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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1995
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1995
w95 8/15 पेज 31

क्या आपको याद है?

क्या आपने प्रहरीदुर्ग के हाल के अंकों को पढ़ने का आनन्द लिया है? अगर लिया है, तो आप निम्नलिखित बातों को याद करना दिलचस्प पाएँगे:

▫ क्या धार्मिक सत्य प्राप्य है?

यीशु मसीह ने कहा: “[तुम] सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा।” (यूहन्‍ना ८:३२) यीशु ने न केवल इसकी ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया कि सत्य प्राप्य है, बल्कि उसने दिखाया कि उसे ढूँढना परमेश्‍वर के प्रति हमारी उपासना के लिए ज़रूरी है। उसने एक सामरी स्त्री से कहा: “सच्चे भक्‍त पिता का भजन आत्मा और सच्चाई से करेंगे।” (यूहन्‍ना ४:२३)—४/१५, पृष्ठ ५.

▫ रॉबर एटीएन कौन था, और उसने अपनी छाप कैसे छोड़ी?

रॉबर एटीएन एक मुद्रक था जो १६वीं शताब्दी में जीया। उसने पवित्र शास्त्र के प्रकाशन के प्रति अपना जीवन समर्पित कर दिया, और बाइबल के शब्दों को जैसे वे मूलत: लिखे गए थे, उघारने के लिए परिश्रम किया। बाइबल के पाठ को क्रमांकित आयतों में विभाजित करने की उसकी प्रणाली आज सर्वत्र इस्तेमाल की जाती है।—४/१५, पृष्ठ १०, १४.

▫ हम दैनिक बाइबल पठन से कैसे लाभ प्राप्त करते हैं?

हमारे लिए शास्त्र निरंतर नया अर्थ लेता है, और जो हमने देखा, सुना, और व्यक्‍तिगत रूप से अनुभव किया है, उसकी रोशनी में अन्तिम दिनों से सम्बन्धित भविष्यवाणियाँ और भी प्रभावशाली हो जाती हैं। जैसे-जैसे जीवन में हमारा अपना अनुभव विस्तृत होता है और हम समस्याओं से निपटते हैं, तो हम बाइबल की सलाह का और भी पूरी तरह से मूल्यांकन करते हैं। (नीतिवचन ४:१८)—५/१, पृष्ठ १५.

▫ बाइबल पाठों को कैसे याद किया जा सकता है?

जैसे-जैसे आप बाइबल पढ़ते हैं, ऐसे पाठों को चिन्हित कीजिए जिन्हें आप याद रखना चाहते हैं, या उन्हें कार्डों पर लिख लीजिए और इन कार्डों को ऐसी जगह पर रखिए जहाँ आप उन आयतों को रोज़ देखेंगे। जैसे-जैसे आप उन्हें कन्ठस्थ करने की कोशिश करते हैं, उन पर मनन कीजिए और उनका प्रयोग कीजिए। एक साथ अनेक पाठों को कन्ठस्थ करने की कोशिश मत कीजिए, शायद हर सप्ताह केवल एक या दो।—५/१, पृष्ठ १६, १७.

▫ लूका की सुसमाचार-पुस्तक में ऐसी कौन-सी जानकारी है जो अन्य सुसमाचार-पुस्तक के लेखकों द्वारा प्रदान की गयी जानकारी के अतिरिक्‍त है?

जबकि लूका द्वारा अभिलिखित अधिकांश भाग मत्ती के वृत्तान्त के भाग से मिलता-जुलता है, इसमें ५९ प्रतिशत जानकारी भिन्‍न है। लूका ने छः चमत्कारों को अभिलिखित किया जो केवल उसकी पुस्तक में पाए जाते हैं और उसने इस संख्या के दुगने से भी ज़्यादा यीशु के ऐसे दृष्टान्तों को बताया जिनका उल्लेख अन्य सुसमाचार लेखकों ने नहीं किया।—५/१५, पृष्ठ १२.

▫ वर्ष १९३५ में प्रकाश की कौन-सी उल्लेखनीय कौंध प्रकट की गयी?

उस साल यहोवा के लोगों की समझ में आया कि प्रकाशितवाक्य ७:९, १४ में उल्लिखित बड़ी भीड़ एक द्वितीय स्वर्गीय वर्ग को नहीं, बल्कि उनको संकेत करती थी जिनकी आशाएँ पार्थिव हैं। (यूहन्‍ना १०:१६)—५/१५, पृष्ठ २०.

▫ किन व्यावहारिक तरीक़ों से हम शोकित जनों को सांत्वना दे सकते हैं?

सुनिए। पुनः-आश्‍वासन दीजिए। सुलभ रहिए। जब उचित हो तब पहल कीजिए। सांत्वनादायक पत्र लिखिए या कार्ड भेजिए। उनके साथ प्रार्थना कीजिए। (याकूब ५:१६) उन्हें मदद देना जारी रखिए।—६/१, पृष्ठ १३, १४.

▫ धार्मिक रूप से विभाजित परिवारों में रहनेवालों को धीरज धरने में मदद करने के लिए आध्यात्मिक भाई-बहन क्या कर सकते हैं?

नियमित रूप से उनसे प्रोत्साहक, सकारात्मक, और सांत्वनादायक बात कीजिए। (१ थिस्सलुनीकियों ५:१४) यह उनके मन और शरीर के लिए ताज़गी का काम करता है। जब व्यावहारिक और उचित हो, उन्हें अपनी ईश्‍वरशासित और सामाजिक गतिविधियों में शामिल कीजिए। अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें शामिल कीजिए। (रोमियों १:९; इफिसियों १:१६)—६/१, पृष्ठ २९.

▫ क्षेत्र सेवकाई में भाग लेते समय धैर्य से कार्य करने से कौन-से प्रतिफल मिलते हैं?

धैर्य राज्य प्रकाशक को किसी भी उदासीनता या विरोध को झेलने में मदद करता है। क्रोधित गृहस्वामियों से बहस करने के बजाय, धैर्यवान सेवक एक नरम जवाब देने या चुपचाप चले जाने में समर्थ होंगे, और इस प्रकार वे शान्ति और आनन्द बनाए रखेंगे। (मत्ती १०:१२, १३) इसके अतिरिक्‍त, भेड़-समान लोग राज्य संदेश की ओर खिंचेंगे।—६/१५, पृष्ठ ९.

▫ बाइबल सत्य को जानना इतना मूल्यवान क्यों है?

सत्य जानना हमें झूठ, भ्रम, और अंधविश्‍वास से मुक्‍त करता है। जब हम उसके अनुसार जीते हैं, तो सत्य हमें कठिनाइयों को सहने की शक्‍ति देता है और हमें ऐसी आशा से प्रेरित करता है जो परीक्षा में दृढ़ रहने में समर्थ करती है।—७/१, पृष्ठ ८.

▫ अभिषिक्‍त मसीही कसीसिया ने जन्मजात इस्राएल की कौन-सी मूलभूत ज़िम्मेदारी उठा ली?

जातियों के बीच यहोवा की महानता की गवाही देने का विशेषाधिकार। (यशायाह ४३:२१; १ पतरस २:९)—७/१, पृष्ठ १९.

▫ प्रेरित पतरस के इन शब्दों का क्या अर्थ है कि पति को अपनी पत्नी का ‘आदर करना’ चाहिए? (१ पतरस ३:७)

वह पति जो अपनी पत्नी का आदर करता है उसे अवमानित नहीं करता या नीचा नहीं दिखाता। इसके बजाय, वह—अकेले में और सार्वजनिक रूप से—अपने शब्दों और अपने कार्यों द्वारा प्रदर्शित करता है कि वह उसका सम्मान करता है। (नीतिवचन ३१:१०-३१)—७/१५, पृष्ठ १९.

▫ यह क्यों कहा जा सकता है कि एक पश्‍चाताप-रहित कुकर्मी को मसीही कलीसिया से निष्कासित करना प्रेममय है?

बहिष्करण यहोवा और उसके मार्गों के प्रति प्रेम की एक अभिव्यक्‍ति है। (भजन ९७:१०) यह उनके प्रति प्रेम प्रदर्शित करता है जो एक धर्मी मार्ग पर चल रहे हैं क्योंकि यह उनके बीच से ऐसे व्यक्‍ति को निकाल देता है जो उन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है; यह कलीसिया की शुद्धता को भी सुरक्षित रखता है। (१ कुरिन्थियों ५:१-१३)—७/१५, पृष्ठ २५.

▫ आज “विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास” की पहचान कैसे की जा सकती है, जिसके बारे में यीशु ने मत्ती २४:४५-४७ में बताया?

ख़ास तौर पर, बाइबल-आधारित प्रकाशनों को प्रदान करने में, ‘राज्य का सुसमाचार’ सिखाने और प्रचार करने में वे जो कार्य करते हैं उससे, और परमेश्‍वर के वचन, बाइबल का उनका नज़दीकी से अनुपालन करने से उनकी पहचान की जाती है। (मत्ती २४:१४; २८:१९, २०)—८/१, पृष्ठ १६.

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