पेशकश के नमूने
ज़िंदगी से जुड़े ज़रूरी सवालों के जवाब हम कहाँ पा सकते हैं?
घर-मालिक को ट्रैक्ट दिखाइए ताकि वह उसका शीर्षक देख सके। उससे कहिए: “नमस्ते। पूरी दुनिया में एक अभियान चलाया जा रहा है और हम सबको यह ज़रूरी संदेश देना चाहते हैं। यह आपके लिए है।”
जिन घरों में लोग नहीं मिलते, अगर आप वहाँ भी ट्रैक्ट छोड़ना चाहते हैं तो उसे ऐसी जगह रखिए जहाँ आते-जाते लोगों की नज़र न पड़े। ट्रैक्ट को बहुत ज़्यादा मोड़िए मत।
अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है या बातचीत करना चाहता है तो ट्रैक्ट के पहले पेज पर दिए सवाल पर उसकी राय पूछिए। क्या आप ज़िंदगी से जुड़े सवालों के जवाब शास्त्र से जानना चाहेंगे? फिर ट्रैक्ट खोलकर दिखाइए कि भजन 119:144, 160 क्या कहता है। उसे समझाइए कि यह ट्रैक्ट ऐसी वेबसाइट के बारे में बताता है जहाँ उसे ज़िंदगी से जुड़े सवालों के सही-सही जवाब बाइबल से मिल सकते हैं। हो सके तो उसे बाइबल का अध्ययन क्यों करें? वीडियो दिखाइए। बात खत्म करने से पहले ट्रैक्ट के आखिरी पेज पर दिए तीन सवालों की तरफ उसका ध्यान खींचिए और पूछिए कि वह किस सवाल का जवाब सबसे पहले जानना चाहेगा। फिर पूछिए कि क्या आप दोबारा आकर उसे दिखा सकते हैं कि वह jw.org वेबसाइट पर उस सवाल का जवाब बाइबल से कैसे ढूँढ़ सकता है। अगली मुलाकात में, वेबसाइट पर BIBLE TEACHINGS > BIBLE QUESTIONS ANSWERED में जाकर उसके सवाल के जवाब पर चर्चा कीजिए। अगर आपकी भाषा में वेबसाइट पर यह भाग नहीं है, तो अपनी भाषा में ऑनलाइन लाइब्रेरी पर जाकर, या विषय से जुड़े किसी साहित्य से उसके सवाल का जवाब दीजिए।
अगर आप अपने क्षेत्रीय अधिवेशन का न्यौता भी बाँट रहे हैं, तो ट्रैक्ट के साथ घर-मालिक को न्यौते की कॉपी भी दीजिए और उससे कहिए, “हम आपको एक कार्यक्रम का न्यौता भी दे रहे हैं जिसमें कोई भी आ सकता है। वहाँ आने के लिए आपसे कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।”
प्रहरीदुर्ग जुलाई से सितंबर
शनिवार-रविवार को जहाँ मुनासिब हो वहाँ प्रहरीदुर्ग पेश करने के लिए यह कहिए: “अगर आप पढ़ना चाहें तो हम आपको अपनी हाल की पत्रिकाएँ भी देना चाहेंगे। प्रहरीदुर्ग के इस अंक का विषय है, सिगरेट कैसे देखता है परमेश्वर इसे?”
सजग होइए! जुलाई से सितंबर
शनिवार-रविवार को जहाँ मुनासिब हो वहाँ सजग होइए! पत्रिका पेश करने के लिए कहिए: “हम लोगों को अपनी हाल की पत्रिकाएँ भी देते हैं, जो इन्हें पढ़ना पसंद करते हैं। सजग होइए! पत्रिका का यह अंक इस सवाल का जवाब देता है, आखिर किस लिए जीऊँ? जीने की तीन वजह।”