अंत करीब है—प्रचार के काम में कड़ी मेहनत कीजिए
जब खेतों में कटनी चल रही होती है, तब चारों तरफ खुशियों का माहौल होता है। मगर यह कड़ी मेहनत करने का भी वक्त होता है क्योंकि थोड़े-से समय के अंदर ही पूरी फसल को काटना होता है। इसीलिए कोई मज़दूर अपना समय यूँ ही बरबाद करने की तो सोच भी नहीं सकता!
२ यीशु ने ‘जगत के अन्त’ की तुलना कटनी के समय के साथ की। (मत्ती १३:३९) हम इस जगत के अंत के समय में जी रहे हैं, इसलिए “सारे जगत में” प्रचार करने के लिए बहुत थोड़ा-सा समय रह गया है। (मत्ती २४:१४) जैसे-जैसे अंत और करीब आ रहा है, हमें प्रचार के काम में और भी कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है। क्यों? क्योंकि यीशु ने कहा: “पक्के खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं।”—मत्ती ९:३७, ३८; रोमि. १२:११.
३ समय बरबाद किए बिना प्रचार कीजिए: यीशु को अपने प्रचार के बड़े काम को बस साढ़े तीन साल के अंदर ही खत्म करना था। उसने समय बरबाद किए बिना, जोश के साथ और कड़ी मेहनत करते हुए प्रचार किया। उसने कहा: “मुझे . . . परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार सुनाना अवश्य है, क्योंकि मैं इसी लिये भेजा गया हूं।”—लूका ४:४३.
४ यही भावना यीशु ने अपने चेलों में भी पैदा की। (मर. १३:३२-३७) इसलिए उन्होंने ‘मंदिर और घर-घर में हर दिन इस सुसमाचार का कि यीशु ही मसीह है उपदेश देना और प्रचार करना कभी नहीं छोड़ा।’ (प्रेरि. ५:४२, ईज़ी टू रीड।) गैर-ज़रूरी बातों के लिए उनकी ज़िंदगी में कोई जगह नहीं थी। इसलिए, हालाँकि वे गिनती में बहुत ही कम थे, फिर भी वे “आकाश के नीचे की सारी सृष्टि में” प्रचार करने में कामयाब हुए।—कुलु. १:२३.
५ आज हमें भी यही भावना पैदा करने की और भी कड़ी ज़रूरत है क्योंकि “सब बातों का अन्त तुरन्त होनेवाला है।” (१ पत. ४:७) यहोवा ने इस जगत का अंत करने के लिए एक दिन और घड़ी ठहरा रखी है। (मत्ती २४:३६) इसलिए अंत आने से पहले, इस बचे हुए समय में प्रचार का काम ज़रूर पूरा होगा। सो, आइए हम ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को सुसमाचार सुनाने के लिए और भी कड़ी मेहनत करते रहें।
६ अंत की इस घड़ी में, अगर हम समय बरबाद किए बिना जोश और कड़ी मेहनत के साथ सुसमाचार सुनाने का काम करते रहें, तो हम भी यीशु की तरह खुशी के साथ यहोवा से कह सकेंगे: ‘जो काम तू ने मुझे करने को दिया था, उसे मैंने पूरा किया।’—यूह. १७:४.