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  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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इब्रानियों का सारांश

      • विश्‍वास की परिभाषा (1, 2)

      • विश्‍वास की मिसालें (3-40)

        • विश्‍वास के बिना परमेश्‍वर को खुश करना नामुमकिन (6)

इब्रानियों 11:1

फुटनोट

  • *

    या “ठोस सबूत।”

संबंधित आयतें

  • +इब्र 11:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2019, पेज 26

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 21-23, 27

    सजग होइए!,

    अंक 3 2016, पेज 12

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2013, पेज 7

    10/1/2009, पेज 3

    9/1/2005, पेज 16

    1/15/2003, पेज 10

    3/15/1997, पेज 6

    7/1/1993, पेज 21

    1/1/1990, पेज 14-15

    2/1/1988, पेज 22

    विश्‍वास की मिसाल, पेज 5

इब्रानियों 11:2

फुटनोट

  • *

    या “हमारे पुरखों।”

इब्रानियों 11:3

फुटनोट

  • *

    या “ज़माने।” शब्दावली देखें।

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1988, पेज 22

इब्रानियों 11:4

संबंधित आयतें

  • +उत 4:5
  • +उत 4:4
  • +उत 4:8, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    शुद्ध उपासना, पेज 15, 16-19

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2015, पेज 20

    1/1/2013, पेज 12, 13-15

    1/15/2002, पेज 23

    8/15/2000, पेज 13

    7/1/1993, पेज 24-25

    2/1/1988, पेज 22

    विश्‍वास की मिसाल, पेज 9, 14-16

इब्रानियों 11:5

संबंधित आयतें

  • +उत 5:22; यहू 14
  • +उत 5:24

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2017, पेज 3

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2017, पेज 12-13

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2006, पेज 19-20

    9/1/2005, पेज 15

    1/1/2004, पेज 29

    9/15/2001, पेज 31

    12/15/1999, पेज 22

    1/15/1997, पेज 30-31

    2/1/1988, पेज 22-23

इब्रानियों 11:6

फुटनोट

  • *

    या “वजूद में है।”

संबंधित आयतें

  • +भज 58:11; सप 2:3; मत 5:12; 6:33

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2021 पेज 9

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 12

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2016, पेज 24-28

    9/2016, पेज 9

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2010, पेज 8

    10/1/2006, पेज 29-30

    8/1/2005, पेज 28-29

    8/15/2004, पेज 19

    8/15/2003, पेज 25-26

    12/15/2002, पेज 17-18

    3/1/1996, पेज 7

    विश्‍वास की मिसाल, पेज 5

इब्रानियों 11:7

संबंधित आयतें

  • +उत 6:8, 9
  • +उत 6:14
  • +उत 6:13, 17
  • +उत 6:22; 2पत 2:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 27-28

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2013, पेज 11-12

    9/15/2011, पेज 18

    11/15/2001, पेज 31

    12/1/1989, पेज 30

    10/1/1991, पेज 19, 23

    2/1/1988, पेज 23

इब्रानियों 11:8

संबंधित आयतें

  • +रोम 4:9, 11
  • +उत 12:1, 4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2020, पेज 3-4

इब्रानियों 11:9

संबंधित आयतें

  • +उत 23:4
  • +उत 12:8
  • +उत 17:6; 26:3; 28:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2020, पेज 3, 4-5

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1993, पेज 25

इब्रानियों 11:10

फुटनोट

  • *

    या “शिल्पकार।”

संबंधित आयतें

  • +इब्र 11:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2020, पेज 2-5

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 7/2019, पेज 2

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    2/2016, पेज 12

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2015, पेज 21

    3/15/2013, पेज 22-23

    8/15/2009, पेज 4

    10/15/2008, पेज 32

    5/1/2005, पेज 11

    8/15/2001, पेज 18

    7/1/1993, पेज 25

    2/1/1988, पेज 23

    विश्‍वास की मिसाल, पेज 32

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 134

इब्रानियों 11:11

फुटनोट

  • *

    या “भरोसेमंद।”

संबंधित आयतें

  • +उत 17:17; 21:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2015, पेज 21

    7/1/1993, पेज 25

    2/1/1988, पेज 23

इब्रानियों 11:12

संबंधित आयतें

  • +रोम 4:19
  • +उत 21:5; 22:17; 1रा 4:20

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1993, पेज 25

    2/1/1988, पेज 23

इब्रानियों 11:13

संबंधित आयतें

  • +उत 47:9
  • +यूह 8:56

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 22

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2015, पेज 20-21

    11/15/2011, पेज 16-17

    8/15/2001, पेज 19, 28-29

    7/1/1993, पेज 25

    2/1/1988, पेज 23-24

इब्रानियों 11:15

संबंधित आयतें

  • +उत 11:31

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 5 2017, पेज 12-13

इब्रानियों 11:16

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 3:6, 15
  • +इब्र 11:10; 12:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/1998, पेज 11

    7/1/1993, पेज 25

    1/1/1990, पेज 12

    2/1/1988, पेज 24

इब्रानियों 11:17

संबंधित आयतें

  • +उत 22:1, 2
  • +उत 22:9, 10; यूह 3:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2017, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/1998, पेज 11-12

    2/1/1988, पेज 24

इब्रानियों 11:18

फुटनोट

  • *

    शा., “बीज।”

संबंधित आयतें

  • +उत 21:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2017, पेज 6

इब्रानियों 11:19

संबंधित आयतें

  • +1कुर 10:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2017, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    2/2016, पेज 11

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2009, पेज 4

    2/1/1988, पेज 24

इब्रानियों 11:20

संबंधित आयतें

  • +उत 27:27-29, 38-40

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1988, पेज 24

इब्रानियों 11:21

संबंधित आयतें

  • +उत 47:29
  • +उत 48:15, 16, 20
  • +उत 47:31

इब्रानियों 11:22

फुटनोट

  • *

    या “अपने दफनाने।”

  • *

    या “हिदायत।”

संबंधित आयतें

  • +उत 50:24, 25; निर्ग 13:19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/2007, पेज 28

इब्रानियों 11:23

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 2:2
  • +प्रेष 7:20
  • +निर्ग 1:16, 22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1997, पेज 30-31

    2/1/1988, पेज 24-25

इब्रानियों 11:24

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 2:11
  • +निर्ग 2:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2015, पेज 21-22

    4/15/2014, पेज 3-4

    6/15/2002, पेज 11

    2/1/1988, पेज 24-25

इब्रानियों 11:25

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2015, पेज 21-22

    4/15/2014, पेज 3-4

    9/15/2005, पेज 16-17

    6/15/2002, पेज 11

    2/1/1988, पेज 25

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 218-219

इब्रानियों 11:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2015, पेज 21-22

    4/15/2014, पेज 5, 6-7

    3/15/2012, पेज 28

    6/15/2002, पेज 11

    2/1/1993, पेज 31

इब्रानियों 11:27

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 12:51
  • +निर्ग 10:28
  • +1ती 1:17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 83

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2014, पेज 8-10

    8/15/2005, पेज 22-23

    6/15/2001, पेज 18-23

    12/15/1999, पेज 21-22

    9/1/1995, पेज 9

    11/1/1993, पेज 25

    2/1/1988, पेज 25-26

इब्रानियों 11:28

फुटनोट

  • *

    शा., “न छुए।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 12:21-23

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2014, पेज 10-11

    2/1/1988, पेज 26

इब्रानियों 11:29

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 14:22
  • +निर्ग 14:27, 28

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2014, पेज 12

इब्रानियों 11:30

संबंधित आयतें

  • +यह 6:15, 20

इब्रानियों 11:31

संबंधित आयतें

  • +यह 6:17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1988, पेज 10

इब्रानियों 11:32

संबंधित आयतें

  • +न्या 6:11
  • +न्या 4:6
  • +न्या 13:24
  • +न्या 11:1
  • +1शम 16:13
  • +1शम 3:20

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    विश्‍वास की मिसाल, पेज 70-71

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2011, पेज 17-18

    3/1/1988, पेज 10-11

इब्रानियों 11:33

संबंधित आयतें

  • +न्या 7:12, 22
  • +2शम 7:8, 12
  • +न्या 14:5, 6; 1शम 17:34-36; दान 6:21, 22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 23

    विश्‍वास की मिसाल, पेज 70-71

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2011, पेज 17-18

    2/1/1989, पेज 25

    3/1/1988, पेज 11

इब्रानियों 11:34

संबंधित आयतें

  • +दान 3:23-25
  • +2रा 6:15, 16
  • +न्या 16:28; 1रा 18:46
  • +न्या 11:32
  • +न्या 4:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 23

    दानिय्येल की भविष्यवाणी, पेज 81

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1989, पेज 23-24

    3/1/1988, पेज 11-12

    7/1/1986, पेज 10

इब्रानियों 11:35

संबंधित आयतें

  • +1रा 17:22-24; 2रा 4:32, 34

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2017, पेज 12

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 23-24

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2005, पेज 5-6, 17

    2/15/1995, पेज 10-11

    3/1/1994, पेज 31

    3/1/1988, पेज 12-13

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 173

इब्रानियों 11:36

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 20:2
  • +यिर्म 37:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 23

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1988, पेज 13

इब्रानियों 11:37

संबंधित आयतें

  • +2इत 24:20, 21
  • +1रा 19:10
  • +2रा 1:8
  • +1रा 19:2
  • +1रा 22:24; यिर्म 38:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग, 2/1/1988, पेज 27

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1988, पेज 13-14

इब्रानियों 11:38

संबंधित आयतें

  • +1रा 18:4; 19:9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 23

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1990, पेज 10

    3/1/1988, पेज 13-14

इब्रानियों 11:40

संबंधित आयतें

  • +इब्र 2:3; 3:1; 7:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2002, पेज 30

    2/1/2002, पेज 22-23

    3/1/1988, पेज 14

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

इब्रा. 11:1इब्र 11:13
इब्रा. 11:4उत 4:5
इब्रा. 11:4उत 4:4
इब्रा. 11:4उत 4:8, 10
इब्रा. 11:5उत 5:22; यहू 14
इब्रा. 11:5उत 5:24
इब्रा. 11:6भज 58:11; सप 2:3; मत 5:12; 6:33
इब्रा. 11:7उत 6:8, 9
इब्रा. 11:7उत 6:14
इब्रा. 11:7उत 6:13, 17
इब्रा. 11:7उत 6:22; 2पत 2:5
इब्रा. 11:8रोम 4:9, 11
इब्रा. 11:8उत 12:1, 4
इब्रा. 11:9उत 23:4
इब्रा. 11:9उत 12:8
इब्रा. 11:9उत 17:6; 26:3; 28:13
इब्रा. 11:10इब्र 11:16
इब्रा. 11:11उत 17:17; 21:2
इब्रा. 11:12रोम 4:19
इब्रा. 11:12उत 21:5; 22:17; 1रा 4:20
इब्रा. 11:13उत 47:9
इब्रा. 11:13यूह 8:56
इब्रा. 11:15उत 11:31
इब्रा. 11:16निर्ग 3:6, 15
इब्रा. 11:16इब्र 11:10; 12:22
इब्रा. 11:17उत 22:1, 2
इब्रा. 11:17उत 22:9, 10; यूह 3:16
इब्रा. 11:18उत 21:12
इब्रा. 11:191कुर 10:11
इब्रा. 11:20उत 27:27-29, 38-40
इब्रा. 11:21उत 47:29
इब्रा. 11:21उत 48:15, 16, 20
इब्रा. 11:21उत 47:31
इब्रा. 11:22उत 50:24, 25; निर्ग 13:19
इब्रा. 11:23निर्ग 2:2
इब्रा. 11:23प्रेष 7:20
इब्रा. 11:23निर्ग 1:16, 22
इब्रा. 11:24निर्ग 2:11
इब्रा. 11:24निर्ग 2:10
इब्रा. 11:27निर्ग 12:51
इब्रा. 11:27निर्ग 10:28
इब्रा. 11:271ती 1:17
इब्रा. 11:28निर्ग 12:21-23
इब्रा. 11:29निर्ग 14:22
इब्रा. 11:29निर्ग 14:27, 28
इब्रा. 11:30यह 6:15, 20
इब्रा. 11:31यह 6:17
इब्रा. 11:32न्या 6:11
इब्रा. 11:32न्या 4:6
इब्रा. 11:32न्या 13:24
इब्रा. 11:32न्या 11:1
इब्रा. 11:321शम 16:13
इब्रा. 11:321शम 3:20
इब्रा. 11:33न्या 7:12, 22
इब्रा. 11:332शम 7:8, 12
इब्रा. 11:33न्या 14:5, 6; 1शम 17:34-36; दान 6:21, 22
इब्रा. 11:34दान 3:23-25
इब्रा. 11:342रा 6:15, 16
इब्रा. 11:34न्या 16:28; 1रा 18:46
इब्रा. 11:34न्या 11:32
इब्रा. 11:34न्या 4:16
इब्रा. 11:351रा 17:22-24; 2रा 4:32, 34
इब्रा. 11:36यिर्म 20:2
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
इब्रानियों 11:1-40

इब्रानियों के नाम चिट्ठी

11 विश्‍वास, आशा की हुई बातों का पूरे भरोसे के साथ इंतज़ार करना है+ और उन असलियतों का साफ सबूत* है, जो अभी दिखायी नहीं देतीं। 2 क्योंकि विश्‍वास की वजह से पुराने ज़माने के लोगों* ने अपने बारे में गवाही पायी कि परमेश्‍वर उनसे खुश है।

3 विश्‍वास ही से हम यह समझ पाते हैं कि परमेश्‍वर के वचन से दुनिया की व्यवस्थाएँ* ठहरायी गयीं, इसलिए जो दिखायी दे रहा है वह उन चीज़ों से आया है जो दिखायी नहीं देतीं।

4 विश्‍वास ही से हाबिल ने परमेश्‍वर को ऐसा बलिदान चढ़ाया जो कैन के बलिदान से श्रेष्ठ था।+ और इसी विश्‍वास की वजह से उसे गवाही दी गयी कि वह नेक है क्योंकि परमेश्‍वर ने उसकी भेंट मंज़ूर की थी।+ हालाँकि हाबिल मर चुका है मगर अपने विश्‍वास की वजह से वह आज भी बोलता है।+

5 विश्‍वास की वजह से ही हनोक+ दूसरी जगह पहुँचा दिया गया ताकि वह मौत का मुँह न देखे। और वह कहीं नहीं पाया गया क्योंकि परमेश्‍वर ने उसे दूसरी जगह पहुँचा दिया था।+ मगर उसके जाने से पहले उसे यह गवाही दी गयी कि उसने परमेश्‍वर को खुश किया है। 6 विश्‍वास के बिना परमेश्‍वर को खुश करना नामुमकिन है, क्योंकि जो उसके पास आता है उसे यकीन करना होगा कि परमेश्‍वर सचमुच है* और वह उन लोगों को इनाम देता है जो पूरी लगन से उसकी खोज करते हैं।+

7 विश्‍वास ही से नूह+ ने परमेश्‍वर का डर मानकर अपने परिवार को बचाने के लिए एक जहाज़ बनाया+ क्योंकि परमेश्‍वर ने उसे उन चीज़ों के बारे में चेतावनी दी जो उस वक्‍त तक दिखायी नहीं दे रही थीं।+ इसी विश्‍वास की वजह से उसने दुनिया को सज़ा के लायक ठहराया+ और उसके विश्‍वास की वजह से ही उसे नेक समझा गया।

8 विश्‍वास ही से अब्राहम+ ने बुलाए जाने पर आज्ञा मानी और उस जगह के लिए निकल पड़ा जो उसे विरासत में मिलनेवाली थी। वह नहीं जानता था कि वह कहाँ जा रहा है, फिर भी वह गया।+ 9 विश्‍वास की वजह से वह वादा किए गए देश में ऐसे रहा जैसे एक पराए देश में रह रहा हो।+ और वह इसहाक और याकूब के साथ तंबुओं में रहा+ जो उसके साथ उसी वादे के वारिस थे।+ 10 क्योंकि वह एक ऐसे शहर के इंतज़ार में था जो सच्ची बुनियाद पर खड़ा है, जिसका रचनेवाला* और बनानेवाला परमेश्‍वर है।+

11 विश्‍वास ही से सारा ने गर्भवती होने की शक्‍ति पायी, हालाँकि उसके बच्चे पैदा करने की उम्र बीत चुकी थी+ क्योंकि उसने माना था कि जिस परमेश्‍वर ने वादा किया है वह विश्‍वासयोग्य* है। 12 इसलिए उस एक आदमी से जो मानो बेजान था,+ आसमान के तारों और समुंदर किनारे की रेत के कणों जितनी अनगिनत संतान पैदा हुई।+

13 ये सभी लोग विश्‍वास रखते हुए मर गए, हालाँकि उन्होंने वह सब नहीं पाया जिसका उनसे वादा किया गया था।+ फिर भी उन्होंने वादा की गयी बातों को दूर ही से देखा+ और उनसे खुशी पायी। और सब लोगों के सामने ऐलान किया कि वे उस देश में अजनबी और मुसाफिर हैं। 14 क्योंकि जो इस तरह की बातें कहते हैं वे साबित करते हैं कि वे पूरी लगन से उस जगह की खोज में हैं जो उनकी अपनी होगी। 15 और अगर वे उस देश को याद करते रहते जिसे वे छोड़कर आए थे,+ तो उनके पास वापस लौटने का मौका था। 16 मगर अब वे एक बढ़िया जगह पाने की कोशिश में आगे बढ़ रहे हैं, जिसका नाता स्वर्ग से है। इसलिए परमेश्‍वर खुद को उनका परमेश्‍वर कहने से शर्मिंदा नहीं होता+ और उसने उनके लिए एक शहर तैयार किया है।+

17 विश्‍वास ही से अब्राहम ने, जब उसकी परीक्षा ली गयी थी,+ इसहाक को मानो बलि चढ़ा ही दिया था। हाँ, जिसने खुशी-खुशी वादों को स्वीकार किया था, वह अपने इकलौते बेटे की बलि चढ़ाने को तैयार हो गया,+ 18 हालाँकि उससे कहा गया था, “तुझसे जिस वंश* का वादा किया गया है वह इसहाक से आएगा।”+ 19 उसे यकीन था कि परमेश्‍वर उसके बेटे को मरे हुओं में से भी ज़िंदा करने के काबिल है। और वाकई उसने अपने बेटे को मौत के मुँह से वापस पाया। यह आनेवाली बातों की एक मिसाल बना।+

20 विश्‍वास ही से इसहाक ने आनेवाली बातों के बारे में याकूब और एसाव को आशीर्वाद दिया।+

21 विश्‍वास ही से याकूब ने अपनी मौत से पहले,+ यूसुफ के दोनों बेटों को आशीर्वाद दिया+ और अपनी लाठी के सिरे का सहारा लेकर परमेश्‍वर की उपासना की।+

22 विश्‍वास ही से यूसुफ ने अपनी मौत से पहले बताया कि इसराएली एक दिन मिस्र से निकल जाएँगे और उसने अपनी हड्डियों* के बारे में आज्ञा* दी।+

23 विश्‍वास ही से मूसा के माता-पिता ने उसके पैदा होने के बाद तीन महीने तक उसे छिपाए रखा+ क्योंकि उन्होंने देखा कि बच्चा बहुत सुंदर है+ और वे राजा के हुक्म से नहीं डरे।+ 24 विश्‍वास ही से मूसा ने बड़े होने पर,+ फिरौन की बेटी का बेटा कहलाने से इनकार कर दिया।+ 25 और चंद दिनों के लिए पाप का सुख भोगने के बजाय, उसने परमेश्‍वर के लोगों के साथ दुख भोगने का चुनाव किया। 26 उसने समझा कि परमेश्‍वर का अभिषिक्‍त जन होने के नाते बेइज़्ज़ती सहना, मिस्र के खज़ानों से भी बड़ी दौलत है क्योंकि वह अपनी नज़र इनाम पाने पर टिकाए हुए था। 27 विश्‍वास ही से उसने मिस्र छोड़ दिया,+ मगर राजा के क्रोध के डर से नहीं+ क्योंकि वह उस अदृश्‍य परमेश्‍वर को मानो देखता हुआ डटा रहा।+ 28 विश्‍वास ही से मूसा ने फसह का त्योहार मनाया और दरवाज़े की चौखटों पर खून छिड़का ताकि नाश करनेवाला उनके पहलौठों को कोई नुकसान न पहुँचाए।*+

29 विश्‍वास ही से उन्होंने लाल सागर को ऐसे पार किया जैसे सूखी ज़मीन पर चल रहे हों।+ मगर जब मिस्रियों ने पार करने की कोशिश की, तो उन्हें सागर ने निगल लिया।+

30 विश्‍वास ही से जब इसराएलियों ने सात दिन तक यरीहो शहर की दीवारों के चक्कर काटे तब वे ढह गयीं।+ 31 विश्‍वास की वजह से ही राहाब नाम की वेश्‍या उन लोगों के साथ नाश नहीं हुई जो आज्ञा नहीं मानते थे, क्योंकि उसने जासूसों को शांति से अपने यहाँ ठहराया था।+

32 और किस किसका नाम गिनवाऊँ? अगर मैं गिदोन,+ बाराक,+ शिमशोन,+ यिप्तह,+ दाविद,+ साथ ही शमूएल+ और दूसरे भविष्यवक्‍ताओं के बारे में बताऊँ तो समय कम पड़ जाएगा। 33 विश्‍वास की वजह से ही इन लोगों ने हुकूमतों को हराया,+ नेकी को बढ़ावा दिया, इनसे वादे किए गए,+ इन्होंने शेरों का मुँह बंद किया,+ 34 आग की तपिश मिटा दी,+ तलवार की धार से बच निकले,+ उन्हें कमज़ोर हालत में ताकतवर बनाया गया,+ वे युद्ध में वीर निकले+ और उन्होंने हमला करती सेनाओं को खदेड़ा।+ 35 औरतों ने अपने मरे हुए अज़ीज़ों को वापस पाया।+ और दूसरे लोग ऐसे थे जिन्हें तड़पा-तड़पाकर मार डाला गया क्योंकि उन्हें किसी भी तरह की फिरौती देकर छुटकारा पाना मंज़ूर नहीं था ताकि वे मरने के बाद बेहतर तरीके से ज़िंदा किए जाएँ। 36 हाँ, कितने ऐसे थे जिनकी खिल्ली उड़ायी गयी और जिन्हें कोड़े लगाए गए। इतना ही नहीं, उन्हें ज़ंजीरों में बाँधा गया+ और कैद में डाला गया+ और इस तरह वे आज़माए गए। 37 उन्हें पत्थरों से मार डाला गया,+ उनकी परीक्षा हुई, उन्हें आरे से चीरा गया और तलवार से मार डाला गया।+ वे भेड़ों और बकरों की खाल पहने फिरते थे+ और तंगी, मुसीबतें+ और बदसलूकी सहते रहे+ 38 और यह दुनिया उनके लायक नहीं थी। वे रेगिस्तानों, पहाड़ों, गुफाओं और धरती की माँदों में भटकते रहे।+

39 इन सभी ने हालाँकि अपने विश्‍वास के ज़रिए अपने बारे में अच्छी गवाही पायी थी, फिर भी उन्होंने वादा पूरा होते हुए नहीं देखा। 40 क्योंकि परमेश्‍वर ने पहले से सोच रखा था कि वह हमें कुछ बेहतर देगा+ ताकि वे हमारे बगैर परिपूर्ण न बनाए जाएँ।

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