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  • 1 यूहन्‍ना 2
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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1 यूहन्‍ना का सारांश

      • यीशु सुलह करानेवाला बलिदान है (1, 2)

      • उसकी आज्ञाएँ मानना (3-11)

        • पुरानी और नयी आज्ञा (7, 8)

      • चिट्ठी लिखने की वजह (12-14)

      • दुनिया से प्यार मत करो (15-17)

      • मसीह के विरोधी के बारे में चेतावनी (18-29)

1 यूहन्‍ना 2:1

फुटनोट

  • *

    या “फरियाद करनेवाला।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 8:34; इब्र 7:25
  • +1ती 2:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 160

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 27

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 7/2019, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2004, पेज 19

    3/15/2000, पेज 3-4, 5-9

1 यूहन्‍ना 2:2

फुटनोट

  • *

    या “जो प्रायश्‍चित का बलिदान है; जो परमेश्‍वर को खुश करता है।”

संबंधित आयतें

  • +यश 53:5; रोम 3:25; 1ती 1:15; इब्र 2:17; 1पत 2:24; 1यूह 4:10
  • +1कुर 5:7
  • +मत 20:28; यूह 1:29

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 27

    6/1/1991, पेज 30

    8/1/1990, पेज 16-17

1 यूहन्‍ना 2:5

संबंधित आयतें

  • +1यूह 4:18
  • +यूह 14:20; 17:21

1 यूहन्‍ना 2:6

फुटनोट

  • *

    शा., “वैसे ही चलता रहे जैसे वह चला था।”

संबंधित आयतें

  • +यूह 13:15; 1पत 2:21

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2005, पेज 21-25

1 यूहन्‍ना 2:7

संबंधित आयतें

  • +यूह 13:34; 2यूह 5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2013, पेज 10

    12/15/2008, पेज 27

1 यूहन्‍ना 2:8

संबंधित आयतें

  • +यूह 1:9; 8:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 27

1 यूहन्‍ना 2:9

संबंधित आयतें

  • +इफ 4:31; कुल 3:8
  • +1कुर 13:2; 1यूह 3:15

1 यूहन्‍ना 2:10

संबंधित आयतें

  • +इफ 5:8

1 यूहन्‍ना 2:11

संबंधित आयतें

  • +1यूह 4:20
  • +यूह 12:35

1 यूहन्‍ना 2:12

संबंधित आयतें

  • +लूक 24:47; प्रेष 4:12; 10:43

1 यूहन्‍ना 2:13

फुटनोट

  • *

    शा., “उसे।”

  • *

    शा., “उस दुष्ट।”

संबंधित आयतें

  • +याकू 4:7; 1यूह 5:19; प्रक 12:10, 11
  • +यूह 17:25

1 यूहन्‍ना 2:14

फुटनोट

  • *

    शा., “उसे।”

  • *

    शा., “उस दुष्ट।”

संबंधित आयतें

  • +इफ 6:10
  • +3यूह 3
  • +रोम 8:37

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/2003, पेज 8

1 यूहन्‍ना 2:15

संबंधित आयतें

  • +रोम 12:2; 1कुर 7:31; तीत 2:11, 12
  • +मत 6:24; याकू 4:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 52

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 24-27

    1/15/2010, पेज 14-15

    1/15/2006, पेज 24-25

    1/1/2005, पेज 9-10

    3/1/2002, पेज 14-15

    यशायाह की भविष्यवाणी-I, पेज 258

1 यूहन्‍ना 2:16

फुटनोट

  • *

    या “जीवन के साधनों।”

  • *

    या “के बारे में डींग मारना।”

संबंधित आयतें

  • +मत 5:28; रोम 13:14
  • +उत 3:6; नीत 27:20; मत 4:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    7/2020, पेज 6-7

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 24-27

    1/15/2006, पेज 24-25

    1/1/2005, पेज 9-10

    8/15/2002, पेज 23-24

    3/1/2002, पेज 14-15

    3/1/1987, पेज 22-24

    यशायाह की भविष्यवाणी-I, पेज 258

1 यूहन्‍ना 2:17

संबंधित आयतें

  • +1कुर 7:31; 1पत 1:24
  • +भज 37:29; मत 7:21; यूह 6:40

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2017, पेज 9-13

    सजग होइए!,

    अंक 1 2016, पेज 14

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 27

    1/1/2013, पेज 5-6

    8/15/2005, पेज 28-29

1 यूहन्‍ना 2:18

संबंधित आयतें

  • +2थि 2:3; 2पत 2:1
  • +2थि 2:7; 2यूह 7; यहू 4

1 यूहन्‍ना 2:19

फुटनोट

  • *

    या “हमारे लोग नहीं थे।”

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 20:30
  • +1कुर 11:19

1 यूहन्‍ना 2:20

संबंधित आयतें

  • +2कुर 1:21; 1यूह 2:27

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2020, पेज 22

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2016, पेज 19

1 यूहन्‍ना 2:21

संबंधित आयतें

  • +यूह 8:31, 32
  • +यूह 8:44

1 यूहन्‍ना 2:22

संबंधित आयतें

  • +1यूह 4:3; 2यूह 7
  • +1यूह 2:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    नयी दुनिया अनुवाद, पेज 2122

1 यूहन्‍ना 2:23

संबंधित आयतें

  • +यूह 5:23; 2यूह 9
  • +रोम 10:9, 10
  • +1यूह 4:15

1 यूहन्‍ना 2:24

संबंधित आयतें

  • +यूह 14:23; 2यूह 6

1 यूहन्‍ना 2:25

संबंधित आयतें

  • +यूह 17:3; 1यूह 1:2

1 यूहन्‍ना 2:27

संबंधित आयतें

  • +2कुर 1:21; 1यूह 2:20
  • +यूह 14:26; 16:13
  • +यूह 17:21

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2020, पेज 22

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2016, पेज 19

1 यूहन्‍ना 2:28

संबंधित आयतें

  • +1यूह 4:17

1 यूहन्‍ना 2:29

फुटनोट

  • *

    यानी यीशु।

संबंधित आयतें

  • +1पत 1:23; 1यूह 4:7

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

1 यूह. 2:1रोम 8:34; इब्र 7:25
1 यूह. 2:11ती 2:5
1 यूह. 2:2यश 53:5; रोम 3:25; 1ती 1:15; इब्र 2:17; 1पत 2:24; 1यूह 4:10
1 यूह. 2:21कुर 5:7
1 यूह. 2:2मत 20:28; यूह 1:29
1 यूह. 2:51यूह 4:18
1 यूह. 2:5यूह 14:20; 17:21
1 यूह. 2:6यूह 13:15; 1पत 2:21
1 यूह. 2:7यूह 13:34; 2यूह 5
1 यूह. 2:8यूह 1:9; 8:12
1 यूह. 2:9इफ 4:31; कुल 3:8
1 यूह. 2:91कुर 13:2; 1यूह 3:15
1 यूह. 2:10इफ 5:8
1 यूह. 2:111यूह 4:20
1 यूह. 2:11यूह 12:35
1 यूह. 2:12लूक 24:47; प्रेष 4:12; 10:43
1 यूह. 2:13याकू 4:7; 1यूह 5:19; प्रक 12:10, 11
1 यूह. 2:13यूह 17:25
1 यूह. 2:14इफ 6:10
1 यूह. 2:143यूह 3
1 यूह. 2:14रोम 8:37
1 यूह. 2:15रोम 12:2; 1कुर 7:31; तीत 2:11, 12
1 यूह. 2:15मत 6:24; याकू 4:4
1 यूह. 2:16मत 5:28; रोम 13:14
1 यूह. 2:16उत 3:6; नीत 27:20; मत 4:8
1 यूह. 2:171कुर 7:31; 1पत 1:24
1 यूह. 2:17भज 37:29; मत 7:21; यूह 6:40
1 यूह. 2:182थि 2:3; 2पत 2:1
1 यूह. 2:182थि 2:7; 2यूह 7; यहू 4
1 यूह. 2:19प्रेष 20:30
1 यूह. 2:191कुर 11:19
1 यूह. 2:202कुर 1:21; 1यूह 2:27
1 यूह. 2:21यूह 8:31, 32
1 यूह. 2:21यूह 8:44
1 यूह. 2:221यूह 4:3; 2यूह 7
1 यूह. 2:221यूह 2:18
1 यूह. 2:23यूह 5:23; 2यूह 9
1 यूह. 2:23रोम 10:9, 10
1 यूह. 2:231यूह 4:15
1 यूह. 2:24यूह 14:23; 2यूह 6
1 यूह. 2:25यूह 17:3; 1यूह 1:2
1 यूह. 2:272कुर 1:21; 1यूह 2:20
1 यूह. 2:27यूह 14:26; 16:13
1 यूह. 2:27यूह 17:21
1 यूह. 2:281यूह 4:17
1 यूह. 2:291पत 1:23; 1यूह 4:7
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
1 यूहन्‍ना 2:1-29

यूहन्‍ना की पहली चिट्ठी

2 मेरे प्यारे बच्चो, मैं तुम्हें ये बातें इसलिए लिख रहा हूँ ताकि तुम कोई पाप न करो। और अगर कोई पाप कर बैठे, तो हमारे लिए एक मददगार* है जो पिता के पास है यानी यीशु मसीह+ जो नेक है।+ 2 वह हमारे पापों के लिए+ ऐसा बलिदान है जो परमेश्‍वर के साथ हमारी सुलह कराता है*+ और सिर्फ हमारे पापों के लिए नहीं बल्कि सारी दुनिया के पापों के लिए।+ 3 अगर हम उसकी आज्ञाओं को मानते रहें, तो इसी से हमें एहसास होता है कि हम उसे जानते हैं। 4 जो कहता है, “मैं उसे जान गया हूँ” और फिर भी उसकी आज्ञाएँ नहीं मानता, वह झूठा है और ऐसे इंसान में सच्चाई नहीं है। 5 मगर जो कोई उसकी आज्ञा मानता है, सचमुच उसी इंसान में परमेश्‍वर के लिए प्यार पूरी हद तक दिखायी देता है।+ और इसी से हम जान पाते हैं कि हम उसके साथ एकता में हैं।+ 6 जो कहता है कि मैं उसके साथ एकता में हूँ उसका फर्ज़ बनता है कि वह खुद भी वैसे ही जीए जैसे यीशु जीया था।*+

7 प्यारे भाइयो, मैं तुम्हें जो लिख रहा हूँ वह कोई नयी आज्ञा नहीं बल्कि वही पुरानी आज्ञा है जो तुम्हें पहले से मिली हुई है।+ यह पुरानी आज्ञा वह वचन है जो तुम सुन चुके हो। 8 फिर भी, मैं तुम्हें यही आज्ञा एक नयी आज्ञा की तरह लिख रहा हूँ, जो मसीह ने मानी थी और तुम भी मानते हो, क्योंकि अंधकार मिटता जा रहा है और सच्ची रौशनी अभी से चमक रही है।+

9 जो कहता है कि मैं रौशनी में हूँ, फिर भी अपने भाई से नफरत करता है+ वह अब तक अंधकार में है।+ 10 जो अपने भाई से प्यार करता है वह रौशनी में ही रहता है+ और उसके लिए ठोकर खाने की कोई वजह नहीं होती। 11 मगर जो अपने भाई से नफरत करता है वह अंधकार में है और अंधकार में चल रहा है+ और नहीं जानता कि कहाँ जा रहा है+ क्योंकि अंधकार ने उसकी आँखों को अंधा कर दिया है।

12 प्यारे बच्चो, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि उसके नाम की खातिर तुम्हारे पाप माफ किए गए हैं।+ 13 पिताओ, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि तुम यीशु को* जान गए हो जो शुरूआत से है। जवानो, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि तुमने शैतान* पर जीत हासिल की है।+ बच्चो, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि तुम पिता को जान गए हो।+ 14 पिताओ, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि तुम यीशु को* जान गए हो जो शुरूआत से है। जवानो, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि तुम बलवान हो+ और परमेश्‍वर का वचन तुममें कायम है+ और तुमने शैतान* पर जीत हासिल की है।+

15 तुम न तो दुनिया से प्यार करो, न ही दुनिया की चीज़ों से।+ अगर कोई दुनिया से प्यार करता है तो उसमें पिता के लिए प्यार नहीं है।+ 16 क्योंकि दुनिया में जो कुछ है यानी शरीर की ख्वाहिशें,+ आँखों की ख्वाहिशें+ और अपनी चीज़ों* का दिखावा,* वह पिता की तरफ से नहीं बल्कि दुनिया की तरफ से है। 17 इतना ही नहीं, यह दुनिया और इसकी ख्वाहिशें मिटती जा रही हैं,+ मगर जो परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करता है वह हमेशा बना रहेगा।+

18 प्यारे बच्चो, यह आखिरी घड़ी है और जैसा तुम सुन चुके हो मसीह का विरोधी आ रहा है,+ यहाँ तक कि मसीह के ऐसे कई विरोधी आ चुके हैं।+ इससे हमें पता चलता है कि यह आखिरी घड़ी है। 19 वे हमारे ही बीच से निकलकर गए थे मगर वे हमारे जैसे नहीं थे।*+ अगर वे हमारे जैसे होते तो हमारे साथ ही रहते। मगर वे निकलकर चले गए ताकि यह साफ दिखायी दे कि सब हमारे जैसे नहीं हैं।+ 20 तुम्हारा अभिषेक उस पवित्र परमेश्‍वर ने किया है,+ इसलिए तुम सबके पास ज्ञान है। 21 मैं तुम्हें इसलिए नहीं लिख रहा कि तुम सच्चाई नहीं जानते,+ बल्कि इसलिए कि तुम सच्चाई जानते हो और इसलिए भी कि सच्चाई से किसी तरह का झूठ नहीं निकलता।+

22 झूठा कौन है? क्या वह नहीं जो इस बात से इनकार करता है कि यीशु ही मसीह है?+ वही मसीह का विरोधी है,+ जो पिता का और बेटे का इनकार करता है। 23 जो कोई बेटे का इनकार करता है उसके साथ पिता नहीं है।+ और जो कोई बेटे को स्वीकार करता है+ उसके साथ पिता है।+ 24 जहाँ तक तुम्हारी बात है, जो तुमने शुरू में सुना था वह तुम्हारे दिलों में बना रहे।+ तुमने शुरू में जो सुना था अगर वह तुम्हारे दिलों में बना रहे, तो तुम बेटे के साथ और पिता के साथ भी एकता में रहोगे। 25 इसके अलावा, उसने खुद हमसे जिस बात का वादा किया है वह है, हमेशा की ज़िंदगी।+

26 मैं तुम्हें ये बातें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि कुछ लोग तुम्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। 27 जहाँ तक तुम्हारी बात है, परमेश्‍वर ने जिस पवित्र शक्‍ति से तुम्हारा अभिषेक किया है+ वह तुममें बनी रहती है। अब यह ज़रूरी नहीं कि कोई और तुम्हें सिखाए। मगर परमेश्‍वर तुम्हारा अभिषेक करने के ज़रिए तुम्हें सब बातें सिखा रहा है।+ तुम्हारा अभिषेक सच्चा है, झूठा नहीं। और ठीक जैसे तुम्हें इस अभिषेक के ज़रिए सिखाया गया है, तुम उसके साथ एकता में बने रहो जिसने तुम्हारा अभिषेक किया है।+ 28 इसलिए प्यारे बच्चो, उसके साथ एकता में रहो ताकि जब वह प्रकट किया जाए, तो हमारे पास बेझिझक बोलने की हिम्मत हो+ और उसकी मौजूदगी के दौरान हम शर्मिंदा होकर उससे दूर न चले जाएँ। 29 अगर तुम जानते हो कि वह* नेक है, तो तुम यह भी जानते हो कि जो कोई नेक काम करता है वह परमेश्‍वर से पैदा हुआ है।+

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