44 तुम अपने पिता शैतान* से हो और अपने पिता की ख्वाहिशें पूरी करना चाहते हो।+ वह शुरू से ही हत्यारा है+ और सच्चाई में टिका नहीं रहा, क्योंकि सच्चाई उसमें है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता है तो अपनी फितरत के मुताबिक बोलता है, क्योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।+
8 जो पाप करता रहता है वह शैतान* से है क्योंकि शैतान शुरू से पाप करता आया है।+ परमेश्वर के बेटे को इस मकसद से ज़ाहिर किया गया कि वह शैतान के कामों को नष्ट कर दे।+
9 इसलिए वह बड़ा भयानक अजगर,+ वही पुराना साँप,+ जो इबलीस+ और शैतान+ कहलाता है और जो सारे जगत* को गुमराह करता है,+ वह नीचे धरती पर फेंक दिया गया+ और उसके दुष्ट स्वर्गदूत भी उसके साथ फेंक दिए गए।