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  • नहेमायाह 13
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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नहेमायाह का सारांश

      • नहेमायाह ने और भी सुधार किए (1-31)

        • दसवाँ हिस्सा दिया जाए (10-13)

        • सब्त को अपवित्र न किया जाए (15-22)

        • परायी औरतों से शादी करने की निंदा की गयी (23-28)

नहेमायाह 13:1

संबंधित आयतें

  • +व्य 31:11; नहे 8:2, 3; प्रेष 15:21
  • +उत 19:36-38
  • +व्य 23:3, 6

नहेमायाह 13:2

संबंधित आयतें

  • +गि 22:4-6
  • +गि 23:8; 24:10

नहेमायाह 13:3

फुटनोट

  • *

    कुछ लोग शायद इसराएली और गैर-इसराएली माँ-बाप से पैदा हुए थे।

संबंधित आयतें

  • +एज 10:10, 11; नहे 9:1, 2

नहेमायाह 13:4

फुटनोट

  • *

    या “मंदिर।”

संबंधित आयतें

  • +नहे 3:1
  • +नहे 10:37, 38
  • +नहे 2:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 4

नहेमायाह 13:5

संबंधित आयतें

  • +गि 18:24; व्य 18:3, 4
  • +नहे 12:44

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 4

नहेमायाह 13:6

संबंधित आयतें

  • +एज 7:1; नहे 2:1
  • +नहे 5:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/2006, पेज 11

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 31

नहेमायाह 13:7

संबंधित आयतें

  • +नहे 12:10
  • +नहे 4:7

नहेमायाह 13:9

संबंधित आयतें

  • +लैव 2:14, 15
  • +नहे 10:39

नहेमायाह 13:10

संबंधित आयतें

  • +नहे 10:37; 12:47
  • +मला 3:8
  • +गि 35:2

नहेमायाह 13:11

फुटनोट

  • *

    या “मातहत अधिकारियों।”

संबंधित आयतें

  • +एज 9:2
  • +नहे 10:39

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 4-5

नहेमायाह 13:12

संबंधित आयतें

  • +लैव 27:30; गि 18:21
  • +नहे 10:38, 39; मला 3:10

नहेमायाह 13:13

फुटनोट

  • *

    या “शास्त्री।”

नहेमायाह 13:14

फुटनोट

  • *

    या “उसकी देखरेख।”

संबंधित आयतें

  • +नहे 5:19
  • +इब्र 6:10

नहेमायाह 13:15

फुटनोट

  • *

    या शायद, “उस दिन उन्हें खबरदार किया कि वे इन चीज़ों को न बेचें।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 20:10; 34:21; 35:2
  • +यिर्म 17:21, 27

नहेमायाह 13:16

संबंधित आयतें

  • +नहे 10:31

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2020 पेज 7

नहेमायाह 13:18

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 20:8-10

नहेमायाह 13:22

संबंधित आयतें

  • +व्य 5:12
  • +नहे 5:19; 13:14, 30, 31

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/1996, पेज 16

नहेमायाह 13:23

फुटनोट

  • *

    या “को अपने घर ले आए।”

संबंधित आयतें

  • +यह 13:2, 3
  • +व्य 23:3, 4
  • +एज 9:1, 2; 10:10; 2कुर 6:14

नहेमायाह 13:24

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 14

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 6-7

नहेमायाह 13:25

संबंधित आयतें

  • +व्य 25:2; एज 7:26
  • +व्य 7:3, 4; नहे 10:30

नहेमायाह 13:26

संबंधित आयतें

  • +1रा 3:12, 13; 2इत 9:22
  • +2शम 12:24
  • +1रा 11:1-5

नहेमायाह 13:27

संबंधित आयतें

  • +एज 10:2

नहेमायाह 13:28

संबंधित आयतें

  • +नहे 3:1; 13:4
  • +नहे 12:10
  • +नहे 2:10; 6:14

नहेमायाह 13:29

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 40:15; गि 25:11-13; मला 2:4

नहेमायाह 13:30

संबंधित आयतें

  • +1इत 23:6; 25:1

नहेमायाह 13:31

फुटनोट

  • *

    या “और मेरा भला करना।”

संबंधित आयतें

  • +नहे 10:34
  • +नहे 5:19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 7

    9/15/1996, पेज 16

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

नहे. 13:1व्य 31:11; नहे 8:2, 3; प्रेष 15:21
नहे. 13:1उत 19:36-38
नहे. 13:1व्य 23:3, 6
नहे. 13:2गि 22:4-6
नहे. 13:2गि 23:8; 24:10
नहे. 13:3एज 10:10, 11; नहे 9:1, 2
नहे. 13:4नहे 3:1
नहे. 13:4नहे 10:37, 38
नहे. 13:4नहे 2:10
नहे. 13:5गि 18:24; व्य 18:3, 4
नहे. 13:5नहे 12:44
नहे. 13:6एज 7:1; नहे 2:1
नहे. 13:6नहे 5:14
नहे. 13:7नहे 12:10
नहे. 13:7नहे 4:7
नहे. 13:9लैव 2:14, 15
नहे. 13:9नहे 10:39
नहे. 13:10नहे 10:37; 12:47
नहे. 13:10मला 3:8
नहे. 13:10गि 35:2
नहे. 13:11एज 9:2
नहे. 13:11नहे 10:39
नहे. 13:12लैव 27:30; गि 18:21
नहे. 13:12नहे 10:38, 39; मला 3:10
नहे. 13:14नहे 5:19
नहे. 13:14इब्र 6:10
नहे. 13:15निर्ग 20:10; 34:21; 35:2
नहे. 13:15यिर्म 17:21, 27
नहे. 13:16नहे 10:31
नहे. 13:18निर्ग 20:8-10
नहे. 13:22व्य 5:12
नहे. 13:22नहे 5:19; 13:14, 30, 31
नहे. 13:23यह 13:2, 3
नहे. 13:23व्य 23:3, 4
नहे. 13:23एज 9:1, 2; 10:10; 2कुर 6:14
नहे. 13:25व्य 25:2; एज 7:26
नहे. 13:25व्य 7:3, 4; नहे 10:30
नहे. 13:261रा 3:12, 13; 2इत 9:22
नहे. 13:262शम 12:24
नहे. 13:261रा 11:1-5
नहे. 13:27एज 10:2
नहे. 13:28नहे 3:1; 13:4
नहे. 13:28नहे 12:10
नहे. 13:28नहे 2:10; 6:14
नहे. 13:29निर्ग 40:15; गि 25:11-13; मला 2:4
नहे. 13:301इत 23:6; 25:1
नहे. 13:31नहे 10:34
नहे. 13:31नहे 5:19
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
नहेमायाह 13:1-31

नहेमायाह

13 उस दिन लोगों को मूसा की किताब से पढ़कर सुनाया गया।+ उसमें लिखा हुआ था कि कोई भी अम्मोनी या मोआबी+ सच्चे परमेश्‍वर की मंडली का हिस्सा नहीं बन सकता।+ 2 क्योंकि उन्होंने इसराएलियों को न तो रोटी दी, न ही पानी। उलटा उन्हें शाप देने के लिए उन्होंने बिलाम को पैसे देकर बुलाया।+ लेकिन हमारे परमेश्‍वर ने उसके शाप को आशीर्वाद में बदल दिया।+ 3 जब लोगों ने कानून की ये बातें सुनीं, तो वे फौरन अपने बीच से उन लोगों को अलग करने लगे जो गैर-इसराएली* थे।+

4 उन दिनों, याजक एल्याशीब+ हमारे परमेश्‍वर के भवन* के भंडारों की देखरेख करता था।+ वह तोब्याह+ का रिश्‍तेदार था। 5 उसने तोब्याह को भंडार का एक बड़ा कमरा दे रखा था, जिसमें पहले अनाज का चढ़ावा, लोबान और बरतन रखे जाते थे। साथ ही जहाँ लेवियों, गायकों और पहरेदारों के लिए अनाज, नयी दाख-मदिरा और तेल का दसवाँ हिस्सा+ और याजकों के लिए दान भी जमा किया जाता था।+

6 जब यह सब हुआ तब मैं यरूशलेम में नहीं था क्योंकि बैबिलोन के राजा अर्तक्षत्र के राज+ के 32वें साल में,+ मैं वापस उसके पास चला गया था। थोड़े समय बाद मैंने राजा से यरूशलेम लौटने के लिए कुछ दिनों की छुट्टी माँगी। 7 फिर जब मैं यरूशलेम आया तो मैंने देखा कि एल्याशीब+ ने सच्चे परमेश्‍वर के भवन के आँगन में तोब्याह+ को भंडार का एक कमरा दिया हुआ है। एल्याशीब के इस घिनौने काम पर 8 मुझे बहुत गुस्सा आया। मैंने कमरे से तोब्याह का सारा सामान निकालकर बाहर फेंक दिया। 9 इसके बाद मेरी आज्ञा पर भंडार के कमरों को शुद्ध किया गया और मैंने सच्चे परमेश्‍वर के भवन के बरतन, अनाज का चढ़ावा और लोबान+ वापस वहाँ रखवा दिया।+

10 मुझे यह भी पता चला कि लेवियों को उनका हिस्सा+ नहीं दिया जा रहा है,+ इसलिए लेवी और गायक अपनी सेवा छोड़कर खेतों में काम कर रहे हैं।+ 11 मैंने अधिकारियों* को झिड़का,+ “सच्चे परमेश्‍वर के भवन के लिए ऐसी लापरवाही क्यों दिखायी जा रही है?”+ फिर मैंने उन सभी लेवियों को इकट्ठा किया और उन्हें भवन में दोबारा अपनी-अपनी सेवा के पद पर ठहराया। 12 तब यहूदा से सभी लोग अनाज, नयी दाख-मदिरा और तेल का दसवाँ हिस्सा+ लाकर भंडारों में जमा करने लगे।+ 13 मैंने उन भंडारों पर याजक शेलेम्याह, नकल-नवीस* सादोक और लेवियों में से पदायाह को अधिकारी ठहराया। और उनकी मदद के लिए मैंने हानान को ठहराया, जो जक्कूर का बेटा और मत्तन्याह का पोता था। ये सभी बड़े भरोसेमंद थे और उन्हें अपने भाइयों को उनका हिस्सा बाँटने की ज़िम्मेदारी दी गयी।

14 हे मेरे परमेश्‍वर, मेरा यह काम याद रखना!+ तेरे भवन और उसमें सेवा* करनेवालों के लिए मैंने अपने अटल प्यार का जो सबूत दिया है, उसे मत भूलना।+

15 उन दिनों मैंने देखा कि यहूदा में लोग सब्त के दिन हौद में अंगूर रौंद रहे हैं,+ अनाज के गट्ठर गधों पर लाद रहे हैं। साथ ही, दाख-मदिरा, अंगूर, अंजीर और तरह-तरह का बोझ ढो-ढोकर यरूशलेम ला रहे हैं।+ मैंने उन्हें खबरदार किया कि वे सब्त के दिन इन चीज़ों को न बेचें।* 16 यरूशलेम में रहनेवाले सोर के लोग सब्त के दिन मछलियाँ और तरह-तरह का माल शहर में लाकर यहूदियों को बेच रहे थे।+ 17 तब मैंने यहूदा के बड़े-बड़े लोगों को झिड़का, “ये तुम क्या दुष्टता कर रहे हो? सब्त के दिन को अपवित्र कर रहे हो! 18 क्या तुम्हारे पुरखों ने भी यही गलती नहीं की थी, जिस वजह से परमेश्‍वर हम पर और इस शहर पर मुसीबतें लाया था? अब तुम भी सब्त को अपवित्र करके+ इसराएल पर परमेश्‍वर की जलजलाहट लाना चाहते हो?”

19 जैसे ही शहर के फाटकों पर अँधेरा छाने लगा और सब्त का दिन शुरू होनेवाला था, मैंने आज्ञा दी कि यरूशलेम के फाटक बंद कर दिए जाएँ और तब तक बंद रखे जाएँ, जब तक सब्त खत्म नहीं हो जाता। मैंने वहाँ अपने कुछ सेवक भी तैनात किए कि वे सब्त के दिन किसी भी तरह का माल शहर के अंदर न आने दें। 20 इसलिए लेन-देन करनेवालों और तरह-तरह का माल बेचनेवालों ने एक-दो बार यरूशलेम के बाहर रात बितायी। 21 मैंने उन्हें खबरदार किया और कहा, “तुम लोग क्यों पूरी-पूरी रात शहरपनाह के सामने बैठे रहते हो? अगर आइंदा तुम सब्त के दिन नज़र आए, तो मुझे तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती करनी पड़ेगी।” इसके बाद से उन्होंने सब्त के दिन आना बंद कर दिया।

22 मैंने लेवियों को आज्ञा दी कि वे नियमित तौर पर खुद को शुद्ध करें और सब्त के दिन को पवित्र रखने+ के लिए शहर के फाटकों पर पहरा दें। हे मेरे परमेश्‍वर, मेरा यह काम भी तू याद रखना! और मुझ पर रहम करना क्योंकि तू अटल प्यार से भरपूर है।+

23 उन दिनों मुझे यह भी पता चला कि कुछ यहूदियों ने अशदोदी,+ अम्मोनी और मोआबी+ औरतों से शादी कर ली है।*+ 24 उनके आधे बच्चे अशदोदी भाषा और आधे बच्चे दूसरे देशों की भाषाएँ बोलते थे, मगर उनमें से किसी को यहूदियों की भाषा नहीं आती थी। 25 इसलिए मैंने उन यहूदियों को झिड़का और ज़बरदस्त फटकार लगायी। मैंने उनमें से कुछ को पिटवाया,+ उनके सिर के बाल नुचवाए और उनसे कहा, “परमेश्‍वर के सामने शपथ खाओ कि तुम उनकी बेटियों से शादी नहीं करोगे और न ही अपने बेटे-बेटियों की शादी उनके बेटे-बेटियों से करवाओगे।+ 26 क्या इसी वजह से इसराएल के राजा सुलैमान ने पाप नहीं किया था? सारे राष्ट्रों में उसके जैसा राजा कोई नहीं था।+ परमेश्‍वर ने सुलैमान को पूरे इसराएल पर राजा ठहराया क्योंकि वह उससे प्यार करता था।+ मगर दूसरे देशों से आयी सुलैमान की पत्नियों ने उसे बहका दिया और उससे पाप करवाया।+ 27 और अब तुम भी दूसरे देशों की औरतों से शादी करके अपने परमेश्‍वर के साथ विश्‍वासघात कर रहे हो।+ यह कितनी घिनौनी बात है!”

28 महायाजक एल्याशीब+ के बेटे योयादा+ के बेटों में से एक ने होरोन के रहनेवाले सनबल्लत+ की बेटी से शादी कर ली थी इसलिए मैंने उसे अपने पास से खदेड़ दिया।

29 हे मेरे परमेश्‍वर, तू उन लोगों को मत भूलना क्योंकि उन्होंने याजकपद दूषित किया है और याजकों और लेवियों के साथ अपना करार तोड़ा है।+

30 इसके बाद मैंने उन्हें पराए लोगों के हर बुरे असर से छुड़ाकर शुद्ध किया। और सभी याजकों और लेवियों को उनके अपने-अपने काम पर वापस ठहराया।+ 31 मैंने यह इंतज़ाम भी किया कि परमेश्‍वर के भवन में कब-कब लकड़ियाँ लायी जाएँ+ और फसल की पहली उपज अर्पित की जाए।

हे मेरे परमेश्‍वर, मुझे याद रखना और मुझ पर कृपा करना।*+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
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