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  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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प्रेषितों का सारांश

      • शाऊल दमिश्‍क के रास्ते पर (1-9)

      • हनन्याह को शाऊल की मदद करने भेजा गया (10-19क)

      • शाऊल, दमिश्‍क में यीशु का प्रचार करता है (19ख-25)

      • शाऊल यरूशलेम गया (26-31)

      • पतरस ने ऐनियास को ठीक किया (32-35)

      • दरियादिल दोरकास ज़िंदा की गयी (36-43)

प्रेषितों 9:1

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 8:3; 22:4; 26:10, 11; गल 1:13; 1ती 1:12, 13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 60-61

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2000, पेज 27

    1/1/1991, पेज 13-14

प्रेषितों 9:2

फुटनोट

  • *

    या “बाँधकर।”

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 11:26; 22:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 60-61

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2000, पेज 27

    1/1/1991, पेज 13-14

प्रेषितों 9:3

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 22:6-11; 26:13-18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2000, पेज 27

प्रेषितों 9:4

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 60-61

प्रेषितों 9:5

संबंधित आयतें

  • +1कुर 15:8
  • +मत 25:45

प्रेषितों 9:7

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 22:9

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1991, पेज 13-14

प्रेषितों 9:9

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 13:11

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2000, पेज 28-29

प्रेषितों 9:10

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 22:12

प्रेषितों 9:11

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 21:39; 22:3

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2004, पेज 32

    1/15/2000, पेज 28

प्रेषितों 9:12

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 9:17

प्रेषितों 9:14

फुटनोट

  • *

    शा., “बाँध ले; जेल में डाल दे।”

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  • +प्रेष 9:1, 2

प्रेषितों 9:15

फुटनोट

  • *

    या “वह मेरा चुना हुआ पात्र है।”

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  • +प्रेष 13:2; रोम 1:1; 1ती 1:12
  • +प्रेष 26:1; 27:24
  • +रोम 1:5; गल 2:7; 1ती 2:7

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2016, पेज 14-16

    6/2016, पेज 7

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/1999, पेज 29-31

    2/1/1991, पेज 15

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (1थिस्स-प्रका), पेज 13

प्रेषितों 9:16

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 20:22, 23; 21:11; 2कुर 11:23-28; कुल 1:24; 2ती 1:12

प्रेषितों 9:17

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 22:12, 13

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 63

प्रेषितों 9:19

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  • +प्रेष 26:19, 20

प्रेषितों 9:20

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 63-64

प्रेषितों 9:21

फुटनोट

  • *

    शा., “उन्हें बाँधकर।”

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  • +प्रेष 8:3; गल 1:13, 23
  • +प्रेष 9:1, 2

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 64

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2005, पेज 28

प्रेषितों 9:22

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 17:2, 3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 64

    सेवा स्कूल, पेज 170

प्रेषितों 9:23

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 20:2, 3; 23:12; 2कुर 11:23

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 64

प्रेषितों 9:25

संबंधित आयतें

  • +2कुर 11:32, 33

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 64

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2005, पेज 29

    1/1/1991, पेज 14

प्रेषितों 9:26

संबंधित आयतें

  • +गल 1:18

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/1998, पेज 20-21

प्रेषितों 9:27

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 4:36, 37
  • +प्रेष 9:3, 4; 1कुर 9:1
  • +प्रेष 9:19, 20

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 65

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/1998, पेज 20-21

प्रेषितों 9:29

संबंधित आयतें

  • +2कुर 11:23, 26

प्रेषितों 9:30

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 11:25; गल 1:21

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2000, पेज 26

प्रेषितों 9:31

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 8:1
  • +यूह 14:16

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    गवाही दो, पेज 65-66

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    7/2017, पेज 13

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2008, पेज 31

    5/1/2007, पेज 10

    1/1/1991, पेज 11

प्रेषितों 9:32

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 9:38

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1991, पेज 14

प्रेषितों 9:34

संबंधित आयतें

  • +मत 10:8; प्रेष 4:9, 10
  • +प्रेष 3:6

प्रेषितों 9:36

फुटनोट

  • *

    यूनानी नाम दोरकास और अरामी नाम तबीता, दोनों का मतलब “हिरनी” है।

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    गवाही दो, पेज 67

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1990, पेज 11

प्रेषितों 9:37

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    गवाही दो, पेज 67

प्रेषितों 9:38

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    गवाही दो, पेज 67

प्रेषितों 9:39

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 67

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1991, पेज 14

प्रेषितों 9:40

संबंधित आयतें

  • +लूक 8:51
  • +मत 9:24, 25; लूक 7:14, 15; यूह 11:43, 44

प्रेषितों 9:41

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  • +1रा 17:23

प्रेषितों 9:42

संबंधित आयतें

  • +यूह 11:44, 45

प्रेषितों 9:43

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 10:6, 32

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    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/2002, पेज 17

    1/1/1991, पेज 14

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

प्रेषि. 9:1प्रेष 8:3; 22:4; 26:10, 11; गल 1:13; 1ती 1:12, 13
प्रेषि. 9:2प्रेष 11:26; 22:4
प्रेषि. 9:3प्रेष 22:6-11; 26:13-18
प्रेषि. 9:51कुर 15:8
प्रेषि. 9:5मत 25:45
प्रेषि. 9:7प्रेष 22:9
प्रेषि. 9:9प्रेष 13:11
प्रेषि. 9:10प्रेष 22:12
प्रेषि. 9:11प्रेष 21:39; 22:3
प्रेषि. 9:12प्रेष 9:17
प्रेषि. 9:14प्रेष 9:1, 2
प्रेषि. 9:15प्रेष 13:2; रोम 1:1; 1ती 1:12
प्रेषि. 9:15प्रेष 26:1; 27:24
प्रेषि. 9:15रोम 1:5; गल 2:7; 1ती 2:7
प्रेषि. 9:16प्रेष 20:22, 23; 21:11; 2कुर 11:23-28; कुल 1:24; 2ती 1:12
प्रेषि. 9:17प्रेष 22:12, 13
प्रेषि. 9:19प्रेष 26:19, 20
प्रेषि. 9:21प्रेष 8:3; गल 1:13, 23
प्रेषि. 9:21प्रेष 9:1, 2
प्रेषि. 9:22प्रेष 17:2, 3
प्रेषि. 9:23प्रेष 20:2, 3; 23:12; 2कुर 11:23
प्रेषि. 9:252कुर 11:32, 33
प्रेषि. 9:26गल 1:18
प्रेषि. 9:27प्रेष 4:36, 37
प्रेषि. 9:27प्रेष 9:3, 4; 1कुर 9:1
प्रेषि. 9:27प्रेष 9:19, 20
प्रेषि. 9:292कुर 11:23, 26
प्रेषि. 9:30प्रेष 11:25; गल 1:21
प्रेषि. 9:31प्रेष 8:1
प्रेषि. 9:31यूह 14:16
प्रेषि. 9:32प्रेष 9:38
प्रेषि. 9:34मत 10:8; प्रेष 4:9, 10
प्रेषि. 9:34प्रेष 3:6
प्रेषि. 9:40लूक 8:51
प्रेषि. 9:40मत 9:24, 25; लूक 7:14, 15; यूह 11:43, 44
प्रेषि. 9:411रा 17:23
प्रेषि. 9:42यूह 11:44, 45
प्रेषि. 9:43प्रेष 10:6, 32
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  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
प्रेषितों 9:1-43

प्रेषितों के काम

9 मगर शाऊल पर अब भी प्रभु के चेलों को धमकाने और मार डालने का जुनून सवार था।+ इसलिए वह महायाजक के पास गया 2 और उससे दमिश्‍क शहर के सभा-घरों के नाम चिट्ठियाँ माँगीं ताकि ‘प्रभु की राह’ पर चलनेवाला जो भी मिले, चाहे आदमी हो या औरत, उन्हें गिरफ्तार करके* यरूशलेम ले आए।+

3 जब वह दमिश्‍क पहुँचनेवाला था, तो रास्ते में अचानक उसके चारों तरफ आकाश से रौशनी चमक उठी।+ 4 तब वह ज़मीन पर गिर पड़ा और उसने एक आवाज़ सुनी जो उससे कह रही थी, “शाऊल, शाऊल, तू क्यों मुझ पर ज़ुल्म कर रहा है?” 5 शाऊल ने कहा, “हे प्रभु, तू कौन है?” उसने कहा, “मैं यीशु हूँ,+ जिस पर तू ज़ुल्म कर रहा है।+ 6 मगर अब उठ और शहर में जा और जो तुझे करना है वह तुझे बता दिया जाएगा।” 7 जो आदमी शाऊल के साथ सफर कर रहे थे, वे हक्के-बक्के रह गए और वहीं खड़े रहे। उन्हें कुछ आवाज़ तो आ रही थी मगर कोई दिखायी नहीं दे रहा था।+ 8 तब शाऊल ज़मीन से उठकर खड़ा हुआ। उसकी आँखें तो खुली थीं मगर वह कुछ देख नहीं पा रहा था। इसलिए वे उसे हाथ पकड़कर ले गए और दमिश्‍क पहुँचा दिया। 9 तीन दिन तक शाऊल कुछ नहीं देख पाया और न उसने कुछ खाया, न पीया।+

10 वहाँ दमिश्‍क में हनन्याह नाम का एक चेला था+ और प्रभु ने एक दर्शन में उससे कहा, “हनन्याह!” उसने कहा, “हाँ, प्रभु!” 11 प्रभु ने उससे कहा, “उठ, उस गली में जा जो सीधी कहलाती है। वहाँ यहूदा के घर में जाकर शाऊल नाम के आदमी के बारे में पूछ जो तरसुस का रहनेवाला है।+ क्योंकि देख! वह प्रार्थना कर रहा है 12 और उसने एक दर्शन में देखा है कि हनन्याह नाम का एक आदमी उसके पास आया और उसने उसके ऊपर हाथ रखा ताकि उसकी आँखों की रौशनी लौट आए।”+ 13 मगर हनन्याह ने कहा, “प्रभु, मैंने उस आदमी के बारे में कई लोगों से सुना है कि उसने यरूशलेम में तेरे पवित्र जनों को कितना दुख दिया है। 14 अब उसके पास प्रधान याजकों की तरफ से यह अधिकार है कि जितने तेरा नाम लेते हैं, उन सबको गिरफ्तार कर ले।”*+ 15 मगर प्रभु ने उससे कहा, “तू उसके पास जा क्योंकि मैंने उसे चुना है*+ ताकि वह गैर-यहूदियों को, साथ ही राजाओं+ और इसराएलियों को मेरे नाम की गवाही दे।+ 16 मैं उस पर साफ ज़ाहिर करूँगा कि उसे मेरे नाम की खातिर कितने दुख सहने होंगे।”+

17 तब हनन्याह चल पड़ा और उस घर में गया जहाँ शाऊल था। उसने अपने हाथ शाऊल पर रखे और कहा, “शाऊल, मेरे भाई, प्रभु यीशु जिसने उस सड़क पर तुझे दर्शन दिया था जहाँ से तू आ रहा था, उसी ने मुझे तेरे पास भेजा है ताकि तेरी आँखों की रौशनी लौट आए और तू पवित्र शक्‍ति से भर जाए।”+ 18 उसी घड़ी शाऊल की आँखों से छिलकों जैसा कुछ गिरा और वह फिर से देखने लगा और उसने उठकर बपतिस्मा लिया। 19 उसने खाना खाया और ताकत पायी।

शाऊल कुछ दिनों तक दमिश्‍क+ में चेलों के साथ रहा 20 और उसने तुरंत वहाँ के सभा-घरों में यीशु का प्रचार करना शुरू कर दिया कि वही परमेश्‍वर का बेटा है। 21 मगर जितनों ने भी उसके बारे में सुना, वे सब दंग रह गए और कहने लगे, “यह तो वही आदमी है न, जो यरूशलेम में यीशु का नाम लेनेवालों पर ज़ुल्म कर रहा था?+ क्या वह यहाँ भी इसी इरादे से नहीं आया था कि चेलों को गिरफ्तार करके* प्रधान याजकों के पास ले जाए?”+ 22 लेकिन शाऊल सिखाने में और भी दमदार होता गया। वह बढ़िया तर्क देकर साबित करता था कि यीशु ही मसीह है और दमिश्‍क के यहूदियों का मुँह बंद कर देता था।+

23 इस तरह जब कई दिन गुज़र गए, तो यहूदियों ने उसे मार डालने के लिए मिलकर साज़िश की।+ 24 मगर शाऊल को उनकी साज़िश का पता चल गया। यहूदी उसे मार डालने के लिए दिन-रात शहर के फाटकों पर नज़र रखे हुए थे। 25 इसलिए उसके चेलों ने रातों-रात उसे एक बड़े टोकरे में बिठाकर शहरपनाह में बनी एक खिड़की से नीचे उतार दिया।+

26 जब वह यरूशलेम+ पहुँचा तो उसने चेलों के साथ जुड़ने की कोशिश की, मगर सभी उससे डरते थे क्योंकि उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि वह भी एक चेला बन चुका है। 27 इसलिए बरनबास+ उसकी मदद के लिए आगे आया और उसे प्रेषितों के पास ले गया। बरनबास ने उन्हें पूरी जानकारी दी कि कैसे शाऊल ने सड़क पर प्रभु को देखा था+ और यह भी कि प्रभु ने उससे बात की थी और कैसे उसने दमिश्‍क में निडर होकर यीशु के नाम से प्रचार किया था।+ 28 इसलिए शाऊल यरूशलेम में चेलों के साथ रहा और वहाँ खुलेआम आता-जाता था और प्रभु के नाम से निडर होकर बात करता था। 29 वह यूनानी बोलनेवाले यहूदियों से बातचीत और बहस किया करता था। मगर उन लोगों ने उसे खत्म करने की कोशिश की।+ 30 जब यह बात भाइयों को पता चली, तो वे उसे कैसरिया ले आए और वहाँ से उसे तरसुस+ भेज दिया।

31 इसके बाद सारे यहूदिया, गलील और सामरिया में मंडली के लिए शांति का दौर शुरू हुआ+ और वह विश्‍वास में मज़बूत होती गयी। मंडली यहोवा* का डर मानती रही और पवित्र शक्‍ति+ से दिलासा पाती रही और उसमें बढ़ोतरी होती गयी।

32 जब पतरस पूरे इलाके का दौरा कर रहा था, तो वह लुद्दा शहर में रहनेवाले पवित्र जनों के पास भी आया।+ 33 वहाँ उसे ऐनियास नाम का एक आदमी मिला, जो आठ साल से लकवे की वजह से खाट पर पड़ा था। 34 पतरस ने उससे कहा, “ऐनियास, यीशु मसीह तेरी बीमारी दूर करता है।+ उठ और अपना बिस्तर ठीक कर।”+ वह फौरन उठ खड़ा हुआ। 35 जब लुद्दा और शारोन के मैदानी इलाके में रहनेवाले सभी लोगों ने उसे देखा, तो वे प्रभु की तरफ हो गए।

36 याफा शहर में तबीता नाम की एक शिष्या थी, जिसका नाम यूनानी में “दोरकास”* था। वह बहुत-से भले काम करती और दान दिया करती थी। 37 मगर उन दिनों वह बीमार पड़ गयी और मर गयी। उन्होंने उसे नहलाकर ऊपर के एक कमरे में रखा। 38 लुद्दा शहर याफा के पास ही था इसलिए जब चेलों ने सुना कि पतरस लुद्दा में है, तो उन्होंने दो आदमियों को भेजकर उससे बिनती की, “जल्दी से हमारे पास आ।” 39 तब पतरस उठकर उनके साथ गया। जब वह याफा पहुँचा तो वे उसे ऊपरी कमरे में ले गए और सारी विधवाएँ रोती हुई उसके पास आयीं। वे पतरस को वे कपड़े और कुरते दिखाने लगीं जो दोरकास ने उनके लिए बनाए थे। 40 फिर पतरस ने सबको बाहर जाने के लिए कहा+ और घुटने टेककर प्रार्थना की। इसके बाद उसने लाश की तरफ मुड़कर कहा, “तबीता, उठ!” तबीता ने अपनी आँखें खोलीं और जैसे ही उसने पतरस को देखा, वह उठ बैठी।+ 41 पतरस ने अपना हाथ बढ़ाकर उसे उठाया और पवित्र जनों और विधवाओं को बुलाकर उसे जीती-जागती उन्हें सौंप दिया।+ 42 यह बात पूरे याफा में फैल गयी और बहुत-से लोग प्रभु में विश्‍वासी बन गए।+ 43 पतरस काफी दिनों तक याफा में ही रहा। वह शमौन नाम के एक आदमी के घर ठहरा, जो चमड़े का काम करता था।+

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