44 लेकिन मैं तुमसे कहता हूँ: अपने दुश्मनों से प्यार करते रहो+ और जो तुम्हें सताते हैं, उनके लिए प्रार्थना करते रहो।+45 इस तरह तुम साबित करो कि तुम स्वर्ग में रहनेवाले अपने पिता के बेटे हो+ क्योंकि वह अच्छे और बुरे दोनों पर अपना सूरज चमकाता है और नेक और दुष्ट दोनों पर बारिश बरसाता है।+
17 फिर भी वह भलाई करता रहा और इस तरह अपने बारे में गवाही देता रहा।+ वह तुम्हें आकाश से बरसात और अच्छी पैदावार के मौसम देता रहा+ और तुम्हें जी-भरकर खाना देता रहा और तुम्हारे दिलों को आनंद से भरता रहा।”+