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  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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प्रेषितों का सारांश

      • खतने को लेकर अंताकिया में बहस (1, 2)

      • मसला यरूशलेम पहुँचा (3-5)

      • प्राचीनों और प्रेषितों की बैठक (6-21)

      • शासी निकाय की चिट्ठी (22-29)

        • खून से दूर रहो (28, 29)

      • चिट्ठी से मंडलियों का हौसला बढ़ा (30-35)

      • पौलुस और बरनबास अलग-अलग रास्ते चल दिए (36-41)

प्रेषितों 15:1

संबंधित आयतें

  • +उत 17:9, 10; निर्ग 12:48; लैव 12:2, 3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 101-102

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/1998, पेज 22

    5/15/1995, पेज 11-12

    1/1/1991, पेज 22-23

प्रेषितों 15:2

संबंधित आयतें

  • +गल 2:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 102-104

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 54

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/1997, पेज 16

    5/15/1995, पेज 11-12

प्रेषितों 15:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 104-105

प्रेषितों 15:5

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 12:48; प्रेष 11:2, 3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 105, 107

प्रेषितों 15:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 105-106

प्रेषितों 15:7

फुटनोट

  • *

    या “काफी बहस।”

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 10:34, 35; 11:16, 17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 106

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1991, पेज 23

प्रेषितों 15:8

संबंधित आयतें

  • +1इत 28:9; यिर्म 11:20
  • +प्रेष 10:44, 45; 11:15

प्रेषितों 15:9

संबंधित आयतें

  • +गल 3:28
  • +गल 2:15, 16; 1पत 1:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 106

प्रेषितों 15:10

संबंधित आयतें

  • +गल 5:1
  • +गल 3:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 106

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1991, पेज 23

प्रेषितों 15:11

संबंधित आयतें

  • +यश 53:11; यूह 1:17
  • +मत 20:28

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 106

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1991, पेज 23

प्रेषितों 15:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 106

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 54

प्रेषितों 15:14

फुटनोट

  • *

    या “पतरस।”

संबंधित आयतें

  • +मत 10:2; प्रेष 11:13; 2पत 1:1
  • +1पत 2:9, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 108-109

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2021, पेज 20-21

    संगठित, पेज 162

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2014, पेज 16

    11/15/2014, पेज 24-25

    3/15/2013, पेज 27-28

    1/1/1991, पेज 23

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 15

प्रेषितों 15:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 108-109

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 54

प्रेषितों 15:16

फुटनोट

  • *

    या “छप्पर; घराना।”

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 109

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2013, पेज 8-9

    1/1/1991, पेज 23

प्रेषितों 15:17

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +आम 9:11, 12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 109

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2012, पेज 5

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 15

प्रेषितों 15:18

संबंधित आयतें

  • +यश 45:21

प्रेषितों 15:19

फुटनोट

  • *

    या “मेरी राय।”

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 15:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 109-111

प्रेषितों 15:20

फुटनोट

  • *

    यूनानी में पोर्निया। शब्दावली देखें।

  • *

    या “ऐसे जानवर का माँस जिसका खून अच्छी तरह नहीं बहाया जाता।”

संबंधित आयतें

  • +उत 35:2; निर्ग 20:3; 1कुर 10:14
  • +1कुर 6:9, 10; कुल 3:5; 1थि 4:3
  • +उत 9:4; लैव 3:17; 7:26; 17:10, 13; 19:26; व्य 12:23; 15:23; 1शम 14:32, 33

प्रेषितों 15:21

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 13:15; 2कुर 3:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 109, 111

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1995, पेज 11

    1/1/1991, पेज 23

प्रेषितों 15:22

संबंधित आयतें

  • +1थि 1:1; 1पत 5:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 113

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/1999, पेज 26-27

प्रेषितों 15:23

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 11:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2000, पेज 26

प्रेषितों 15:24

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 15:1

प्रेषितों 15:26

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 13:50; 1कुर 15:30, 31; 2कुर 11:23-26

प्रेषितों 15:27

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 16:4

प्रेषितों 15:28

संबंधित आयतें

  • +यूह 16:13; प्रेष 5:32

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 54

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1991, पेज 23

प्रेषितों 15:29

फुटनोट

  • *

    या “ऐसे जानवर का माँस जिसका खून अच्छी तरह नहीं बहाया जाता।”

  • *

    यूनानी में पोर्निया। शब्दावली देखें।

  • *

    या “अलविदा।”

संबंधित आयतें

  • +उत 35:2; निर्ग 20:3; 34:15; 1कुर 10:14
  • +उत 9:4; लैव 3:17; 7:26; 17:10; व्य 12:16, 23; 1शम 14:32, 33
  • +लैव 17:13
  • +उत 39:7-9; 1कुर 6:9, 10; इफ 5:5; कुल 3:5; 1थि 4:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 39

    प्यार के लायक, पेज 91-92

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2015, पेज 27

    6/15/2004, पेज 20-21, 29

    6/15/2000, पेज 29

    1/15/1995, पेज 5-6

    4/1/1992, पेज 25

    1/1/1991, पेज 23

    2/1/1989, पेज 11

    3/1/1987, पेज 18

    12/1/1986, पेज 18

    सिखाती है, पेज 139-140

    बाइबल सिखाती है, पेज 129-130

    परमेश्‍वर का प्यार, पेज 87

    लहू कैसे बचा सकता है, पेज 4-5, 20, 22

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 216

प्रेषितों 15:30

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 54

प्रेषितों 15:31

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 54

प्रेषितों 15:32

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 18:23

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 114

प्रेषितों 15:33

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 115

प्रेषितों 15:34

फुटनोट

  • *

    अति. क3 देखें।

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 115

प्रेषितों 15:35

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

प्रेषितों 15:36

फुटनोट

  • *

    या शायद, “हर हाल में।”

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +2कुर 11:28

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 117-119

प्रेषितों 15:37

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 13:4, 5; कुल 4:10; 2ती 4:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 119-120

प्रेषितों 15:38

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 13:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 120

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2010, पेज 7-8

प्रेषितों 15:39

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 4:36, 37

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 120

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2011, पेज 24

    3/15/2010, पेज 6, 7-8

    1/15/2003, पेज 19-20

    4/15/1998, पेज 22-23

    8/1/1993, पेज 29

    1/1/1991, पेज 23-24

    5/1/1991, पेज 25

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 233-234

प्रेषितों 15:40

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 14:26

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

प्रेषि. 15:1उत 17:9, 10; निर्ग 12:48; लैव 12:2, 3
प्रेषि. 15:2गल 2:1
प्रेषि. 15:5निर्ग 12:48; प्रेष 11:2, 3
प्रेषि. 15:7प्रेष 10:34, 35; 11:16, 17
प्रेषि. 15:81इत 28:9; यिर्म 11:20
प्रेषि. 15:8प्रेष 10:44, 45; 11:15
प्रेषि. 15:9गल 3:28
प्रेषि. 15:9गल 2:15, 16; 1पत 1:22
प्रेषि. 15:10गल 5:1
प्रेषि. 15:10गल 3:10
प्रेषि. 15:11यश 53:11; यूह 1:17
प्रेषि. 15:11मत 20:28
प्रेषि. 15:14मत 10:2; प्रेष 11:13; 2पत 1:1
प्रेषि. 15:141पत 2:9, 10
प्रेषि. 15:17आम 9:11, 12
प्रेषि. 15:18यश 45:21
प्रेषि. 15:19प्रेष 15:10
प्रेषि. 15:20उत 35:2; निर्ग 20:3; 1कुर 10:14
प्रेषि. 15:201कुर 6:9, 10; कुल 3:5; 1थि 4:3
प्रेषि. 15:20उत 9:4; लैव 3:17; 7:26; 17:10, 13; 19:26; व्य 12:23; 15:23; 1शम 14:32, 33
प्रेषि. 15:21प्रेष 13:15; 2कुर 3:15
प्रेषि. 15:221थि 1:1; 1पत 5:12
प्रेषि. 15:23प्रेष 11:26
प्रेषि. 15:24प्रेष 15:1
प्रेषि. 15:26प्रेष 13:50; 1कुर 15:30, 31; 2कुर 11:23-26
प्रेषि. 15:27प्रेष 16:4
प्रेषि. 15:28यूह 16:13; प्रेष 5:32
प्रेषि. 15:29उत 35:2; निर्ग 20:3; 34:15; 1कुर 10:14
प्रेषि. 15:29उत 9:4; लैव 3:17; 7:26; 17:10; व्य 12:16, 23; 1शम 14:32, 33
प्रेषि. 15:29लैव 17:13
प्रेषि. 15:29उत 39:7-9; 1कुर 6:9, 10; इफ 5:5; कुल 3:5; 1थि 4:3
प्रेषि. 15:32प्रेष 18:23
प्रेषि. 15:362कुर 11:28
प्रेषि. 15:37प्रेष 13:4, 5; कुल 4:10; 2ती 4:11
प्रेषि. 15:38प्रेष 13:13
प्रेषि. 15:39प्रेष 4:36, 37
प्रेषि. 15:40प्रेष 14:26
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
प्रेषितों 15:1-41

प्रेषितों के काम

15 फिर यहूदिया से कुछ लोग अंताकिया आए और भाइयों को यह सिखाने लगे, “जब तक तुम मूसा के रिवाज़ के मुताबिक खतना नहीं करवाओगे,+ तब तक तुम उद्धार नहीं पा सकते।” 2 मगर जब इस बात पर पौलुस और बरनबास के साथ उनकी काफी बहस हुई और झगड़ा हुआ, तो इस सिलसिले में पौलुस और बरनबास को साथ ही कुछ और भाइयों को, प्रेषितों और प्राचीनों के पास यरूशलेम भेजने का इंतज़ाम किया गया।+

3 मंडली ने उन्हें कुछ दूर तक विदा किया और फिर ये भाई फीनीके और सामरिया के इलाकों से होते हुए गए और वहाँ के भाइयों को पूरा ब्यौरा देकर बताया कि गैर-यहूदी खुद को बदलकर परमेश्‍वर की तरफ हो गए हैं। यह सब सुनकर भाइयों को बहुत खुशी हुई। 4 जब वे यरूशलेम पहुँचे तो मंडली और प्रेषितों और प्राचीनों ने खुशी से उनका स्वागत किया और पौलुस और बरनबास ने उन सब कामों के बारे में उन्हें बताया जो परमेश्‍वर ने उनके ज़रिए किए थे। 5 मगर फरीसियों के गुट के कुछ लोग, जो विश्‍वासी बन गए थे, अपनी जगह से उठ खड़े हुए और उन्होंने कहा, “यह बेहद ज़रूरी है कि गैर-यहूदियों का खतना कराया जाए और उन्हें मूसा का कानून मानने की आज्ञा दी जाए।”+

6 तब प्रेषित और प्राचीन इस मामले पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा हुए। 7 उन्होंने इस मामले पर गहराई से सोच-विचार किया और उनके बीच लंबी चर्चा* हुई। इसके बाद पतरस ने उठकर उनसे कहा, “भाइयो, तुम अच्छी तरह जानते हो कि शुरू में ही परमेश्‍वर ने तुम्हारे बीच में से मुझे चुना कि मेरे मुँह से गैर-यहूदी खुशखबरी सुनें और विश्‍वास करें।+ 8 और परमेश्‍वर ने, जो दिलों को जानता है,+ उन्हें पवित्र शक्‍ति देकर गवाही दी+ कि उसने उन्हें मंज़ूर किया है, ठीक जैसे हमें भी मंज़ूर किया था। 9 उसने हमारे और उनके बीच कोई फर्क नहीं किया,+ मगर उनके विश्‍वास की बिनाह पर उनके दिलों को शुद्ध किया।+ 10 तो अब तुम क्यों परमेश्‍वर की परीक्षा लेने के लिए चेलों पर ऐसा बोझ लाद रहे हो,+ जिसे न हमारे बाप-दादा उठा सके थे, न हम?+ 11 इसके बजाय, हमें विश्‍वास है कि हम प्रभु यीशु की महा-कृपा की वजह से उद्धार पाते हैं,+ ठीक जैसे वे भी उद्धार पाते हैं।”+

12 यह सुनकर पूरी सभा खामोश हो गयी और वे बरनबास और पौलुस की सुनने लगे कि कैसे परमेश्‍वर ने उनके ज़रिए गैर-यहूदियों के बीच बहुत-से चमत्कार और आश्‍चर्य के काम किए। 13 जब वे बोल चुके तो याकूब ने कहा, “भाइयो, मेरी सुनो। 14 शिमौन*+ ने पूरा ब्यौरा देकर बताया कि परमेश्‍वर ने कैसे पहली बार गैर-यहूदी राष्ट्रों की तरफ ध्यान दिया ताकि उनके बीच से ऐसे लोगों को इकट्ठा करे जो परमेश्‍वर के नाम से पहचाने जाएँ।+ 15 और इस बात से भविष्यवक्‍ताओं के वचन भी मेल खाते हैं, जैसा कि लिखा है: 16 ‘इन बातों के बाद मैं वापस आऊँगा और दाविद का गिरा हुआ तंबू* दोबारा खड़ा करूँगा और उसके खंडहरों को फिर बनाऊँगा और उसे पहले जैसा कर दूँगा 17 ताकि उसके बचे हुए लोग, सब राष्ट्रों के साथ मिलकर जी-जान से यहोवा* की खोज करें, जिनके बारे में यहोवा* ने कहा है कि वे मेरे नाम से पुकारे जाते हैं। परमेश्‍वर ने, जो यह सब कर रहा है+ 18 बहुत पहले ही ऐसा करने की ठान ली थी।’+ 19 इसलिए मेरा फैसला* यह है कि गैर-यहूदियों में से जो लोग परमेश्‍वर की तरफ फिर रहे हैं, उन्हें हम परेशान न करें,+ 20 मगर उन्हें यह लिख भेजें कि वे मूर्तिपूजा से अपवित्र हुई चीज़ों से,+ नाजायज़ यौन-संबंध* से,+ गला घोंटे हुए जानवरों के माँस से* और खून से दूर रहें।+ 21 इसलिए कि पुराने ज़माने से ही ऐसे लोग रहे हैं जो मूसा की किताबों में लिखी इन बातों का हर शहर में प्रचार करते आए हैं, हर सब्त के दिन सभा-घरों में उसकी किताबें पढ़कर सुनाते आए हैं।”+

22 फिर प्रेषितों और प्राचीनों ने पूरी मंडली के साथ मिलकर फैसला किया कि वे पौलुस और बरनबास के साथ अपने बीच से चुने हुए आदमियों को अंताकिया भेजें, यानी बर-सबा कहलानेवाले यहूदा और सीलास को,+ जो भाइयों में अगुवे थे। 23 उन्होंने इन भाइयों के हाथ यह चिट्ठी भेजी:

“अंताकिया,+ सीरिया और किलिकिया में रहनेवाले गैर-यहूदी भाइयों को, आपके भाइयों यानी प्रेषितों और प्राचीनों का नमस्कार! 24 हमने सुना है कि हमारे यहाँ से कुछ लोगों ने आकर तुमसे ऐसी बातें कहीं जिससे तुम परेशान हो गए+ और उन्होंने तुम्हारे विश्‍वास को मिटाने की कोशिश की है, जबकि हमने उन्हें ऐसी कोई हिदायत नहीं दी थी। 25 इसलिए हम सबने एकमत होकर तय किया कि हम कुछ भाइयों को चुनकर उन्हें हमारे प्यारे बरनबास और पौलुस के साथ तुम्हारे पास भेजेंगे। 26 ये ऐसे आदमी हैं जिन्होंने हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम की खातिर अपनी जान तक दाँव पर लगा दी।+ 27 हम यहूदा और सीलास को भेज रहे हैं ताकि वे खुद भी तुम्हें इन बातों की जानकारी दें।+ 28 हम पवित्र शक्‍ति+ की मदद से इस नतीजे पर पहुँचे हैं कि इन ज़रूरी बातों को छोड़ हम तुम पर और बोझ न लादें 29 कि तुम मूरतों को बलि की हुई चीज़ों से,+ खून से,+ गला घोंटे हुए जानवरों के माँस से*+ और नाजायज़ यौन-संबंध* से+ हमेशा दूर रहो। अगर तुम ध्यान रखो कि तुम इन बातों से हमेशा दूर रहोगे, तो तुम्हारा भला होगा। सलामत रहो!”*

30 फिर जब इन आदमियों को विदा किया गया, तो वे अंताकिया गए और उन्होंने सब चेलों को इकट्ठा किया और उन्हें वह चिट्ठी सौंप दी। 31 चिट्ठी पढ़कर उन्हें बहुत हौसला मिला और वे बेहद खुश हुए। 32 यहूदा और सीलास भविष्यवक्‍ता थे, इसलिए उन्होंने कई भाषण देकर भाइयों की हिम्मत बँधायी और उन्हें मज़बूत किया।+ 33 उन्होंने वहाँ कुछ वक्‍त बिताया, फिर वहाँ के भाइयों ने उन्हें विदा किया और वे उन भाइयों के पास लौट आए जिन्होंने उन्हें भेजा था। 34* — 35 मगर पौलुस और बरनबास अंताकिया में ही रहे और कई और लोगों के साथ मिलकर यहोवा* के वचन की खुशखबरी सुनाते और सिखाते रहे।

36 फिर कुछ दिन बाद पौलुस ने बरनबास से कहा, “चलो,* हम उन सभी शहरों में दोबारा जाएँ जहाँ हमने यहोवा* का वचन सुनाया था और देख आएँ कि वहाँ के भाई कैसे हैं।”+ 37 बरनबास ने तो ठान लिया था कि वह अपने साथ यूहन्‍ना को भी ले जाएगा जो मरकुस कहलाता है।+ 38 मगर पौलुस को उसे अपने साथ ले जाना ठीक नहीं लगा क्योंकि वह पमफूलिया में उन्हें छोड़कर चला गया था और उसने इस काम में उनका साथ नहीं दिया था।+ 39 इस बात को लेकर पौलुस और बरनबास के बीच ज़बरदस्त तकरार हुई, इसलिए वे एक-दूसरे से अलग हो गए। बरनबास+ मरकुस को लेकर जहाज़ से कुप्रुस के लिए रवाना हो गया। 40 लेकिन पौलुस ने सीलास को चुना। भाइयों ने पौलुस के लिए प्रार्थना की कि उस पर यहोवा* की महा-कृपा बनी रहे।+ फिर वे दोनों निकल पड़े। 41 वह सीरिया और किलिकिया के इलाकों से होता हुआ मंडलियों को मज़बूत करता गया।

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