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  • उत्पत्ति 2
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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उत्पत्ति का सारांश

      • परमेश्‍वर सातवें दिन विश्राम करता है (1-3)

      • यहोवा ने आकाश और पृथ्वी बनायी (4)

      • अदन के बाग में आदमी और औरत (5-25)

        • आदमी मिट्टी से रचा गया (7)

        • ज्ञान के पेड़ से खाने की मनाही (15-17)

        • औरत की सृष्टि (18-25)

उत्पत्ति 2:1

फुटनोट

  • *

    शा., “और उनकी सारी सेना को।”

संबंधित आयतें

  • +नहे 9:6; भज 146:6

उत्पत्ति 2:2

फुटनोट

  • *

    या “जो बना रहा था।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 31:17; इब्र 4:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 56

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2012, पेज 22

    10/1/2001, पेज 30

    7/15/1998, पेज 14-16

    2/1/1989, पेज 6

उत्पत्ति 2:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    11/2023, पेज 5

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2012, पेज 22

    7/15/2011, पेज 24-25

    10/1/2001, पेज 30

    3/1/1990, पेज 25

उत्पत्ति 2:4

फुटनोट

  • *

    परमेश्‍वर का यह बेजोड़ नाम יהוה (य-ह-व-ह) पहली बार इस आयत में आता है। अति. क4 देखें।

संबंधित आयतें

  • +यश 45:18

उत्पत्ति 2:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/1998, पेज 9

उत्पत्ति 2:7

फुटनोट

  • *

    शब्दावली में “जीवन” देखें।

संबंधित आयतें

  • +उत 3:19; भज 103:14; सभ 3:20
  • +उत 7:22; यश 42:5; प्रेष 17:25
  • +1कुर 15:45, 47

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 4 2017, पेज 5-6

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1999, पेज 14-15

    10/1/1997, पेज 19

    9/1/1994, पेज 8

    3/1/1990, पेज 16

    ज्ञान, पेज 81

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 72-73

    मृत्यु पर विजय, पेज 9-10, 12-13

उत्पत्ति 2:8

संबंधित आयतें

  • +उत 2:15; 3:23
  • +उत 1:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2018, पेज 3-4

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1990, पेज 10

    3/1/1990, पेज 14-15

उत्पत्ति 2:9

संबंधित आयतें

  • +उत 3:22, 24; प्रक 2:7
  • +उत 2:17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    नयी दुनिया अनुवाद, पेज 2109

    प्रहरीदुर्ग: अदन का बाग—क्या यह सच में था?,

    4/15/1999, पेज 7-8

    3/1/1990, पेज 16-17

    सजग होइए!,

    11/8/1998, पेज 7

उत्पत्ति 2:10

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग: अदन का बाग—क्या यह सच में था?,

उत्पत्ति 2:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1990, पेज 16

उत्पत्ति 2:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1990, पेज 16

उत्पत्ति 2:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1990, पेज 16

उत्पत्ति 2:14

फुटनोट

  • *

    या “टिग्रिस।”

संबंधित आयतें

  • +दान 10:4
  • +उत 10:8, 11
  • +उत 15:18; व्य 11:24

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1990, पेज 16

उत्पत्ति 2:15

संबंधित आयतें

  • +उत 1:28; 2:8; भज 115:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2023, पेज 15-16

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1990, पेज 14-19

उत्पत्ति 2:16

संबंधित आयतें

  • +उत 2:8, 9; 3:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 160

    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 42-43

    संतोष से भरी ज़िंदगी, पेज 22

    ज्ञान, पेज 56-57

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1990, पेज 17

उत्पत्ति 2:17

संबंधित आयतें

  • +उत 3:19; भज 146:4; सभ 9:5, 10; यहे 18:4; रोम 5:12; 1कुर 15:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 160

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 3 2019, पेज 8

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2018, पेज 5

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2014, पेज 24-25

    1/1/2003, पेज 4

    1/15/2001, पेज 4-5

    3/1/1990, पेज 17, 26, 28-29

    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 42-43, 61-62

    संतोष से भरी ज़िंदगी, पेज 22

    ख़ुदा की रहनुमाई, पेज 8-9

    ज्ञान, पेज 56-58

उत्पत्ति 2:18

संबंधित आयतें

  • +1कुर 11:8, 9; 1ती 2:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2023, पेज 23

    सजग होइए!,

    4/8/2005, पेज 10-11

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2011, पेज 8-9

    11/15/2000, पेज 24-25

    7/15/1995, पेज 10-11

    6/1/1990, पेज 12

    4/1/1990, पेज 21-22

    पारिवारिक सुख, पेज 34

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 238-239

    युवाओं के प्रश्‍न, पेज 116

उत्पत्ति 2:19

संबंधित आयतें

  • +उत 1:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2023, पेज 15-16

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2016, पेज 29

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1990, पेज 19-20

उत्पत्ति 2:20

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1990, पेज 19-22

उत्पत्ति 2:21

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग: अदन का बाग—क्या यह सच में था?,

उत्पत्ति 2:22

संबंधित आयतें

  • +मर 10:9; 1ती 2:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग: अदन का बाग—क्या यह सच में था?,

    1/1/2004, पेज 30

उत्पत्ति 2:23

संबंधित आयतें

  • +1कुर 11:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/2004, पेज 30

    3/1/1990, पेज 22-23

    4/1/1990, पेज 22

    मृत्यु पर विजय, पेज 4-5

उत्पत्ति 2:24

फुटनोट

  • *

    या “के साथ ही रहेगा।”

संबंधित आयतें

  • +मला 2:16; मत 19:5; मर 10:7, 8; रोम 7:2; 1कुर 6:16; इफ 5:31; इब्र 13:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 42

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 4

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2017, पेज 5

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2016, पेज 8-9

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2011, पेज 31

    1/15/2011, पेज 14-16

    1/1/2004, पेज 30

    11/15/2000, पेज 25

    4/1/1990, पेज 22

    सबके लिए किताब, पेज 23-24

उत्पत्ति 2:25

संबंधित आयतें

  • +उत 3:7

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

उत्प. 2:1नहे 9:6; भज 146:6
उत्प. 2:2निर्ग 31:17; इब्र 4:4
उत्प. 2:4यश 45:18
उत्प. 2:7उत 3:19; भज 103:14; सभ 3:20
उत्प. 2:7उत 7:22; यश 42:5; प्रेष 17:25
उत्प. 2:71कुर 15:45, 47
उत्प. 2:8उत 2:15; 3:23
उत्प. 2:8उत 1:26
उत्प. 2:9उत 3:22, 24; प्रक 2:7
उत्प. 2:9उत 2:17
उत्प. 2:14दान 10:4
उत्प. 2:14उत 10:8, 11
उत्प. 2:14उत 15:18; व्य 11:24
उत्प. 2:15उत 1:28; 2:8; भज 115:16
उत्प. 2:16उत 2:8, 9; 3:2
उत्प. 2:17उत 3:19; भज 146:4; सभ 9:5, 10; यहे 18:4; रोम 5:12; 1कुर 15:22
उत्प. 2:181कुर 11:8, 9; 1ती 2:13
उत्प. 2:19उत 1:26
उत्प. 2:22मर 10:9; 1ती 2:13
उत्प. 2:231कुर 11:8
उत्प. 2:24मला 2:16; मत 19:5; मर 10:7, 8; रोम 7:2; 1कुर 6:16; इफ 5:31; इब्र 13:4
उत्प. 2:25उत 3:7
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
उत्पत्ति 2:1-25

उत्पत्ति

2 इस तरह आकाश और पृथ्वी और जो कुछ उनमें है, उन सबको* बनाने का काम पूरा हुआ।+ 2 परमेश्‍वर जो काम कर रहा था,* उसे सातवें दिन से पहले उसने पूरा कर दिया। सारा काम पूरा करने के बाद सातवें दिन उसने विश्राम करना शुरू किया।+ 3 परमेश्‍वर ने सातवें दिन पर आशीष दी और ऐलान किया कि यह दिन पवित्र है, क्योंकि इस दिन से परमेश्‍वर सृष्टि के सारे कामों से विश्राम ले रहा है। परमेश्‍वर ने अपने मकसद के मुताबिक जो-जो बनाना चाहा था उसकी सृष्टि कर ली थी।

4 यह उस वक्‍त का ब्यौरा है जब आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की गयी थी, वह दिन जब यहोवा* परमेश्‍वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया था।+

5 मैदान में अब तक झाड़ियाँ और पौधे नहीं उगे थे, क्योंकि यहोवा परमेश्‍वर ने धरती पर पानी नहीं बरसाया था और ज़मीन जोतने के लिए कोई इंसान नहीं था। 6 मगर धरती से कोहरा उठता और सारी ज़मीन को सींचता था।

7 यहोवा परमेश्‍वर ने ज़मीन की मिट्टी से आदमी को रचा+ और उसके नथनों में जीवन की साँस फूँकी।+ तब वह जीता-जागता इंसान* बन गया।+ 8 यहोवा परमेश्‍वर ने पूरब की तरफ, अदन नाम के इलाके में एक बाग लगाया+ और वहाँ उसने आदमी को बसाया जिसे उसने रचा था।+ 9 यहोवा परमेश्‍वर ने ज़मीन से हर तरह के पेड़ उगाए जो दिखने में सुंदर और खाने के लिए अच्छे थे। उसने बाग के बीच में जीवन का पेड़+ और अच्छे-बुरे के ज्ञान का पेड़+ भी लगाया।

10 अदन से एक नदी बहती थी जो बाग को सींचती थी और वह आगे जाकर चार नदियों में बँट गयी। 11 पहली नदी का नाम है पीशोन। यह वही नदी है जो हवीला देश के चारों तरफ बहती है जहाँ सोना पाया जाता है। 12 उस देश का सोना बढ़िया होता है। वहाँ गुग्गुल पौधे का गोंद और सुलेमानी पत्थर भी पाया जाता है। 13 दूसरी नदी का नाम गीहोन है। यह वही नदी है जो कूश देश के चारों तरफ बहती है। 14 तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल* है।+ यही नदी अश्‍शूर देश+ के पूरब में बहती है। और चौथी नदी फरात है।+

15 यहोवा परमेश्‍वर ने आदमी को लेकर अदन के बाग में बसाया ताकि वह उसमें काम करे और उसकी देखभाल करे।+ 16 यहोवा परमेश्‍वर ने आदमी को यह आज्ञा भी दी, “तू बाग के हरेक पेड़ से जी-भरकर खा सकता है।+ 17 मगर अच्छे-बुरे के ज्ञान का जो पेड़ है उसका फल तू हरगिज़ न खाना, क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाएगा उस दिन ज़रूर मर जाएगा।”+

18 फिर यहोवा परमेश्‍वर ने कहा, “आदमी के लिए यह अच्छा नहीं कि वह अकेला ही रहे। मैं उसके लिए एक मददगार बनाऊँगा, ऐसा साथी जो उससे मेल खाए।”+ 19 यहोवा परमेश्‍वर ज़मीन की मिट्टी से मैदान के सब जंगली जानवर और आसमान में उड़नेवाले सारे जीव बनाता जा रहा था। वह उन्हें आदमी के पास लाने लगा ताकि देखे कि आदमी हरेक को क्या नाम देता है। आदमी ने उन जीव-जंतुओं को जिस-जिस नाम से पुकारा वही उनका नाम हो गया।+ 20 इस तरह आदमी ने सभी पालतू जानवरों, आसमान में उड़नेवाले जीवों और मैदान के सभी जंगली जानवरों के नाम रखे। मगर जहाँ तक आदमी की बात थी, उसके लिए कोई साथी और मददगार नहीं था जो उससे मेल खाता। 21 इसलिए यहोवा परमेश्‍वर ने आदमी को गहरी नींद सुला दिया और जब वह सो रहा था, तो उसकी एक पसली निकाली और फिर चीरा बंद कर दिया। 22 और यहोवा परमेश्‍वर ने आदमी से जो पसली निकाली थी, उससे एक औरत बनायी और उसे आदमी के पास ले आया।+

23 तब आदमी ने कहा,

“आखिरकार यह वह है जिसकी हड्डियाँ मेरी हड्डियों से रची गयी हैं,

जिसका माँस मेरे माँस से बनाया गया है।

यह नर में से निकाली गयी है,

इसलिए यह नारी कहलाएगी।”+

24 इस वजह से आदमी अपने माता-पिता को छोड़ देगा और अपनी पत्नी से जुड़ा रहेगा* और वे दोनों एक तन होंगे।+ 25 आदमी और उसकी पत्नी दोनों नंगे थे,+ फिर भी वे शर्म महसूस नहीं करते थे।

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