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  • यिर्मयाह 15
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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यिर्मयाह का सारांश

      • यहोवा अपना फैसला नहीं बदलेगा (1-9)

      • यिर्मयाह की शिकायत (10)

      • यहोवा का जवाब (11-14)

      • यिर्मयाह की प्रार्थना (15-18)

        • परमेश्‍वर का संदेश खाने से खुशी मिली (16)

      • यिर्मयाह को यहोवा ने मज़बूत किया (19-21)

यिर्मयाह 15:1

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 32:11; 1शम 7:9; भज 99:6; 106:23

यिर्मयाह 15:2

संबंधित आयतें

  • +यहे 5:2
  • +यहे 12:11

यिर्मयाह 15:3

फुटनोट

  • *

    या शायद, “चार तरह की सज़ाएँ ठहराऊँगा।”

संबंधित आयतें

  • +यहे 14:21
  • +व्य 28:26; यिर्म 7:33

यिर्मयाह 15:4

संबंधित आयतें

  • +2रा 21:11; 23:26; 24:3, 4
  • +व्य 28:15, 25; यिर्म 24:9; यहे 23:46

यिर्मयाह 15:6

फुटनोट

  • *

    या शायद, “पीछे की तरफ चलता रहता है।”

  • *

    या “मैं पछतावा महसूस करते-करते।”

संबंधित आयतें

  • +यश 1:4; यिर्म 2:13
  • +सप 1:4

यिर्मयाह 15:7

फुटनोट

  • *

    शा., “फाटकों।”

संबंधित आयतें

  • +व्य 28:15, 18; यिर्म 9:21; यहे 24:21
  • +यिर्म 5:3

यिर्मयाह 15:9

फुटनोट

  • *

    या शायद, “वह शर्मिंदा और बेइज़्ज़त हुई।”

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 44:27; यहे 5:12

यिर्मयाह 15:10

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  • +यिर्म 20:14

यिर्मयाह 15:13

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  • +यिर्म 20:5

यिर्मयाह 15:14

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  • +लैव 26:38; यिर्म 16:13
  • +व्य 32:22; यश 42:24, 25; यिर्म 17:4

यिर्मयाह 15:15

फुटनोट

  • *

    शा., “मुझे उठा न लेना।”

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 11:20; 12:3; 17:18; 37:15
  • +भज 69:7

यिर्मयाह 15:16

संबंधित आयतें

  • +यहे 3:1-3; प्रक 10:9, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 47

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2017, पेज 20

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2011, पेज 30

    4/1/2007, पेज 10

यिर्मयाह 15:17

फुटनोट

  • *

    या “सज़ा के संदेश।”

संबंधित आयतें

  • +भज 1:1
  • +यिर्म 20:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2007, पेज 10

    5/1/2004, पेज 11-12

    11/1/1992, पेज 26

यिर्मयाह 15:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2007, पेज 9

    3/1/1998, पेज 28

यिर्मयाह 15:19

फुटनोट

  • *

    या “मेरी तरफ से बोलनेवाला।”

यिर्मयाह 15:20

फुटनोट

  • *

    या “तुझे हरा नहीं पाएँगे।”

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 1:18; यहे 3:9
  • +यिर्म 20:11

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

यिर्म. 15:1निर्ग 32:11; 1शम 7:9; भज 99:6; 106:23
यिर्म. 15:2यहे 5:2
यिर्म. 15:2यहे 12:11
यिर्म. 15:3यहे 14:21
यिर्म. 15:3व्य 28:26; यिर्म 7:33
यिर्म. 15:42रा 21:11; 23:26; 24:3, 4
यिर्म. 15:4व्य 28:15, 25; यिर्म 24:9; यहे 23:46
यिर्म. 15:6यश 1:4; यिर्म 2:13
यिर्म. 15:6सप 1:4
यिर्म. 15:7व्य 28:15, 18; यिर्म 9:21; यहे 24:21
यिर्म. 15:7यिर्म 5:3
यिर्म. 15:9यिर्म 44:27; यहे 5:12
यिर्म. 15:10यिर्म 20:14
यिर्म. 15:13यिर्म 20:5
यिर्म. 15:14लैव 26:38; यिर्म 16:13
यिर्म. 15:14व्य 32:22; यश 42:24, 25; यिर्म 17:4
यिर्म. 15:15यिर्म 11:20; 12:3; 17:18; 37:15
यिर्म. 15:15भज 69:7
यिर्म. 15:16यहे 3:1-3; प्रक 10:9, 10
यिर्म. 15:17भज 1:1
यिर्म. 15:17यिर्म 20:8
यिर्म. 15:20यिर्म 1:18; यहे 3:9
यिर्म. 15:20यिर्म 20:11
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
यिर्मयाह 15:1-21

यिर्मयाह

15 फिर यहोवा ने मुझसे कहा, “अगर मूसा और शमूएल भी मेरे सामने खड़े होते,+ तब भी मैं इन लोगों पर रहम नहीं करता। इन लोगों को मेरे सामने से निकाल दे। वे यहाँ से चले जाएँ। 2 और अगर वे पूछें, ‘हम कहाँ जाएँ?’ तो उनसे कहना, ‘यहोवा कहता है,

“जिनके लिए जानलेवा महामारी तय है, वे महामारी के पास जाएँ!

जिनके लिए तलवार तय है, वे तलवार के पास जाएँ!+

जिनके लिए अकाल तय है, वे अकाल के पास जाएँ!

जिनके लिए बँधुआई तय है, वे बँधुआई में जाएँ!”’+

3 यहोवा ऐलान करता है, ‘मैं उन पर चार कहर ढाऊँगा:*+ घात करने के लिए तलवार, उनकी लाशें घसीटकर ले जाने के लिए कुत्ते और उन्हें खा जाने और नाश करने के लिए आकाश के पक्षी और धरती के जानवर।+ 4 हिजकियाह के बेटे और यहूदा के राजा मनश्‍शे ने यरूशलेम में जो काम किए थे,+ उनकी वजह से मैं इन लोगों का ऐसा हश्र करूँगा कि धरती के सब राज्य देखकर दहल जाएँगे।+

 5 हे यरूशलेम, कौन तुझ पर करुणा करेगा?

कौन तुझसे हमदर्दी जताएगा?

कौन तेरी खैरियत पूछने के लिए रुकेगा?’

 6 यहोवा ऐलान करता है, ‘तूने मुझे छोड़ दिया है,

तू बार-बार मुझे पीठ दिखाता है।*+

इसलिए मैं अपना हाथ बढ़ाकर तुझे नाश कर दूँगा।+

मैं तुझ पर तरस खाते-खाते* थक गया हूँ।

 7 मैं देश के शहरों* में उन्हें काँटे से उसाऊँगा।

उनके बच्चों को मारकर उन्हें बेऔलाद कर दूँगा।+

मैं अपने लोगों को नाश कर दूँगा,

क्योंकि उन्होंने अपने तौर-तरीके बदलने से इनकार कर दिया है।+

 8 मेरे सामने उनकी विधवाओं की गिनती समुंदर की बालू से ज़्यादा होगी।

मैं भरी दोपहरी में एक नाश करनेवाले से उन पर हमला करवाऊँगा,

उनकी माँओं और जवानों पर हमला करवाऊँगा।

मैं अचानक उनके बीच हलचल मचा दूँगा, उनमें डर फैला दूँगा।

 9 जिस औरत ने सात बच्चों को जन्म दिया था, वह कमज़ोर हो गयी है,

मुश्‍किल से साँस ले रही है।

उसका सूरज दिन रहते ही ढल गया है,

जिससे शर्मिंदगी और अपमान हुआ है।’*

यहोवा ऐलान करता है, ‘उनमें से जो थोड़े लोग बच गए,

मैं उन्हें दुश्‍मनों की तलवार के हवाले कर दूँगा।’”+

10 हे मेरी माँ, धिक्कार है मुझ पर! तूने मुझे क्यों जन्म दिया,+

पूरे देश के लोग मुझसे लड़ते-झगड़ते हैं।

मैंने न तो किसी से उधार लिया, न ही किसी को उधार दिया,

फिर भी सब मुझे कोसते हैं।

11 यहोवा कहता है, “मैं बेशक तेरे साथ भलाई करूँगा,

विपत्ति के समय मैं तेरी तरफ से बात करूँगा,

मुसीबत की घड़ी में मैं दुश्‍मन से बात करूँगा।

12 क्या कोई लोहे के टुकड़े-टुकड़े कर सकता है?

उत्तर दिशा के लोहे और ताँबे के टुकड़े कर सकता है?

13 तुमने अपने सभी इलाकों में जितने पाप किए हैं,

उनकी वजह से मैं तुम्हारी दौलत और तुम्हारा खज़ाना लूट में दे दूँगा,+

बिना दाम लिए दे दूँगा।

14 मैं उन्हें तुम्हारे दुश्‍मनों को दे दूँगा

ताकि वे उन्हें ऐसे देश में ले जाएँ जिसे तुम नहीं जानते।+

मेरे गुस्से की आग भड़क उठी है,

जो तुम्हें भस्म कर रही है।”+

15 हे यहोवा, तू मेरी तकलीफें जानता है,

मुझे याद कर, मुझ पर ध्यान दे।

मेरे सतानेवालों से मेरी तरफ से बदला ले।+

कहीं मैं नाश न हो जाऊँ* क्योंकि तू क्रोध करने में धीमा है।

जान ले कि मैं तेरी खातिर यह बदनामी झेल रहा हूँ।+

16 तेरा संदेश मुझे मिला और मैंने उसे खाया,+

तेरा संदेश मेरे लिए खुशी का कारण बन गया और मेरा दिल मगन हो गया,

क्योंकि हे सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा, मैं तेरे नाम से जाना जाता हूँ।

17 मैं मौज-मस्ती करनेवालों के साथ बैठकर आनंद नहीं मनाता।+

तेरा हाथ मेरे ऊपर है, इसलिए मैं अकेला बैठता हूँ,

तूने मुझे जलजलाहट* से भर दिया है।+

18 मेरा दर्द क्यों नहीं जाता, मेरा घाव क्यों नहीं भरता?

यह ठीक होने का नाम ही नहीं लेता।

क्या तू मेरे लिए धोखा देनेवाले सोते जैसा होगा,

जिससे पानी मिलने का कोई भरोसा नहीं?

19 इसलिए यहोवा कहता है,

“अगर तू मेरे पास लौट आएगा, तो मैं तुझे बहाल कर दूँगा,

तू मेरे सामने खड़ा रहेगा।

अगर तू कीमती चीज़ों को बेकार चीज़ों से अलग करेगा,

तो तू मेरे मुँह जैसा* बनेगा।

उन्हें मुड़कर तेरे पास लौटना पड़ेगा,

मगर तू उनके पास नहीं जाएगा।”

20 यहोवा ऐलान करता है, “मैं तुझे इन लोगों के लिए ताँबे की मज़बूत दीवार बनाता हूँ।+

वे तुझसे लड़ेंगे तो ज़रूर,

मगर तुझसे जीत नहीं पाएँगे,*+

क्योंकि मैं तुझे बचाने और छुड़ाने के लिए तेरे साथ हूँ।”

21 “मैं तुझे दुष्टों के हाथ से छुड़ा लूँगा,

बेरहम लोगों के चंगुल से निकाल लूँगा।”

हिंदी साहित्य (1972-2025)
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