वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • प्रेषितों 20
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

प्रेषितों का सारांश

      • पौलुस मकिदुनिया और यूनान में (1-6)

      • त्रोआस में युतुखुस ज़िंदा किया गया (7-12)

      • त्रोआस से मीलेतुस तक का सफर (13-16)

      • पौलुस इफिसुस के प्राचीनों से मिला (17-38)

        • घर-घर सिखाना (20)

        • ‘देने में ज़्यादा खुशी है’ (35)

प्रेषितों 20:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 165-166

प्रेषितों 20:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 166-167

प्रेषितों 20:3

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 23:12, 16; 2कुर 11:23, 26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 167-168

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2001, पेज 31

    2/1/1991, पेज 12

प्रेषितों 20:4

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 27:2
  • +प्रेष 16:1, 2
  • +इफ 6:21; कुल 4:7; 2ती 4:12
  • +प्रेष 21:29; 2ती 4:20

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 167-168

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2001, पेज 31

    7/15/1998, पेज 7

प्रेषितों 20:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 168

प्रेषितों 20:6

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 12:15; 23:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 168

प्रेषितों 20:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 165

प्रेषितों 20:9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 165

प्रेषितों 20:10

संबंधित आयतें

  • +1रा 17:21, 22; 2रा 4:32, 34
  • +मत 9:23, 24; यूह 11:39, 40; प्रेष 9:39, 40

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 165

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2000, पेज 12-13

प्रेषितों 20:11

फुटनोट

  • *

    शा., “रोटी तोड़ी।”

प्रेषितों 20:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 168-169

प्रेषितों 20:16

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 18:21
  • +प्रेष 24:17

प्रेषितों 20:17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2004, पेज 19

प्रेषितों 20:18

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 19:9, 10

प्रेषितों 20:19

संबंधित आयतें

  • +1कुर 15:9; 1थि 2:6

प्रेषितों 20:20

फुटनोट

  • *

    या “तुम्हारे भले के लिए।”

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 5:42
  • +मत 28:19, 20; 2ती 4:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 42, 169-170

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 17-18

    7/15/2008, पेज 3-4

    3/15/2004, पेज 12

    2/1/1992, पेज 22-25

    2/1/1991, पेज 12-13

    3/1/1988, पेज 25

    11/1/1987, पेज 21

    3/1/1987, पेज 19

    12/1/1986, पेज 18-19

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (मत्ती-कुलु), पेज 28

प्रेषितों 20:21

संबंधित आयतें

  • +मर 1:14, 15
  • +लूक 24:46, 47

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 17-19

    2/1/1992, पेज 23-24

    11/1/1987, पेज 21

    3/1/1987, पेज 19

प्रेषितों 20:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 173

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1991, पेज 13

प्रेषितों 20:23

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 9:15, 16; 21:4, 11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 189

प्रेषितों 20:24

संबंधित आयतें

  • +2ती 4:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 170

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    7/2016, पेज 26-27

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2011, पेज 23-24

    12/15/2008, पेज 18-19

    5/15/2008, पेज 32

प्रेषितों 20:26

संबंधित आयतें

  • +यहे 33:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1987, पेज 19-20

प्रेषितों 20:27

फुटनोट

  • *

    या “के मकसद।”

संबंधित आयतें

  • +मत 28:19, 20

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1987, पेज 19-20

प्रेषितों 20:28

संबंधित आयतें

  • +1ती 4:16
  • +1ती 3:1-7; तीत 1:5-9; इब्र 13:17
  • +यूह 21:15; इफ 4:11; 1पत 5:2-4
  • +मत 26:27, 28; 1यूह 1:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 101-102

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2013, पेज 22

    6/15/2011, पेज 20-21

    3/15/2002, पेज 14-15

    1/15/2001, पेज 13-16

    10/1/1992, पेज 16

    8/1/1991, पेज 16

प्रेषितों 20:29

संबंधित आयतें

  • +मत 7:15; 2थि 2:3; 2पत 2:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 170-172

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2013, पेज 18

    5/15/2003, पेज 27

    10/1/1992, पेज 16

    2/1/1991, पेज 13

    8/1/1991, पेज 18

प्रेषितों 20:30

संबंधित आयतें

  • +1ती 4:1; 2ती 4:3, 4; 1यूह 2:18, 19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2013, पेज 18

    7/15/2011, पेज 15

    9/1/2004, पेज 15

    5/15/2003, पेज 27

    2/1/1991, पेज 13

प्रेषितों 20:31

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 19:9, 10

प्रेषितों 20:32

संबंधित आयतें

  • +इफ 1:18; कुल 1:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1991, पेज 13

प्रेषितों 20:33

संबंधित आयतें

  • +1शम 12:1, 3; मत 10:8; 1कुर 9:11, 12; 2कुर 7:2; तीत 1:7

प्रेषितों 20:34

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 18:3; 1कुर 4:11, 12; 1थि 2:9

प्रेषितों 20:35

संबंधित आयतें

  • +इफ 4:28; 1थि 4:11, 12; 2थि 3:7, 8
  • +नीत 19:17; मत 10:8; लूक 6:38

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मेरा चेला बन जा, पेज 109

    गवाही दो, पेज 172

    यहोवा के करीब, पेज 300

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 17

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 7

    अंक 1 2018, पेज 5

    1/2009, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2018, पेज 18-22

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2018, पेज 14-15

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 2 2017, पेज 13-14

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/2005, पेज 6

    9/1/2002, पेज 9

    7/1/2001, पेज 12-17

    11/15/2000, पेज 10

    9/15/2000, पेज 23-24

    2/1/1991, पेज 13

    महान शिक्षक, पेज 92-96

प्रेषितों 20:37

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 171-172

प्रेषितों 20:38

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 20:25

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

प्रेषि. 20:3प्रेष 23:12, 16; 2कुर 11:23, 26
प्रेषि. 20:4प्रेष 27:2
प्रेषि. 20:4प्रेष 16:1, 2
प्रेषि. 20:4इफ 6:21; कुल 4:7; 2ती 4:12
प्रेषि. 20:4प्रेष 21:29; 2ती 4:20
प्रेषि. 20:6निर्ग 12:15; 23:15
प्रेषि. 20:101रा 17:21, 22; 2रा 4:32, 34
प्रेषि. 20:10मत 9:23, 24; यूह 11:39, 40; प्रेष 9:39, 40
प्रेषि. 20:16प्रेष 18:21
प्रेषि. 20:16प्रेष 24:17
प्रेषि. 20:18प्रेष 19:9, 10
प्रेषि. 20:191कुर 15:9; 1थि 2:6
प्रेषि. 20:20प्रेष 5:42
प्रेषि. 20:20मत 28:19, 20; 2ती 4:2
प्रेषि. 20:21मर 1:14, 15
प्रेषि. 20:21लूक 24:46, 47
प्रेषि. 20:23प्रेष 9:15, 16; 21:4, 11
प्रेषि. 20:242ती 4:7
प्रेषि. 20:26यहे 33:8
प्रेषि. 20:27मत 28:19, 20
प्रेषि. 20:281ती 4:16
प्रेषि. 20:281ती 3:1-7; तीत 1:5-9; इब्र 13:17
प्रेषि. 20:28यूह 21:15; इफ 4:11; 1पत 5:2-4
प्रेषि. 20:28मत 26:27, 28; 1यूह 1:7
प्रेषि. 20:29मत 7:15; 2थि 2:3; 2पत 2:1
प्रेषि. 20:301ती 4:1; 2ती 4:3, 4; 1यूह 2:18, 19
प्रेषि. 20:31प्रेष 19:9, 10
प्रेषि. 20:32इफ 1:18; कुल 1:12
प्रेषि. 20:331शम 12:1, 3; मत 10:8; 1कुर 9:11, 12; 2कुर 7:2; तीत 1:7
प्रेषि. 20:34प्रेष 18:3; 1कुर 4:11, 12; 1थि 2:9
प्रेषि. 20:35इफ 4:28; 1थि 4:11, 12; 2थि 3:7, 8
प्रेषि. 20:35नीत 19:17; मत 10:8; लूक 6:38
प्रेषि. 20:38प्रेष 20:25
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • 26
  • 27
  • 28
  • 29
  • 30
  • 31
  • 32
  • 33
  • 34
  • 35
  • 36
  • 37
  • 38
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
प्रेषितों 20:1-38

प्रेषितों के काम

20 जब हुल्लड़ थम गया, तो पौलुस ने चेलों को बुलवाया और उनका हौसला बढ़ाने के बाद उन्हें अलविदा कहा और मकिदुनिया के सफर पर निकल पड़ा। 2 उन इलाकों का दौरा करते वक्‍त उसने बहुत-सी बातें कहकर वहाँ के चेलों का हौसला बढ़ाया और फिर वह यूनान आया। 3 वहाँ तीन महीने रहने के बाद, जब वह जहाज़ पर सीरिया के लिए रवाना होने पर था, तो यहूदियों ने उसके खिलाफ साज़िश रची,+ इसलिए उसने मकिदुनिया से होते हुए लौटने का फैसला किया। 4 उसके साथ ये सभी लोग गए: बिरीया के रहनेवाले पुररुस का बेटा सोपत्रुस, थिस्सलुनीके के रहनेवालों में से अरिस्तरखुस+ और सिकुंदुस और दिरबे का रहनेवाला गयुस और तीमुथियुस+ और एशिया प्रांत से तुखिकुस+ और त्रुफिमुस।+ 5 ये लोग आगे निकल गए और त्रोआस शहर में हमारा इंतज़ार करने लगे। 6 मगर हम बिन-खमीर की रोटी के त्योहार+ के दिनों के बाद फिलिप्पी से समुद्री यात्रा पर निकले और पाँच दिन के अंदर उनके पास त्रोआस पहुँच गए। हमने वहाँ सात दिन बिताए।

7 हफ्ते के पहले दिन जब हम खाना खाने के लिए इकट्ठा हुए, तो पौलुस जमा हुए लोगों को उपदेश देने लगा। वह अगले दिन वहाँ से निकलनेवाला था इसलिए वह आधी रात तक भाषण देता रहा। 8 ऊपर के जिस कमरे में हम इकट्ठा थे वहाँ बहुत-से दीए जल रहे थे। 9 युतुखुस नाम का एक जवान, खिड़की पर बैठा हुआ था। जब पौलुस देर तक बातें करता रहा, तो वह लड़का गहरी नींद सो गया और तीसरी मंज़िल से नीचे गिर पड़ा। जब उसे उठाया गया तो वह मर चुका था। 10 मगर पौलुस सीढ़ियाँ उतरकर नीचे गया और झुककर उससे लिपट गया+ और भाइयों से कहा, “शांत हो जाओ क्योंकि यह अब ज़िंदा हो गया है।”+ 11 इसके बाद वह ऊपर गया और खाना खाने लगा* और तब तक उनसे बातें करता रहा जब तक कि दिन न निकल गया और फिर उसने उनसे विदा ली। 12 और वे उस लड़के को ले गए और उसे ज़िंदा पाकर उन्हें इतना दिलासा मिला कि उसका बयान नहीं किया जा सकता।

13 इसके बाद हम जहाज़ पर चढ़कर अस्सुस के लिए रवाना हो गए। मगर पौलुस पैदल चलकर वहाँ आया। अस्सुस में हमें पौलुस को अपने साथ जहाज़ पर लेना था, जैसा उसने हमसे कहा था। 14 जब पौलुस अस्सुस पहुँचा, तो हमने उसे अपने साथ जहाज़ पर चढ़ाया और मितुलेने गए। 15 अगले दिन हम वहाँ से जहाज़ पर निकले और खियुस के पास पहुँचे। फिर दूसरे दिन जहाज़ सामुस में रुका और अगले दिन हम मीलेतुस पहुँचे। 16 पौलुस ने तय किया था कि वह इफिसुस+ में रुके बिना आगे बढ़ जाएगा ताकि उसे एशिया प्रांत में और वक्‍त न बिताना पड़े। वह इसलिए जल्दी कर रहा था कि हो सके तो पिन्तेकुस्त के त्योहार के दिन तक यरूशलेम+ पहुँच जाए।

17 मगर उसने मीलेतुस से इफिसुस में संदेश भेजा और वहाँ की मंडली के प्राचीनों को बुलवाया। 18 जब वे उसके पास आए तो उसने उनसे कहा, “तुम अच्छी तरह जानते हो कि जिस दिन से मैंने एशिया प्रांत में कदम रखा उस दिन से मैंने तुम्हारे बीच किस तरह जीवन बिताया।+ 19 मैं प्रभु का दास बनकर पूरी नम्रता से+ उसकी सेवा करता रहा और यहूदियों की साज़िशों की वजह से मैंने बहुत आँसू बहाए और कई परीक्षाओं का सामना किया। 20 इस दौरान मैं तुम्हें ऐसी कोई भी बात बताने से पीछे नहीं हटा जो तुम्हारे फायदे* की थी, न ही तुम्हें सरेआम और घर-घर जाकर+ सिखाने+ से रुका। 21 मगर मैंने यहूदी और यूनानी, दोनों को परमेश्‍वर के सामने पश्‍चाताप करने+ और हमारे प्रभु यीशु पर विश्‍वास करने के बारे में अच्छी तरह गवाही दी।+ 22 और अब देखो, मैं पवित्र शक्‍ति के मार्गदर्शन के मुताबिक यरूशलेम जाने के लिए मजबूर हूँ, हालाँकि मैं नहीं जानता कि वहाँ मुझ पर क्या-क्या बीतेगी। 23 मैं सिर्फ इतना जानता हूँ कि हर शहर में पवित्र शक्‍ति ने बार-बार मुझ पर ज़ाहिर किया कि कैद और मुसीबतें मेरी राह तक रहे हैं।+ 24 फिर भी मैं अपनी जान को ज़रा भी कीमती नहीं समझता। बस इतना चाहता हूँ कि मैं किसी तरह अपनी दौड़ और अपनी सेवा पूरी कर सकूँ।+ यह सेवा मुझे प्रभु यीशु ने सौंपी थी कि मैं परमेश्‍वर की महा-कृपा की खुशखबरी के बारे में अच्छी गवाही दूँ।

25 अब देखो! मैं जानता हूँ कि तुम सब जिनके बीच मैंने राज का प्रचार किया, मेरा मुँह फिर कभी नहीं देखोगे। 26 इसलिए आज के दिन तुम इस बात के गवाह हो कि मैं सब लोगों के खून से निर्दोष हूँ।+ 27 क्योंकि मैं परमेश्‍वर की मरज़ी* के बारे में तुम्हें सारी बातें बताने से पीछे नहीं हटा।+ 28 तुम अपनी और पूरे झुंड की चौकसी करो+ जिसके बीच पवित्र शक्‍ति ने तुम्हें निगरानी करनेवाले ठहराया है+ ताकि तुम चरवाहों की तरह परमेश्‍वर की मंडली की देखभाल करो+ जिसे उसने अपने बेटे के खून से खरीदा है।+ 29 मैं जानता हूँ कि मेरे जाने के बाद अत्याचारी भेड़िए तुम्हारे बीच घुस आएँगे+ और झुंड के साथ कोमलता से पेश नहीं आएँगे 30 और तुम्हारे ही बीच में से ऐसे आदमी उठ खड़े होंगे जो चेलों को अपने पीछे खींच लेने के लिए टेढ़ी-मेढ़ी बातें कहेंगे।+

31 इसलिए जागते रहो और याद रखो कि तीन साल तक,+ मैं रात-दिन आँसू बहा-बहाकर तुममें से हरेक को समझाता रहा। 32 और अब मैं तुम्हें परमेश्‍वर और उसकी महा-कृपा के वचन के हवाले सौंपता हूँ। यह वचन तुम्हें मज़बूत कर सकता है और सब पवित्र जनों के बीच विरासत दिला सकता है।+ 33 मैंने किसी की चाँदी या सोने या कपड़े का लालच नहीं किया।+ 34 तुम खुद यह बात जानते हो कि मेरे इन्हीं हाथों ने न सिर्फ मेरी बल्कि मेरे साथियों की ज़रूरतों को भी पूरा किया है।+ 35 मैंने सब बातों में तुम्हें दिखाया है कि तुम भी इसी तरह मेहनत करते हुए+ उन लोगों की मदद करो जो कमज़ोर हैं और प्रभु यीशु के ये शब्द हमेशा याद रखो जो उसने खुद कहे थे: ‘लेने से ज़्यादा खुशी देने में है।’”+

36 यह सब कहने के बाद पौलुस ने उन सबके साथ घुटने टेके और प्रार्थना की। 37 तब वे सब फूट-फूटकर रोने लगे और पौलुस के गले लगकर उसे प्यार से चूमने लगे। 38 वे खासकर पौलुस की इस बात से दुखी हो गए थे कि वे फिर कभी उसका मुँह नहीं देख पाएँगे।+ इसके बाद वे उसे जहाज़ तक छोड़ने गए।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें