गलातियों के नाम
1 मैं पौलुस, न तो इंसानों की तरफ से और न किसी इंसान के ज़रिए प्रेषित* हूँ, बल्कि परमेश्वर हमारे पिता ने मुझे यीशु मसीह के ज़रिए प्रेषित ठहराया है, जिसे उसने मरे हुओं में से जी उठाया। 2 मैं और मेरे साथ के सभी भाई, गलातिया प्रदेश* की मंडलियों* को यह चिट्ठी लिख रहे हैं:
3 तुम्हें परमेश्वर हमारे पिता की तरफ से और प्रभु यीशु मसीह की तरफ से महा-कृपा और शांति मिले। 4 हमारे परमेश्वर और पिता की मरज़ी के मुताबिक मसीह ने हमारे पापों के लिए खुद को दे दिया ताकि हमें मौजूदा दुष्ट दुनिया की व्यवस्था से छुटकारा दिलाए। 5 परमेश्वर की महिमा हमेशा-हमेशा तक होती रहे। आमीन।
6 मुझे ताज्जुब होता है कि तुम ने इतनी जल्दी उस परमेश्वर से मुँह मोड़ लिया जिसने तुम्हें मसीह की महा-कृपा के साथ बुलाया था और अब तुम किसी और ही किस्म की खुशखबरी की तरफ फिर गए हो। 7 मगर कोई और खुशखबरी है ही नहीं। सच तो यह है कि वहाँ कुछ ऐसे लोग हैं जो तुम्हारे लिए मुश्किल पैदा कर रहे हैं और मसीह के बारे में खुशखबरी को भ्रष्ट करना चाहते हैं। 8 लेकिन चाहे हम या स्वर्ग का कोई दूत भी, खुशखबरी के नाम पर उसके अलावा जो हमने तुम्हें सुनायी है कोई और खुशखबरी सुनाए, तो वह शापित ठहरे। 9 जैसे हमने ऊपर कहा है, मैं एक बार फिर कहता हूँ कि वह चाहे कोई भी क्यों न हो अगर वह तुम्हें खुशखबरी के नाम पर उसे छोड़ जिसे तुमने स्वीकार किया था, कुछ और सिखा रहा है तो वह शापित ठहरे।
10 क्या अब मैं इंसानों को कायल करने की कोशिश कर रहा हूँ या परमेश्वर को? या क्या मैं इंसानों को खुश करने की कोशिश कर रहा हूँ? अगर मैं अब भी इंसानों को खुश करने में लगा होता, तो मसीह का दास न होता। 11 मेरे भाइयो, मैं तुम्हें बताए देता हूँ कि मैंने तुम्हें जो खुशखबरी सुनायी है वह इंसानों की तरफ से नहीं है। 12 क्योंकि मैंने इसे न तो किसी इंसान से पाया है, न ही मैंने यह किसी से सीखी है, बल्कि खुद यीशु मसीह ने इसे मुझ पर प्रकट किया है।
13 बेशक, तुमने सुना होगा कि जब मैं पहले यहूदी धर्म मानता था तो मेरा बर्ताव कैसा था। मैं परमेश्वर की मंडली पर हद-से-ज़्यादा ज़ुल्म ढाता रहा और उसे तबाह करता रहा। 14 और मैं यहूदी धर्म में अपनी जाति और अपनी उम्र के कई लोगों से कहीं ज़्यादा तरक्की कर रहा था, क्योंकि मैं अपने बापदादों की परंपराओं को मानने में सबसे ज़्यादा जोशीला था। 15 लेकिन परमेश्वर, जिसने मुझे इस दुनिया में पैदा किया* और मुझ पर महा-कृपा कर मुझे बुलाया, जब उसे यह अच्छा लगा 16 कि वह मेरे ज़रिए अपने बेटे को प्रकट करे और मैं गैर-यहूदियों को उसके बेटे की खुशखबरी सुनाऊँ, तो मैं फौरन किसी इंसान के पास इस बारे में सलाह-मशविरा करने नहीं गया। 17 न ही मैं यरूशलेम में उनके पास गया जो मुझसे पहले से प्रेषित थे, मगर मैं अरब देश चला गया और बाद में दमिश्क लौट आया।
18 इसके तीन साल बाद मैं कैफा से मिलने यरूशलेम गया और पंद्रह दिन तक उसके साथ रहा। 19 लेकिन मैंने प्रभु के भाई याकूब को छोड़ किसी और प्रेषित को नहीं देखा। 20 जो बातें मैं तुम्हें लिख रहा हूँ उनके बारे में परमेश्वर को हाज़िर जानकर कहता हूँ कि मेरी ये बातें झूठी नहीं हैं।
21 इसके बाद, मैं सीरिया और किलिकिया के इलाकों में गया। 22 मगर यहूदिया की मसीही मंडलियों ने मुझे पहले कभी नहीं देखा था। 23 वे सिर्फ मेरे बारे में यह सुना करते थे: “जो आदमी पहले हम पर ज़ुल्म ढाता था, वह अब इसी विश्वास के बारे में खुशखबरी सुना रहा है, जिसे वह पहले तबाह करता था।” 24 इसलिए वे मेरी वजह से परमेश्वर की महिमा करने लगे।
2 इसके चौदह साल बाद, मैं बरनबास के साथ एक बार फिर यरूशलेम गया और मैंने तीतुस को भी अपने साथ लिया। 2 मगर मैं वहाँ इसलिए गया क्योंकि मुझ पर प्रकट किया गया था कि मुझे वहाँ जाना चाहिए। वहाँ मैंने उस खुशखबरी के बारे में बताया जो मैं गैर-यहूदियों को सुनाता हूँ। मगर अकेले में सिर्फ उन भाइयों को बताया जिन्हें खास समझा जाता है। मैंने उन्हें इसलिए बताया ताकि ऐसा न हो कि मैंने सेवा में अब तक जो दौड़-धूप की है या कर रहा हूँ, वह बेकार साबित हो। 3 मगर तीतुस को, जो मेरे साथ था, यूनानी होने पर भी खतना कराने के लिए मजबूर नहीं किया गया। 4 यह मुद्दा उन झूठे भाइयों की वजह से उठा था जो मंडली में चुपचाप घुस आए थे। वे चोरी-छिपे हमारी जासूसी करने आए थे ताकि मसीह यीशु के चेले होने के नाते हमें जो आज़ादी है उसे छीनकर हमें पूरी तरह अपने गुलाम बना लें। 5 लेकिन हम एक पल के लिए भी उनके आगे नहीं झुके, न ही उनके अधीन हुए, हाँ ताकि खुशखबरी की जो सच्चाई तुमने पायी है वह तुममें कायम रहे।
6 मगर वे भाई जिन्हें खास समझा जाता था, हाँ, बाकियों से बड़े समझे जानेवाले उन भाइयों ने मुझे ऐसा कुछ भी नहीं बताया जो मेरे लिए नया हो। उन भाइयों को पहले जो भी दर्जा दिया जाता रहा है, उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि परमेश्वर इंसान की शक्ल देखकर उसे मंज़ूर नहीं करता। 7 इसके बजाय, जब इन भाइयों ने देखा कि मुझे गैर-यहूदियों* को खुशखबरी सुनाने के लिए ठहराया गया है, जैसे पतरस को यहूदियों* को खुशखबरी सुनाने के लिए ठहराया गया था, 8 (इसलिए कि जिसने पतरस को यहूदियों के लिए प्रेषित होने की ज़रूरी काबिलीयत दी है, उसी ने मुझे गैर-यहूदियों के लिए यह काबिलीयत दी है।) 9 हाँ, जब उन्हें उस महा-कृपा के बारे में पता चला जो मुझे दी गयी थी, तो याकूब, कैफा और यूहन्ना ने, जो मंडली के खंभे समझे जाते थे, मुझसे और बरनबास से अपना दायाँ हाथ मिलाकर जताया कि हम सब साझेदार हैं और हम दूसरी जातियों के पास जाएँ, जबकि वे यहूदियों के पास जाएँगे। 10 मगर हमसे इतना और कहा गया कि हम गरीब भाइयों को याद रखें। मैंने जी-जान से ऐसा ही करने की कोशिश की है।
11 लेकिन जब कैफा अंताकिया आया तो मैंने उसके मुँह पर उसका सामना किया क्योंकि वह दोषी ठहरा था। 12 इसलिए कि याकूब के यहाँ से कुछ लोगों के आने से पहले तक, कैफा गैर-यहूदियों के साथ खाया-पीया करता था, मगर जब वे भाई आए तो उसने खतनावालों के डर से उन गैर-यहूदियों से किनारा कर लिया और उनसे दूर-दूर रहने लगा। 13 बाकी यहूदी भी उसकी देखा-देखी यही दिखावा करने लगे। यहाँ तक कि बरनबास भी इस दिखावे में उनके साथ हो लिया। 14 मगर जब मैंने देखा कि वे खुशखबरी की सच्चाई के मुताबिक सीधी चाल नहीं चल रहे हैं, तो उन सबके सामने कैफा से कहा: “जब तू एक यहूदी होकर गैर-यहूदियों की तरह जी रहा है, और यहूदियों की तरह नहीं, तो तू गैर-यहूदियों को यहूदियों की रीतियाँ मानने के लिए कैसे मजबूर कर सकता है?”
15 हम जो जन्म से यहूदी हैं, और पापी गैर-यहूदियों में से नहीं, 16 हम जानते हैं कि एक इंसान को मूसा के कानून में बताए कामों से नहीं बल्कि सिर्फ मसीह यीशु पर विश्वास करने से नेक करार दिया जाता है। हमने भी मसीह यीशु पर विश्वास किया है ताकि हमें मसीह पर विश्वास की वजह से नेक करार दिया जा सके, न कि कानून में बताए कामों के आधार पर, क्योंकि कानून में बताए कामों के आधार पर किसी भी इंसान का नेक करार दिया जाना मुमकिन नहीं। 17 अगर हमें भी, जो मसीह के ज़रिए नेक करार दिए जाने की कोशिश में लगे हैं, मूसा के कानून के खिलाफ पाप करनेवाले समझा जा रहा है, तो क्या असल में मसीह पाप को बढ़ावा दे रहा है? ऐसा हरगिज़ नहीं है! 18 मैं जिसे एक बार ढा चुका हूँ, अगर उसे दोबारा बनाने लगूँ, तो खुद को एक गुनहगार साबित करूँगा। 19 जहाँ तक मेरी बात है, कानून के ज़रिए मैं कानून के लिए मर गया ताकि परमेश्वर के लिए ज़िंदा हो सकूँ। 20 मैं मसीह के साथ सूली पर चढ़ाया गया हूँ। इसलिए, अब मैं ज़िंदा नहीं रहा, बल्कि मसीह मुझमें ज़िंदा है। अब मैं जो ज़िंदगी जी रहा हूँ वह सिर्फ उस विश्वास से जी रहा हूँ जो मुझे परमेश्वर के बेटे पर है, जिसने मुझसे प्यार किया और खुद को मेरे लिए दे दिया। 21 मैं परमेश्वर की महा-कृपा को दरकिनार नहीं करता। इसलिए कि अगर मूसा के कानून को मानने से एक इंसान परमेश्वर के सामने नेक ठहरता है, तो असल में मसीह का मरना बेकार गया।
3 अरे, गलातिया के नासमझ लोगो, किसने तुम्हें भरमा लिया है? हाँ तुम्हें, जिनके सामने सूली पर चढ़ाए गए यीशु मसीह की जीती-जागती तसवीर पेश की गयी थी। 2 मैं तुमसे बस इतना जानना चाहता हूँ: क्या तुम्हें पवित्र शक्ति, मूसा के कानून में बताए काम करने से मिली थी या खुशखबरी सुनकर उस पर विश्वास करने से? 3 क्या तुम इतने नासमझ हो? क्या तुम परमेश्वर की पवित्र शक्ति के मुताबिक चलना शुरू करने के बाद अब शरीर के मुताबिक काम करने से पूरे होना चाहते हो? 4 क्या तुमने इतने दुःख बेकार ही सहे? मैं नहीं मानता कि यह सब बेकार था। 5 इसलिए, जो तुम्हें पवित्र शक्ति देता है और तुम्हारे बीच शक्तिशाली काम करता है, क्या वह इसलिए करता है कि तुम कानून में बताए गए काम करते हो या इसलिए कि तुमने खुशखबरी सुनकर उस पर विश्वास किया था? 6 ठीक जैसे अब्राहम ने “यहोवा* पर विश्वास किया और यह उसके लिए नेकी गिना गया।”
7 बेशक तुम यह जानते हो कि जो विश्वास से चलते हैं वे ही अब्राहम के वंशज हैं। 8 शास्त्र ने पहले से यह देखकर कि परमेश्वर विश्वास के आधार पर गैर-यहूदी लोगों को नेक ठहराएगा, पहले से ही अब्राहम को यह खुशखबरी बता दी: “तेरे ज़रिए सब जातियों के लोगों को आशीष दी जाएगी।” 9 इसलिए जो विश्वास से चलते हैं, वे विश्वासयोग्य अब्राहम की तरह ही आशीष पाते हैं।
10 जितने भी कानून में बताए कामों पर भरोसा करते हैं, वे शाप के अधीन हैं। क्योंकि लिखा है: “जो कोई मूसा के कानून की किताब में लिखी सब बातों का पालन नहीं करता, वह शापित है।” 11 इसके अलावा, मूसा के कानून के आधार पर किसी को भी परमेश्वर की नज़र में इसलिए नेक नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि लिखा है कि “जो नेक है, वह अपने विश्वास से ज़िंदा रहेगा।” 12 मूसा के कानून में विश्वास की माँग नहीं की गयी, मगर उसमें सिर्फ यह कहा गया है कि “जो कानून के नियमों पर चलता है वह इनके ज़रिए ज़िंदा रहेगा।” 13 मसीह ने हमें खरीदकर मूसा के कानून के शाप से छुड़ाया और खुद हमारी जगह शापित बना क्योंकि लिखा है: “हर वह इंसान जो सूली पर लटकाया जाता है वह शापित है।” 14 यह इस मकसद से हुआ कि अब्राहम को जो आशीष मिली थी वह यीशु मसीह के ज़रिए दूसरी जातियों को भी मिल सके, और हम अपने विश्वास के ज़रिए वह पवित्र शक्ति पाएँ जिसका वादा किया गया था।
15 भाइयो, मैं रोज़मर्रा ज़िंदगी की एक मिसाल से समझाता हूँ: इंसानों का बनाया कोई करारनामा भी जब पक्का कर दिया जाता है, तो न तो उसे रद्द किया जा सकता है न ही उसमें कुछ जोड़ा जा सकता है। 16 अब जो वादे थे वे अब्राहम और उसके वंश से किए गए थे। शास्त्र यह नहीं कहता: “और वंशजों से,” मानो वह बहुतों की बात कर रहा हो, बल्कि वह सिर्फ एक के बारे में बात कर रहा था: “और तेरे वंश को,” जो मसीह है। 17 मेरे कहने का मतलब यह है: जिस करार को परमेश्वर ने पहले से पक्का कर दिया था, उसे वह कानून जो चार सौ तीस साल बाद आया, खारिज नहीं कर देता कि उस वादे को रद्द कर दे। 18 इसलिए कि अगर विरासत मूसा के कानून के ज़रिए मिलनी है, तो यह फिर वादे के ज़रिए नहीं रही, जबकि परमेश्वर ने मेहरबान होकर यह विरासत अब्राहम को एक वादे के ज़रिए दी है।
19 तो फिर, कानून देने की ज़रूरत क्या थी? यह तब तक पापों को ज़ाहिर करने के लिए जोड़ा गया, जब तक कि वह वंश न आए जिससे यह वादा किया गया था। यह कानून स्वर्गदूतों के ज़रिए एक बिचवई के हाथों पहुँचाया गया था। 20 जहाँ सिर्फ एक पक्ष होता है वहाँ बिचवई की ज़रूरत नहीं होती। परमेश्वर अकेला वह पक्ष है जिसने यह वादा किया। 21 तो फिर, क्या मूसा का कानून परमेश्वर के वादों के खिलाफ है? ऐसा हरगिज़ नहीं है! क्योंकि अगर ऐसा कानून दिया जाता जो ज़िंदगी दिला सकता, तो नेक ठहराया जाना असल में कानून का पालन करने पर निर्भर होता। 22 मगर शास्त्र ने सबको पाप की हिरासत में सौंप दिया, ताकि वह वादा जो यीशु मसीह में विश्वास के ज़रिए है, विश्वास दिखानेवालों को हासिल हो सके।
23 मगर, विश्वास के आने से पहले, हम मूसा के कानून की हिफाज़त में थे, और हम सभी इसकी हिरासत में रहने के लिए सौंपे गए थे और हम उस विश्वास का इंतज़ार कर रहे थे जिसका प्रकट होना तय था। 24 इसलिए मूसा का कानून हमें मसीह तक ले जानेवाला संरक्षक* बना है, ताकि हम विश्वास की वजह से नेक ठहराए जाएँ। 25 अब क्योंकि विश्वास आ पहुँचा है, इसलिए हम किसी संरक्षक के अधीन नहीं रहे।
26 तुम सब असल में मसीह यीशु में अपने विश्वास के ज़रिए परमेश्वर के बेटे हो। 27 इसलिए कि तुम सबने, जिन्होंने मसीह में बपतिस्मा लिया है, मसीह को पहन लिया है। 28 इसलिए न तो कोई यहूदी रहा न यूनानी, न कोई गुलाम न ही आज़ाद, न कोई पुरुष न ही कोई स्त्री, क्योंकि तुम सब मसीह यीशु के साथ एकता में एक हो गए हो। 29 और अगर तुम मसीह के हो, तो तुम वाकई वादे के मुताबिक अब्राहम का वंश और वारिस हो।
4 लेकिन मैं यह कहता हूँ कि जब तक वारिस बच्चा होता है, हालाँकि वह सब चीज़ों का मालिक है, फिर भी उसमें और गुलाम में कोई फर्क नहीं होता। 2 मगर वह अपने पिता के ठहराए दिन तक देख-रेख करनेवालों और घर के प्रबंधकों की निगरानी में रहता है। 3 उसी तरह, हम भी जब बच्चे थे, तो दुनियादारी के उसूलों के गुलाम बने हुए थे। 4 मगर जब वक्त पूरा हुआ तो परमेश्वर ने अपना बेटा भेजा जो एक स्त्री से पैदा हुआ और मूसा के कानून के अधीन हुआ। 5 यह इसलिए हुआ ताकि वह उनको जो मूसा के कानून के अधीन हैं, खरीदकर छुड़ा सके और कि हम बदले में बेटों के नाते गोद लिए जा सकें।
6 क्योंकि तुम बेटे हो, इसलिए परमेश्वर ने वही पवित्र शक्ति जो उसके बेटे को दी गयी थी, हमारे दिलों में भेजी है, और यह “अब्बा, पिता!” पुकारती है। 7 तो अब तुम गुलाम नहीं रहे बल्कि बेटे हो। और अगर बेटे हो तो परमेश्वर ने तुम्हें वारिस भी बनाया है।
8 जब तुम परमेश्वर को नहीं जानते थे, तब तुम उनकी गुलामी करते थे जो असल में ईश्वर हैं ही नहीं।* 9 मगर अब जब तुम परमेश्वर को जान गए हो या यूँ कहें कि अब परमेश्वर तुम्हें जानता है, तो फिर क्यों तुम गयी-गुज़री बेकार बातों की तरफ फिर से मुड़ रहे हो और दोबारा उनकी गुलामी करना चाहते हो? 10 तुम बड़े ध्यान से खास दिन, महीने, ठहराए समय और साल मनाते हो। 11 मैं तुम्हारे बारे में डरता हूँ कि मैंने तुम पर जो कड़ी मेहनत की है, वह कहीं बेकार तो नहीं गयी।
12 भाइयो, मैं तुमसे बिनती करता हूँ, तुम वैसे बन जाओ जैसा मैं हूँ क्योंकि मैं पहले वैसा ही था, जैसे तुम अब हो। तुमने मेरे साथ कुछ बुरा नहीं किया। 13 मगर तुम जानते हो कि मेरे शरीर की बीमारी की वजह से मैं तुम्हें पहली बार खुशखबरी सुना सका था। 14 और हालाँकि मेरे शरीर की बीमारी तुम्हारे लिए एक परीक्षा थी, फिर भी तुमने मुझे तुच्छ नहीं समझा, न ही मुझे देखकर घिन से थूका। मगर तुमने मुझे परमेश्वर के एक दूत की तरह, मसीह यीशु की तरह स्वीकार किया। 15 तो अब तुम्हारी वह खुशी कहाँ चली गयी? मैं इस बात का गवाह हूँ कि अगर मुमकिन होता तो तुमने अपनी आँखें निकालकर मुझे दे दी होतीं। 16 तो क्या अब मैं इस वजह से तुम्हारा दुश्मन बन गया हूँ, क्योंकि मैं सच बोल रहा हूँ? 17 वे तुम्हें अपनी तरफ खींचने के लिए बड़े जोश के साथ तुम्हारे पीछे पड़े हैं। लेकिन वे अच्छा इरादा नहीं रखते, क्योंकि वे तुम्हें मुझसे दूर कर देना चाहते हैं ताकि तुम बड़े जोश के साथ उनके पीछे हो जाओ। 18 अगर कोई भले काम के लिए तुम्हारे पीछे पड़ता है, तो यह अच्छी बात है। ऐसा न सिर्फ तब किया जाए जब मैं तुम्हारे बीच होता हूँ, बल्कि हर समय किया जाए, 19 तो मेरे प्यारे बच्चो, यह अच्छी बात है। जब तक मसीह तुम्हारे अंदर तैयार नहीं हो जाता, तब तक मैं तुम्हारे लिए फिर से जच्चा की सी पीड़ा में हूँ। 20 काश मैं अभी तुम्हारे पास मौजूद होता और तुमसे प्यार के लहज़े में बात करता, क्योंकि मैं तुम्हारी वजह से असमंजस में हूँ।
21 तुम जो मूसा के कानून के अधीन होना चाहते हो, मुझे बताओ कि क्या तुमने नहीं सुना कि कानून क्या कहता है? 22 मिसाल के लिए, यह लिखा है कि अब्राहम के दो बेटे हुए, एक दासी से और दूसरा आज़ाद स्त्री से। 23 मगर जो दासी से था वह स्वाभाविक तौर पर* पैदा हुआ, और दूसरा आज़ाद स्त्री से वादे के ज़रिए पैदा हुआ। 24 इन बातों के पीछे एक मतलब छिपा है।* इन दो स्त्रियों का मतलब दो करार हैं। एक सीनै पहाड़ पर किया गया था जो गुलामी के लिए बच्चे पैदा करता है और यह हाजिरा है। 25 यह हाजिरा मानो अरब का सीनै पहाड़ है और आज की यरूशलेम के समान है, क्योंकि यरूशलेम अपने बच्चों समेत गुलामी में है। 26 मगर ऊपर की यरूशलेम आज़ाद है और वह हमारी माँ है।
27 क्योंकि यह लिखा है: “हे बाँझ, तू जिसके बच्चे नहीं होते, तू खुशियाँ मना। तू जो जच्चा की पीड़ाओं से नहीं गुज़री, तू खुशी से चिल्ला। इसलिए कि छोड़ी हुई स्त्री की संतान उस स्त्री की संतान से ज़्यादा हैं जिसका पति उसके साथ है।” 28 भाइयो, हम भी इसहाक की तरह वे बच्चे हैं जो वादे से जुड़े हैं। 29 मगर जिस तरह स्वाभाविक तरीके से पैदा होनेवाला, पवित्र शक्ति से पैदा होनेवाले पर ज़ुल्म करने लगा, वैसा ही आज है। 30 मगर शास्त्र क्या कहता है? “दासी और उसके बेटे को निकाल बाहर कर, क्योंकि दासी का बेटा आज़ाद स्त्री के बेटे के संग हरगिज़ वारिस नहीं होगा।” 31 इसलिए भाइयो, हम दासी के नहीं बल्कि आज़ाद स्त्री के बच्चे हैं।
5 ऐसी आज़ादी* के लिए ही मसीह ने हमें आज़ाद किया है। इसलिए मज़बूती से खड़े रहो और खुद को फिर से गुलामी के जूए में न जुतने दो।
2 देखो! मैं पौलुस, तुम्हें बता रहा हूँ कि अगर तुम खतना करवाते हो, तो मसीह ने जो किया है उसका तुम्हें कोई फायदा नहीं होगा। 3 यही नहीं, मैं खतना करानेवाले हर आदमी से एक बार फिर यह कहता हूँ कि अगर वह खतना करता है तो उसे मूसा के बाकी सभी कानूनों का भी पालन करना होगा। 4 तुम जो कानून का पालन करने से नेक करार दिए जाने की कोशिश करते हो, तुम चाहे जो भी हो, तुम मसीह से अलग हो गए हो। तुम उसकी महा-कृपा के दायरे से बाहर हो गए हो। 5 मगर हम परमेश्वर की पवित्र शक्ति के ज़रिए विश्वास से परमेश्वर की नज़र में नेक करार दिए जाने का बेताबी से इंतज़ार कर रहे हैं जिसकी हमें आशा है। 6 क्योंकि मसीह यीशु के मामले में न तो खतना कराने की कोई अहमियत है, न ही खतना न कराने की कोई अहमियत है, बल्कि उस विश्वास की है जो प्यार के ज़रिए काम करता है।
7 तुम सच्चाई की राह पर अच्छे खासे चल रहे थे।* फिर किसने तुम्हें सच्चाई को मानते रहने से रोका? 8 इस तरह की दलीलें, तुम्हारे बुलानेवाले की तरफ से नहीं हैं। 9 ज़रा-सा खमीर पूरे गुँधे हुए आटे को खमीर कर देता है। 10 तुम जो प्रभु के साथ एकता में हो, मुझे तुम पर यकीन है कि तुम्हारी सोच इससे अलग नहीं होगी। मगर वह जो तुम्हारे लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है, वह चाहे जो भी हो, सज़ा से नहीं बचेगा। 11 भाइयो, जहाँ तक मेरी बात है, अगर मैं अब भी खतना कराने का प्रचार कर रहा हूँ, तो मुझ पर आज तक ज़ुल्म क्यों ढाए जा रहे हैं? अगर मैं इसका प्रचार कर रहा होता, तो यातना की सूली* की वजह से लोगों को ठेस पहुँचने की समस्या नहीं रहती। 12 अच्छा होता कि जो आदमी तुम्हें तबाह करना चाहते हैं, वे खुद अपना अंग काट डालते।*
13 भाइयो, तुम्हें आज़ाद होने के लिए बुलाया गया था। बस इतना करो कि इस आज़ादी को शरीर की ख्वाहिशें उकसाने का साधन न बनाओ, मगर प्यार से एक-दूसरे की सेवा करो। 14 इसलिए कि सारा कानून इस एक ही बात से पूरा होता है: “तुझे अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करना है जैसे तू खुद से करता है।” 15 लेकिन, अगर तुम एक-दूसरे को काट-खाने और फाड़ने में लगे हो, तो खबरदार रहो कि तुम एक-दूसरे का सर्वनाश न कर दो।
16 मगर मैं कहता हूँ, पवित्र शक्ति के मार्गदर्शन में चलते रहो और तुम शरीर की ख्वाहिशों को हरगिज़ पूरा न करोगे। 17 इसलिए कि पापी शरीर की ख्वाहिशें, पवित्र शक्ति के खिलाफ होती हैं और पवित्र शक्ति, शरीर के खिलाफ है। ये दोनों एक-दूसरे के विरोध में हैं, इसलिए तुम जो कुछ करना चाहते हो, वही तुम नहीं करते। 18 अगर तुम पवित्र शक्ति के मार्गदर्शन में चलते हो, तो तुम मूसा के कानून के अधीन नहीं हो।
19 शरीर के काम तो ज़ाहिर हैं और वे हैं, व्यभिचार, अशुद्धता, बदचलनी, 20 मूर्तिपूजा, भूत-विद्या, दुश्मनी, तकरार, जलन, गुस्से से उबलना, झगड़े, फूट, गुटबंदी, 21 ईर्ष्या, नशेबाज़ी के दौर, रंगरलियाँ और ऐसी ही और बुराइयाँ। इन बुराइयों के बारे में मैं तुम्हें पहले से खबरदार कर रहा हूँ, जैसे मैंने तुम्हें पहले भी किया है कि जो लोग ऐसे कामों में लगे रहते हैं वे परमेश्वर के राज के वारिस न होंगे।
22 दूसरी तरफ, परमेश्वर की पवित्र शक्ति का फल है, प्यार, खुशी, शांति, सहनशीलता, कृपा, भलाई, विश्वास, 23 कोमलता, संयम। ऐसी बातों के खिलाफ कोई कानून नहीं है। 24 जो मसीह यीशु के हैं उन्होंने अपने शरीर को उसकी वासनाओं और बुरी ख्वाहिशों समेत सूली पर चढ़ा दिया है।
25 अगर हमारा जीने का तरीका पवित्र शक्ति के मुताबिक है, तो आओ हम इसी तरह पवित्र शक्ति के मुताबिक सीधी चाल चलते रहें। 26 हम अहंकारी न बनें, एक-दूसरे को होड़ लगाने के लिए न उकसाएँ और एक-दूसरे से ईर्ष्या न करें।
6 भाइयो, हो सकता है कि कोई इंसान गलत कदम उठाए और उसे इस बात का एहसास न हो। लेकिन ऐसे में भी, तुम जो परमेश्वर के स्तरों के मुताबिक काबिलीयत रखते हो, कोमलता की भावना के साथ ऐसे इंसान का सुधार करने की कोशिश करो। साथ ही, तुममें से हरेक खुद पर भी नज़र रखे कि कहीं तुम भी फुसलावे में न आ जाओ। 2 एक-दूसरे के भार उठाते रहो और इस तरह मसीह का कानून पूरा करो। 3 अगर कोई कुछ न होने पर भी खुद को कुछ समझता है, तो वह अपने आप को धोखा दे रहा है। 4 मगर हर कोई खुद अपने काम की जाँच करे और तब उसके पास किसी दूसरे की तुलना में नहीं, बल्कि खुद अपने ही काम के बारे में गर्व करने की वजह होगी। 5 इसलिए कि हर कोई अपनी ज़िम्मेदारी का बोझ खुद उठाएगा।
6 जो कोई ज़बानी तौर पर परमेश्वर के वचन की शिक्षा पा रहा है, वह ऐसी शिक्षा देनेवाले को सब अच्छी चीज़ों में साझेदार बनाए।
7 धोखे में न रहो: परमेश्वर की खिल्ली नहीं उड़ायी जा सकती। इसलिए कि इंसान जो बोएगा, वही काटेगा भी। 8 क्योंकि जो शरीर के लिए बोता है, वह शरीर से विनाश की फसल काटेगा, मगर जो पवित्र शक्ति के लिए बोता है, वह पवित्र शक्ति से हमेशा की ज़िंदगी की फसल काटेगा। 9 इसलिए आओ हम बढ़िया काम करने में हार न मानें, क्योंकि अगर हम हिम्मत न हारें, तो वक्त आने पर ज़रूर फल पाएँगे। 10 वाकई, जब तक अच्छा वक्त चल रहा है, तब तक हम सबके साथ भलाई करें, मगर खासकर उनके साथ जो विश्वास में हमारे भाई-बहन हैं।
11 देखो, मैंने कैसे बड़े-बड़े अक्षरों में अपने ही हाथ से तुम्हें लिखा है।
12 वे सभी जो बाहरी दिखावे से इंसानों को खुश करना चाहते हैं, वे ही तुम्हारा खतना करवाने के लिए तुम पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं, सिर्फ इसलिए कि मसीह यीशु की यातना की सूली* की वजह से उन्हें ज़ुल्म न सहना पड़े। 13 इसलिए कि जिनका खतना हो चुका है वे खुद तो मूसा के कानून का पालन नहीं करते, मगर तुम्हारा खतना इसलिए करवाना चाहते हैं ताकि तुम्हारे शरीर की दशा पर वे शेखी मार सकें। 14 ऐसा कभी न हो कि हमारे प्रभु यीशु मसीह की यातना की सूली के सिवा मैं किसी और बात पर शेखी मारूँ। मसीह के ज़रिए दुनिया मेरी नज़र में सूली पर चढ़ाई जा चुकी है और मैं दुनिया की नज़र में। 15 न तो खतना कुछ मायने रखता है, न ही खतना न होना, मगर नयी सृष्टि मायने रखती है। 16 उन सभी पर जो इस नियम के मुताबिक कायदे से चलेंगे, यानी परमेश्वर के इस्राएल पर शांति और दया होती रहे।
17 आखिर में मैं यह कहता हूँ, कोई मुझे परेशान न करे, इसलिए कि मैं अपने शरीर पर यीशु का दास होने की उन निशानियों को लिए फिरता हूँ, जो मेरे शरीर पर दागी गयी हैं।
18 भाइयो, हमारे प्रभु यीशु मसीह की महा-कृपा तुम्हारी उस भावना के साथ हो जो तुम दिखाते हो। आमीन।
गला 1:1 या, “भेजा गया।” यूनानी में “अपोस्टोलोस।”
गला 1:2 यह प्रदेश, आज के तुर्की देश के अंकारा शहर के आस-पास का इलाका था।
गला 1:2 मत्ती 16:18 दूसरा फुटनोट देखें।
गला 1:15 शाब्दिक, “मेरी माँ के गर्भ से मुझे तराशकर निकाला।”
गला 2:7 या, “बिना खतना किए हुओं को।”
गला 2:7 या, “खतना किए हुओं को।”
गला 3:6 यह उन 237 जगहों में से एक जगह है, जहाँ परमेश्वर का नाम, ‘यहोवा’ इस अनुवाद के मुख्य पाठ में पाया जाता है। अतिरिक्त लेख 2 देखें।
गला 3:24 1 कुरिं 4:15 फुटनोट देखें।
गला 4:8 शाब्दिक, “जिनमें ईश्वर होने का तत्व है ही नहीं।”
गला 4:23 शाब्दिक, “शरीर के मुताबिक।”
गला 4:24 या, “यह एक लाक्षणिक नाटक है।”
गला 5:1 या, “उस स्त्री की आज़ादी जैसी आज़ादी के साथ।”
गला 5:7 शाब्दिक, “अच्छी तरह दौड़ रहे थे।”
गला 5:11 अतिरिक्त लेख 6 देखें।
गला 5:12 शाब्दिक, “बधिया करा लेते।”
गला 6:12 अतिरिक्त लेख 6 देखें।