः भागना पड़ता है, तो समय निर्धारित करना सीखिए। अर्थात्‌, एक काम को करने के लिए आपको कितनी देर लगेगी इसका ठीक निर्धारण कीजिए। जो “संकट” आ सकता है उसके लिए काम में कुछ अतिरिक्‍त मिनट जोड़ दीजिए। मिलने के वक़्त के बीच समय रखना न भूलिए। आपको सफ़र का समय जोड़ने की ज़रूरत है। आप एक मीटिंग को सुबह १० बजे समाप्त करके दूसरी मीटिंग पर सुबह १० बजे नहीं पहुँच सकते चाहे वह पास के कमरे में क्यों न हो, नगर के दूसरे भाग में तो दूर की बात है। बीच में पर्याप्त समय दीजिए।

काम सौंपिए। अकसर हम ख़ुद ही सबकुछ करने की कोशिश करते हैं, हालाँकि हमेशा ऐसा करने की शायद ज़रूरत न हो। दूसरा व्यक्‍ति शायद हमारे लिए एक पैकेट पोस्ट कर दे अगर हमें पता हो कि वह पोस्ट ऑफिस जा रहा है।

विभाजित कीजिए। कभी-कभी हम एक नयी परियोजना को उसके आकार के कारण शुरू नहीं करते। क्यों न उस बड़े काम को छोटे कामों में विभाजित करें? जैसे-जैसे हम छोटे कामों को पूरा करते हैं, हम अपनी प्रगति देखेंगे और अगला चरण पूरा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

रुकावटों के लिए तैयार रहिए। हमारे कार्यदिन में हमेशा रुकावटें आती हैं—फ़ोन, भेंट करनेवाले, समस्याएँ, डाक। हम प्रभावकारी रूप से काम करना चाहते हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि अन्य लोगों के साथ काम करना जिनके अपने काम की भी अंतिम तारीख़ होती है। अगर हम सिर्फ़ प्रभावकारी रूप से काम करने के बारे में चिन्तित हैं, तो हम परेशान हो जाएँगे जब दूसरे हमारे कार्यों में रुकावट डालते हैं। इसलिए रुकावटों के लिए तैयार रहिए। प्रतिदिन अनायोजित बातों के लिए समय अलग रखिए। जब ये बातें सामने आती हैं, तब आप उन पर ध्यान दे सकते हैं, यह जानते हुए कि आपने उनके लिए कुछ समय अलग रखा है।

प्रतिफल। जब आप अपनी सारणी बनाते हैं, तो आपको लगभग ९० मिनट के लिए तीव्र या एकाग्रचित्त कार्य करने की योजना करनी चाहिए। उस कार्य को करने की तैयारी के लिए समय अलग रखना न भूलिए। उस कार्य को असल में शुरू करने और लगभग डेढ़ घंटा काम करते रहने के बाद, आपको शायद थोड़ी देर अवकाश की ज़रूरत हो। अगर आप ऑफिस में काम करते हैं, तो रुकिए, अंगड़ाई लीजिए और सोचिए। अगर आप बाहर काम करते हैं, तो कुछ अल्पाहार लीजिए। अपने काम के लिए ख़ुद को प्रतिफल दीजिए।—सभोपदेशक ३:१३.

ज़रा सोचिए, शीर्षक को पढ़ने के बाद आपने इस लेख को लगभग पाँच मिनट में समाप्त किया है। आप शायद सुधार के रास्ते पर हों!

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