होशे
1 यहोवा का संदेश बएरी के बेटे होशे* के पास उन दिनों पहुँचा जब यहूदा में उज्जियाह,+ योताम,+ आहाज+ और हिजकियाह का राज था+ और इसराएल में योआश+ के बेटे यारोबाम का राज था।+ 2 जब यहोवा ने होशे के ज़रिए अपना संदेश लोगों को सुनाना शुरू किया तब यहोवा ने होशे से कहा, “तू जाकर एक ऐसी औरत से शादी कर जो बाद में वेश्या के काम करेगी और अपनी बदचलनी से बच्चे पैदा करेगी, क्योंकि इस देश ने वेश्या जैसे काम करके यहोवा से पूरी तरह मुँह फेर लिया है।”+
3 इसलिए होशे ने जाकर दिबलैम की बेटी गोमेर से शादी की। गोमेर गर्भवती हुई और उसने होशे के बेटे को जन्म दिया।
4 तब यहोवा ने होशे से कहा, “तू इस लड़के का नाम यिजरेल* रख क्योंकि यिजरेल में जो खून की नदियाँ बहायी गयी थीं, उसके लिए मैं कुछ समय बाद येहू के घराने से हिसाब माँगूँगा+ और इसराएल के राज का अंत कर दूँगा।+ 5 उस दिन मैं यिजरेल की घाटी में इसराएल की कमान तोड़ दूँगा।”
6 वह फिर से गर्भवती हुई और उसने एक बेटी को जन्म दिया। परमेश्वर ने होशे से कहा, “तू इस लड़की का नाम लो-रुहामा* रख क्योंकि मैं इसराएल के घराने पर और दया नहीं करूँगा,+ मैं उन्हें ज़रूर खदेड़ दूँगा।+ 7 लेकिन मैं यहूदा के घराने पर दया करूँगा+ और मैं उनका परमेश्वर यहोवा उन्हें बचाऊँगा,+ मगर तीर-कमान या तलवार या युद्ध या घोड़ों या घुड़सवारों के ज़रिए नहीं।”+
8 लो-रुहामा का दूध छुड़ाने के बाद वह गर्भवती हुई और उसने एक बेटे को जन्म दिया। 9 फिर परमेश्वर ने कहा, “तू इस लड़के का नाम लो-अम्मी* रख क्योंकि तुम मेरे लोग नहीं हो और मैं तुम्हारा परमेश्वर नहीं होऊँगा।
10 और इसराएल के लोगों* की गिनती समुंदर की बालू के किनकों जैसी होगी, जिन्हें न तौला जा सकता है और न ही गिना जा सकता है।+ और जिस जगह उनसे कहा गया था, ‘तुम मेरे लोग नहीं हो,’+ वहाँ उनसे कहा जाएगा, ‘तुम जीवित परमेश्वर के बेटे हो।’+ 11 और यहूदा के लोगों और इसराएल के लोगों को इकट्ठा करके एक किया जाएगा+ और वे अपने लिए एक मुखिया चुनेंगे और देश से बाहर निकल जाएँगे, क्योंकि वह दिन यिजरेल के लिए एक खास दिन होगा।”+
2 “अपने भाइयों से कहो, ‘तुम मेरे लोग हो!’*+
अपनी बहनों से कहो, ‘तुम औरतों पर परमेश्वर ने दया की है!’*+
2 अपनी माँ को दोषी ठहराओ, हाँ, उसे दोषी ठहराओ,
क्योंकि वह मेरी पत्नी नहीं है+ और मैं उसका पति नहीं हूँ।
वह अब और वेश्या के काम न करे,
व्यभिचार करना बंद कर दे,
3 वरना मैं उसके कपड़े उतारकर उसे जन्म के दिन के समान नंगी कर दूँगा,
उसे वीराने जैसा बना दूँगा,
सूखे देश जैसा बदहाल कर दूँगा
ताकि वह प्यासी मर जाए।
4 मैं उसके बेटों पर दया नहीं करूँगा,
क्योंकि वे बदचलनी से पैदा हुए थे।
5 उनकी माँ ने वेश्या के काम किए।+
जिसकी कोख में वे थे, उसने शर्मनाक काम किए,+
उसने कहा, ‘मैं अपने यारों के पास जाऊँगी जो मुझ पर मरते हैं,+
जो मुझे रोटी और पानी देते हैं,
ऊन और मलमल के कपड़े, तेल और दाख-मदिरा देते हैं।’
6 इसलिए मैं काँटों का बाड़ा बाँधकर उसका रास्ता रोक दूँगा,
पत्थर की दीवार खड़ी कर दूँगा
ताकि वह अपना रास्ता न ढूँढ़ सके।
7 वह अपने यारों के पीछे भागेगी जो उस पर मरते थे, मगर उन तक पहुँच नहीं पाएगी,+
वह उन्हें बहुत ढूँढ़ेगी, मगर वे उसे नहीं मिलेंगे।
तब वह कहेगी, ‘मैं अपने पहले पति के पास लौट जाऊँगी,+
क्योंकि उसके साथ रहते वक्त मेरी हालत कहीं ज़्यादा अच्छी थी।’+
8 उसने यह नहीं माना कि उसे अनाज, नयी दाख-मदिरा और तेल देनेवाला मैं था,+
मैंने ही उसे भरपूर चाँदी और सोना दिया था,
जिन्हें लोगों ने बाल के लिए इस्तेमाल किया।+
9 ‘इसलिए मैं वापस आऊँगा और कटाई के समय उससे अनाज छीन लूँगा,
अंगूर बटोरने के समय नयी दाख-मदिरा ले लूँगा,+
ऊन और मलमल का कपड़ा छीन लूँगा जिससे वह अपना तन ढकती है।
10 मैं उसके यारों के सामने उसके नंगेपन का परदाफाश कर दूँगा,
कोई भी आदमी उसे मेरे हाथ से नहीं छुड़ाएगा।+
11 मैं उसकी सारी खुशियों का अंत कर दूँगा,
उसके त्योहारों,+ नए चाँद के मौकों, सब्त के मौकों और जश्नों का अंत कर दूँगा।
12 मैं उसकी अंगूर की बेलों और अंजीर के पेड़ों को नष्ट कर दूँगा,
जिनके बारे में वह कहती है, “यह सब मेरी कमाई है जो मेरे यारों ने मुझे दी है,”
मैं उन्हें जंगल बना दूँगा
और मैदान के जंगली जानवर उन्हें खा जाएँगे।
13 मैं उससे उन सारे दिनों का हिसाब माँगूँगा जब वह बाल की मूरतों के आगे बलिदान चढ़ाती थी,+
कान की बालियों और गहनों से खुद को सँवारती थी और अपने यारों के पीछे भागती थी
और मुझे वह बिलकुल भूल गयी थी।’+ यहोवा का यह ऐलान है।
15 तब मैं उसके अंगूरों के बाग उसे लौटा दूँगा,+
आकोर घाटी+ को आशा का द्वार बना दूँगा,
वहाँ वह मुझे जवाब देगी जैसे जवानी में दिया करती थी,
उस दिन की तरह जब वह मिस्र देश से बाहर आयी थी।’+
17 ‘मैं उसकी ज़बान से बाल की मूरतों का नाम मिटा दूँगा,+
उन्हें फिर कभी उनके नाम से याद नहीं किया जाएगा।+
18 उस दिन मैं अपने लोगों की खातिर मैदान के जंगली जानवरों,
आकाश के पक्षियों और ज़मीन पर रेंगनेवाले जीव-जंतुओं से एक करार करूँगा,+
मैं देश से तीर-कमान, तलवार और युद्ध मिटा दूँगा,+
19 मैं तेरे साथ हमेशा के बंधन में बँध जाऊँगा,
नेकी और न्याय,
अटल प्यार और दया के मुताबिक तेरे साथ बंधन में बँध जाऊँगा।+
21 यहोवा ऐलान करता है, ‘उस दिन मैं सुनूँगा,
मैं आसमान की सुनूँगा,
आसमान धरती की सुनेगा,+
22 धरती अनाज, नयी दाख-मदिरा और तेल की सुनेगी
23 मैं उसे बीज की तरह अपने लिए धरती पर बोऊँगा,+
मैं उस पर दया करूँगा जिस पर दया नहीं की गयी थी*
और जो मेरे लोग नहीं थे* उनसे मैं कहूँगा, “तुम मेरे लोग हो”+
और वे कहेंगे, “तू हमारा परमेश्वर है।”’”+
3 फिर यहोवा ने मुझसे कहा, “जा, उस औरत से फिर से प्यार कर, जिसे कोई और प्यार करता है और जो व्यभिचार करने में लगी हुई है,+ ठीक जैसे यहोवा भी इसराएल के लोगों से प्यार करता है+ इसके बावजूद कि वे दूसरे देवताओं की तरफ मुड़ जाते हैं+ और किशमिश की टिकियाँ* बहुत पसंद करते हैं।”
2 इसलिए मैंने चाँदी के 15 टुकड़े और डेढ़ होमेर* जौ देकर उस औरत को खरीद लिया। 3 फिर मैंने उससे कहा, “तू कई दिनों के लिए मेरी बनकर रहेगी। तू वेश्या का काम मत करना और पराए आदमी के साथ संबंध मत रखना और मैं भी तेरे साथ संबंध नहीं रखूँगा।”
4 ऐसा इसलिए है क्योंकि एक लंबे अरसे* तक इसराएल के लोगों पर कोई राजा और हाकिम नहीं होगा,+ उनके यहाँ कोई बलिदान, पूजा-स्तंभ, एपोद या कुल देवताओं की मूरतें नहीं होंगी।+ 5 बाद में इसराएल के लोग लौट आएँगे और अपने परमेश्वर यहोवा और अपने राजा दाविद की खोज करेंगे+ और आखिरी दिनों में वे थर-थर काँपते हुए यहोवा के पास आएँगे ताकि वह उनके साथ भलाई करे।+
4 इसराएल के लोगो, यहोवा का संदेश सुनो,
इस देश के लोगों पर यहोवा ने मुकदमा किया है,+
क्योंकि इस देश में न सच्चाई है, न अटल प्यार और न ही परमेश्वर के बारे में ज्ञान।+
इसका हर निवासी घुल-घुलकर मर जाएगा,
मैदान के जंगली जानवर और आकाश के पक्षी,
यहाँ तक कि समुंदर की मछलियाँ, सब नाश हो जाएँगे।
4 “कोई आदमी किसी का विरोध न करे, न ही उसे फटकारे,+
क्योंकि तुम्हारे लोग याजक का विरोध करनेवालों की तरह हैं।+
5 इसलिए तुम लोग भरी दोपहरी में लड़खड़ाकर गिर जाओगे
और तुम्हारे साथ भविष्यवक्ता भी लड़खड़ाकर गिर जाएँगे, मानो रात हो।
मैं तुम्हारी माँ को खामोश* कर दूँगा।
6 मेरे लोग खामोश* कर दिए जाएँगे, क्योंकि उनके पास ज्ञान नहीं है।
तुम लोगों ने ज्ञान को ठुकरा दिया है,+
इसलिए मैं भी तुम्हें ठुकरा दूँगा और तुम याजकों के नाते मेरी सेवा न कर सकोगे।
7 उनकी गिनती जितनी बढ़ती गयी, वे मेरे खिलाफ उतने ही ज़्यादा पाप करते गए।+
मैं उनका सम्मान अपमान में बदल दूँगा।*
8 वे मेरे लोगों के पापों पर पलते हैं,
उनके गुनाहों के लालची हैं।
9 लोगों और याजकों का एक ही अंजाम होगा,
मैं उनसे उनके कामों का हिसाब लूँगा
और उन्हें उनके किए की सज़ा दूँगा।+
10 वे खाएँगे मगर उनका जी नहीं भरेगा।+
वे बदचलनी में हद कर जाएँगे, मगर उनकी गिनती नहीं बढ़ेगी,+
क्योंकि उन्होंने यहोवा का बिलकुल आदर नहीं किया।
12 मेरे लोग अपने लकड़ी के देवताओं से सलाह करते हैं,
वही करते हैं जो उनका डंडा* उनसे कहता है,
क्योंकि वेश्या के काम करने की फितरत उन्हें बहका देती है,
वे वेश्या के काम करके अपने परमेश्वर के अधीन होने से इनकार कर देते हैं।
13 वे पहाड़ों की चोटियों पर बलिदान चढ़ाते हैं,+
पहाड़ियों पर बलिदान चढ़ाते हैं ताकि उसका धुआँ उठे,
बाँज और सिलाजीत पेड़ और हर बड़े पेड़ के नीचे ऐसा करते हैं,+
क्योंकि इन पेड़ों के नीचे अच्छी छाया होती है।
इसीलिए तुम्हारी बेटियाँ वेश्या के काम करती हैं
और तुम्हारी बहुएँ व्यभिचार करती हैं।
14 मैं तुम्हारी बेटियों से उनके वेश्या के कामों का हिसाब नहीं माँगूँगा,
न ही तुम्हारी बहुओं से उनके व्यभिचार का हिसाब माँगूँगा।
क्योंकि आदमी वेश्याओं के साथ निकल पड़ते हैं
और मंदिर की वेश्याओं के साथ बलिदान चढ़ाते हैं,
ये लोग जो समझ नहीं रखते,+ नाश किए जाएँगे।
16 इसराएल ने एक ज़िद्दी गाय की तरह ज़िद की है।+
क्या यहोवा अब उनकी चरवाही करेगा जैसे कोई खुले चरागाह* में मेढ़े को चराता है?
17 एप्रैम मूर्तियों से जुड़ गया है।+
उसे वैसे ही रहने दो!
उसके शासकों को बेइज़्ज़ती बहुत प्यारी है।+
19 आँधी उसे अपने पंखों में लपेटकर उड़ा ले जाएगी
और वे अपने बलिदानों की वजह से शर्मिंदा होंगे।”
इसराएल के घराने, ध्यान दे,
राजा के घराने, सुन,
तुम्हारा न्याय किया जाएगा,
क्योंकि तुम मिसपा के लिए एक फंदा हो
और ताबोर पर बिछाया जाल हो।+
3 मैं एप्रैम को जानता हूँ,
इसराएल मुझसे छिपा नहीं है।
क्योंकि हे एप्रैम, तूने बदचलनी में हद कर दी है,
इसराएल ने खुद को दूषित कर लिया है।+
4 उनके काम उन्हें अपने परमेश्वर की तरफ लौटने नहीं देते,
क्योंकि उनमें वेश्या के काम करने की फितरत है+
और वे यहोवा की कदर नहीं करते।
5 इसराएल के घमंड ने उसके खिलाफ गवाही दी है,+
इसराएल और एप्रैम, दोनों ने अपने गुनाहों की वजह से ठोकर खायी है,
उनके साथ यहूदा ने भी ठोकर खायी है।+
6 वे अपनी भेड़-बकरियों और मवेशियों को लेकर यहोवा की खोज करने निकले,
मगर उसे पा नहीं सके।
उसने खुद को उनसे दूर कर लिया है।+
अब एक महीने के अंदर उन्हें और उनके हिस्सों* को नाश कर दिया जाएगा।
8 गिबा में नरसिंगा फूँको,+ रामाह में तुरही फूँको!+
बेत-आवेन में युद्ध का ऐलान करो+—हे बिन्यामीन, हम तेरे पीछे-पीछे आते हैं!
9 हे एप्रैम, सज़ा के दिन तेरा ऐसा हश्र होगा कि देखनेवालों का दिल दहल जाएगा।+
मैंने ऐलान कर दिया है कि इसराएल के गोत्रों के साथ क्या होना तय है।
10 यहूदा के हाकिम उनके जैसे हैं जो सीमा-चिन्ह सरका देते हैं।+
मैं उन पर अपनी जलजलाहट पानी की तरह उँडेलूँगा।
11 एप्रैम पर ज़ुल्म किया जा रहा है, उसकी सज़ा उसे कुचल रही है,
क्योंकि उसने अपने दुश्मन के पीछे-पीछे जाने की ठान ली थी।+
12 इसलिए मैं एप्रैम के लिए कपड़-कीड़े जैसा
और यहूदा के घराने के लिए सड़न जैसा था।
13 जब एप्रैम ने अपनी बीमारी और यहूदा ने अपना घाव देखा,
तो एप्रैम अश्शूर गया+ और एक महान राजा के पास दूत भेजे।
मगर वह राजा तुम्हें चंगा नहीं कर पाया,
तुम्हारा घाव ठीक नहीं कर पाया।
14 मैं एप्रैम के लिए एक जवान शेर जैसा
और यहूदा के घराने के लिए एक ताकतवर शेर जैसा बनूँगा।
मैं खुद उनकी बोटी-बोटी कर दूँगा,+
मैं उन्हें उठा ले जाऊँगा और कोई उन्हें मेरे पंजे से नहीं छुड़ाएगा।+
15 मैं अपनी जगह लौट जाऊँगा और तब तक वहाँ रहूँगा जब तक कि वे अपने पाप का अंजाम नहीं भुगतते,
फिर वे मेरी मंज़ूरी पाना चाहेंगे।+
जब वे संकट में होंगे तो मेरी खोज करेंगे।”+
उसने हमें घायल किया है, मगर वह हमारे घावों पर पट्टी बाँधेगा।
3 हम यहोवा को जानेंगे, उसे जानने के लिए जी-जान से मेहनत करेंगे।
भोर की तरह उसका आना पक्का है,
वह मूसलाधार बारिश की तरह हमारे पास आएगा,
वसंत की बारिश की तरह, जो पूरी धरती को सींचती है।”
4 “हे एप्रैम, मुझे तेरे साथ क्या करना चाहिए?
हे यहूदा, मुझे तेरे साथ क्या करना चाहिए?
क्योंकि तुम्हारा अटल प्यार सुबह के बादल की तरह
और ओस की तरह है जो जल्द ही गायब हो जाती है।
तुम्हें जो फैसले सुनाए जाएँगे वे रौशनी की तरह चमकेंगे।+
6 मैं अटल प्यार* से खुश होता हूँ, बलिदान से नहीं,
परमेश्वर के बारे में ज्ञान से खुश होता हूँ, पूरी होम-बलियों से नहीं।+
7 मगर उन्होंने अदना इंसानों की तरह करार तोड़ दिया है।+
वहाँ उन्होंने मेरे साथ विश्वासघात किया है।
9 याजकों की टोली लुटेरे-दल की तरह है, जो किसी को पकड़ने के लिए घात लगाता है।
वे शेकेम की सड़क पर कत्ल करते हैं,+
उनका चालचलन शर्मनाक है।
10 मैंने इसराएल के घराने में एक घिनौनी बात देखी है।
7 “जब भी मैं इसराएल को चंगा करने की कोशिश करता हूँ,
तो एप्रैम के गुनाह का+
और सामरिया की दुष्टता का परदाफाश होता है।+
2 मगर वे अपने दिलों में यह सोचते तक नहीं कि मैं उनकी दुष्टता पर ध्यान दूँगा।+
अब वे अपने बुरे कामों से घिरे हुए हैं,
उनके काम मेरी नज़रों से छिपे नहीं हैं।
3 वे अपनी दुष्टता से राजा को
और अपने छल से हाकिमों को खुश करते हैं।
4 वे सब बदचलन हैं,
वे जलते तंदूर की तरह हैं जिसमें नानबाई ने आग जलायी है,
वह आटा गूँधने से लेकर उसके खमीरा होने तक तंदूर को और नहीं धधकाता।
राजा ने खिल्ली उड़ानेवालों की तरफ अपना हाथ बढ़ाया है।
6 वे जलते हुए तंदूर जैसा मन लेकर पास आते हैं,*
नानबाई सारी रात सोता है,
सुबह तंदूर शोलों की तरह दहक उठता है।
8 एप्रैम दूसरे राष्ट्रों में मिल जाता है।+
एप्रैम एक गोल रोटी जैसा है जिसे पलटा नहीं गया है।
9 परायों ने उसकी ताकत चूस ली,+ मगर उसे खबर नहीं।
उसके बाल सफेद हो गए, मगर उसे पता नहीं।
10 इसराएल के घमंड ने उसके खिलाफ गवाही दी है,+
मगर इतना कुछ होने के बावजूद वे अपने परमेश्वर यहोवा के पास नहीं लौटे+
और न ही उस पर आस लगायी।
11 एप्रैम एक फाख्ते जैसा है जिसमें बुद्धि नहीं है, समझ* नहीं है।+
उन्होंने मिस्र को पुकारा है,+ वे अश्शूर गए हैं।+
12 वे जहाँ भी जाएँ मैं उन पर अपना जाल डालूँगा।
मैं उन्हें आकाश के पक्षियों की तरह नीचे गिरा दूँगा।
मैं उन्हें सज़ा दूँगा ठीक जैसे मैंने उनकी टोली को खबरदार किया था।+
13 धिक्कार है उन पर क्योंकि वे मुझसे दूर भाग गए हैं!
वे नाश हो जाएँ क्योंकि उन्होंने मेरे खिलाफ अपराध किया है!
मैं उन्हें छुड़ाने ही वाला था, मगर उन्होंने मेरे खिलाफ झूठ बोला।+
वे अनाज और नयी दाख-मदिरा के लिए अपने शरीर पर घाव करते रहे,
वे मेरे खिलाफ हो जाते हैं।
15 मैंने उन्हें शिक्षा दी और उनके बाज़ुओं को मज़बूत किया,
फिर भी वे मेरे खिलाफ जाकर बुरा करने की साज़िश रचते हैं।
उनके हाकिम तलवार से मार डाले जाएँगे क्योंकि वे अपनी जीभ से विरोध करते हैं।
इसलिए वे मिस्र में मज़ाक बनकर रह जाएँगे।”+
8 “अपने मुँह में नरसिंगा लगा!+
दुश्मन उकाब की तरह यहोवा के भवन पर हमला करेगा,+
क्योंकि उन्होंने मेरा करार तोड़ दिया है,+ मेरे कानून के खिलाफ काम किया है।+
2 वे मुझे पुकारते हैं, ‘हे हमारे परमेश्वर, हम इसराएली लोग तुझे जानते हैं!’+
3 इसराएल ने भलाई ठुकरा दी है।+
एक दुश्मन उसका पीछा करे।
4 उन्होंने राजा ठहराए हैं, मगर मेरी इजाज़त के बगैर।
हाकिम ठहराए हैं, मगर मेरी मंज़ूरी के बगैर।
उन्होंने अपने ही विनाश के लिए सोने-चाँदी से मूरतें बनायी हैं।+
5 हे सामरिया, तेरा बछड़ा ठुकरा दिया गया है।+
मेरे क्रोध की ज्वाला उन पर भड़की है।+
वे खुद को कब शुद्ध करेंगे? और कितना वक्त लगाएँगे?
6 यह इसराएल से है।
इसे एक कारीगर ने बनाया है, यह परमेश्वर नहीं है,
सामरिया का बछड़ा टुकड़े-टुकड़े कर दिया जाएगा।
बालों पर पका अनाज नहीं उगता,+
उपज से आटा नहीं मिलता।
अगर कुछ उगे भी तो परदेसी* उसे निगल जाएँगे।+
वे दूसरे राष्ट्रों में ऐसा बरतन ठहरेंगे जो किसी काम का नहीं।+
9 वे अकेले जंगली गधे की तरह अश्शूर के पास गए हैं।+
एप्रैम ने वेश्याओं को किराए पर बुलाया है।+
10 हालाँकि वे उन्हें दूसरे राष्ट्रों से किराए पर बुलाते हैं,
मगर मैं उन्हें इकट्ठा करूँगा,
वे राजा और हाकिमों के लादे हुए बोझ के कारण दुख झेलेंगे।+
11 एप्रैम ने बहुत-सी वेदियाँ बनाकर पाप किया है।+
ये वेदियाँ उसके पाप की वजह बनीं।+
अब वह उनका गुनाह याद करेगा और उन्हें पापों की सज़ा देगा।+
14 इसराएल अपने बनानेवाले को भूल गया+ और उसने मंदिर बनाए हैं+
और यहूदा ने बहुत-से किलेबंद शहर बनाए हैं।+
मगर मैं उसके शहरों पर आग भेजूँगा,
जो हर शहर की मीनारों को भस्म कर देगी।”+
क्योंकि तू वेश्या के काम करके अपने परमेश्वर से दूर चली गयी।+
तुझे हर खलिहान में वेश्या के काम करके मज़दूरी लेना बहुत भाया।+
3 वे यहोवा के देश में और नहीं रह पाएँगे,+
इसके बजाय, एप्रैम मिस्र लौट जाएगा
और अश्शूर में वे अशुद्ध चीज़ें खाएँगे।+
वे मातम की रोटी जैसे होंगे,
उसे खानेवाले सभी दूषित हो जाएँगे।
क्योंकि उनकी रोटी सिर्फ उनके लिए होगी,
उसे यहोवा के भवन में नहीं लाया जाएगा।
6 क्योंकि देखो! उन्हें नाश की वजह से भागना पड़ेगा।+
मिस्र उन्हें इकट्ठा करेगा+ और मेम्फिस उन्हें दफनाएगा।+
बिच्छू-बूटियाँ उनकी चाँदी की कीमती चीज़ों पर कब्ज़ा कर लेंगी
और उनके तंबुओं में कँटीली झाड़ियाँ उग आएँगी।
उनका भविष्यवक्ता मूर्ख साबित होगा और प्रेरित जन पागल हो जाएगा।
तेरे गुनाह बेहिसाब हैं, इसलिए तुझसे बढ़-चढ़कर दुश्मनी की गयी है।”
8 एप्रैम का पहरेदार+ मेरे परमेश्वर के साथ था।+
मगर अब उसके भविष्यवक्ताओं+ के सभी तौर-तरीके बहेलिए के फंदों जैसे हैं,
उसके परमेश्वर के भवन में दुश्मनी है।
9 वे ऐसे कामों में डूब गए हैं जो नाश लाते हैं, जैसे गिबा के दिनों में हुआ था।+
वह उनका गुनाह याद करेगा और उन्हें पापों की सज़ा देगा।+
10 “मुझे इसराएल ऐसे मिला जैसे वीराने में अंगूर मिलते हैं।+
जब मैंने तुम्हारे पुरखों को देखा तो वे अंजीर के पेड़ पर लगे पहले फल जैसे थे।
मगर वे पोर के बाल के पास चले गए,+
उन्होंने शर्मनाक चीज़* के लिए खुद को समर्पित कर दिया,+
वे उस चीज़ की तरह घिनौने बन गए जिससे वे प्यार करते थे।
11 एप्रैम की शान एक चिड़िया की तरह फुर्र हो जाती है,
न कोई पैदा होता है, न कोई औरत गर्भवती होती है, न ही किसी का गर्भ ठहरता है।+
12 चाहे वे बच्चों को पालें-पोसें,
तो भी मैं उन्हें उनसे छीन लूँगा ताकि एक भी आदमी न बचे,+
हाँ, जब मैं उनसे मुँह फेर लूँगा तो वे बरबाद हो जाएँगे!+
13 एप्रैम, जो चरागाह में बोया गया था, मेरे लिए सोर जैसा था,+
अब एप्रैम को अपने बेटों को वध होने के लिए लाना होगा।”
15 “उन्होंने गिलगाल में सारी बुराई की थी,+ वहाँ मुझे उनसे नफरत हो गयी।
उनकी दुष्टता की वजह से मैं उन्हें अपने भवन से खदेड़ दूँगा।+
मैं उन्हें फिर कभी प्यार नहीं करूँगा,+
उनके सब हाकिम ढीठ हैं।
16 एप्रैम एक पेड़ की तरह काट दिया जाएगा।+
उनकी जड़ सूख जाएगी और वे कोई फल नहीं देंगे।
चाहे वे बच्चे पैदा करें तो भी मैं उनके दुलारों को मार डालूँगा।”
17 मेरा परमेश्वर उन्हें ठुकरा देगा,
क्योंकि उन्होंने उसकी नहीं सुनी,+
वे दूसरे राष्ट्रों में भगोड़े बनकर फिरेंगे।+
10 “इसराएल अंगूर की सड़ी* बेल है जिस पर फल लगते हैं।+
उस पर जितने ज़्यादा फल लगते हैं वह उतनी ज़्यादा वेदियाँ खड़ी करता है,+
उसकी ज़मीन जितनी अच्छी उपज देती है उसके पूजा-स्तंभ उतने ही शानदार होते हैं।+
2 उनका दिल कपटी है,
अब वे दोषी पाए जाएँगे।
ऐसा कोई है जो उनकी वेदियाँ तोड़ डालेगा, उनके पूजा-स्तंभ नाश कर देगा।
3 अब वे कहेंगे, ‘हमारा कोई राजा नहीं,+ क्योंकि हमने यहोवा का डर नहीं माना।
अगर राजा होता भी तो वह हमारे लिए क्या कर पाता?’
4 वे खोखली बातें कहते हैं, झूठी शपथ खाते हैं+ और करार करते हैं,
इसलिए अन्याय ऐसा बढ़ गया है, जैसे ज़हरीले पौधे कूँड़ों में देखते-ही-देखते उग आते हैं।+
5 सामरिया के निवासी बेत-आवेन के बछड़े की मूरत के लिए डरेंगे।+
वहाँ के लोग उसके लिए मातम मनाएँगे,
पराए देवता के पुजारी भी मातम मनाएँगे, जो कभी उसकी और उसकी शान की वजह से खुशियाँ मनाते थे,
क्योंकि वह मूरत उनसे दूर बँधुआई में चली जाएगी।
6 वह मूरत अश्शूर ले जायी जाएगी ताकि एक महान राजा को तोहफे में दी जा सके।+
एप्रैम शर्मिंदा किया जाएगा,
इसराएल ने जो सलाह मानी थी उसकी वजह से वह शर्मिंदा किया जाएगा।+
7 सामरिया और उसके राजा को ज़रूर नाश किया जाएगा,+
वह उस टहनी जैसा होगा जिसे तोड़कर पानी में फेंक दिया गया हो।
8 बेत-आवेन की ऊँची जगह,+ जो इसराएल का पाप हैं,+ मिटा दी जाएँगी।+
उनकी वेदियों पर काँटे और कँटीली झाड़ियाँ उगेंगी।+
लोग पहाड़ों से कहेंगे, ‘हमें ढक लो!’
और पहाड़ियों से कहेंगे, ‘हम पर गिर पड़ो!’+
9 हे इसराएल, तू गिबा के दिनों से पाप करता आया है।+
वहाँ वे पाप में लगे रहे।
युद्ध ने गिबा में दुष्टों को पूरी तरह नहीं मिटाया।
10 मैं भी जब चाहूँ उन्हें सज़ा दूँगा।
जब उनके दोनों गुनाहों का बोझ उन पर लादा जाएगा,*
तब देश-देश के लोग उनके खिलाफ इकट्ठा होंगे।
अब मैं एप्रैम पर किसी को सवार कराऊँगा।*+
यहूदा हल जोतेगा, याकूब उसके लिए हेंगा खींचेगा।
12 अपने लिए नेकी के बीज बोओ और अटल प्यार की फसल काटो।
13 मगर तुमने दुष्टता के लिए हल जोता है
और बुराई की फसल काटी है,+
तुम छल का फल खा रहे हो,
क्योंकि तुमने अपने तौर-तरीकों पर,
अपने बेहिसाब योद्धाओं पर भरोसा रखा है।
14 तुम्हारे लोगों के बीच युद्ध का शोर सुनायी देगा,
तुम्हारे सारे किलेबंद शहर नाश हो जाएँगे,+
जैसे बेत-अरबेल को शलमान ने नाश किया था,
लड़ाई के दिन माँओं को उनके बच्चों के साथ पटककर मार डाला गया था।
15 हे बेतेल, तेरी घोर दुष्टता की वजह से तेरे साथ यही किया जाएगा।+
भोर को इसराएल का राजा ज़रूर नाश किया जाएगा।”+
3 मगर मैंने ही एप्रैम को चलना सिखाया था,+ मैं उन्हें अपनी बाँहों में ले लेता था,+
मगर उन्होंने यह नहीं माना कि मैंने उन्हें चंगा किया था।
4 इंसानों की डोरी* से और प्यार की डोरी से मैं उन्हें अपनी तरफ खींचता रहा।+
मैं उनके लिए गरदन* से जुआ हटानेवाले जैसा था
और मैं हरेक को प्यार से खाना देता था।
5 वे मिस्र नहीं लौटेंगे, मगर अश्शूर उनका राजा होगा,+
क्योंकि उन्होंने मेरे पास लौटने से इनकार कर दिया है।+
फाटक के बेड़े काट डालेगी और उन्हें खा जाएगी क्योंकि वे साज़िशें रचते हैं।+
7 मेरे लोगों ने मुझसे विश्वासघात करने की ठान ली है।+
वे उन्हें ऊपर* बुलाते थे, मगर उनमें से कोई नहीं उठता था।
8 हे एप्रैम, मैं कैसे तुझे दुश्मन के हवाले करूँ?+
हे इसराएल, मैं कैसे तुझे दुश्मन के हाथ सौंप दूँ?
मैंने अदमा के साथ जो किया था वह तेरे साथ कैसे करूँ?
मैं तेरा हाल सबोयीम की तरह कैसे कर दूँ?+
मैंने अपना मन बदला है,
साथ ही मेरे दिल में करुणा जाग उठी है।+
9 मैं तुझ पर अपने क्रोध की आग नहीं बरसाऊँगा।
मैं एप्रैम को फिर नाश नहीं करूँगा,+
क्योंकि मैं परमेश्वर हूँ इंसान नहीं,
मैं तेरे बीच रहनेवाला पवित्र परमेश्वर हूँ,
मैं क्रोध से भरकर तेरे पास नहीं आऊँगा।
10 वे यहोवा के पीछे-पीछे चलेंगे और वह शेर की तरह गरजेगा,+
जब वह गरजेगा तो उसके बेटे थरथराते हुए पश्चिम से आएँगे।+
11 जब वे मिस्र से निकलकर आएँगे तो एक पक्षी की तरह थरथराएँगे,
एक फाख्ते की तरह जो अश्शूर देश से आती है+
और मैं उन्हें उनके घरों में बसाऊँगा।” यहोवा का यह ऐलान है।+
मगर यहूदा अब भी परमेश्वर के साथ चलता है,
वह परम-पवित्र परमेश्वर का विश्वासयोग्य बना हुआ है।”+
12 “एप्रैम बेकार की चीज़ों पर भरोसा रखता है।*
पूरब से बहनेवाली हवा के पीछे सारा दिन भागता है।
वह बढ़-चढ़कर झूठ बोलता और मार-काट मचाता है।
वे अश्शूर के साथ एक करार करते हैं+ और मिस्र के पास तेल ले जाते हैं।+
2 यहोवा ने यहूदा पर मुकदमा किया है,+
वह याकूब से उसके कामों का हिसाब माँगेगा,
उसे उसके किए की सज़ा देगा।+
4 वह स्वर्गदूत से लड़ता रहा और उससे जीत गया।
उसकी कृपा पाने के लिए उसने रो-रोकर बिनती की।”+
परमेश्वर ने उसे बेतेल में पाया और वहाँ परमेश्वर ने हमसे बात की।+
5 यहोवा सेनाओं का परमेश्वर है,+
यहोवा नाम से उसे याद किया जाता है।+
6 “इसलिए अपने परमेश्वर के पास लौट जा,+
अटल प्यार ज़ाहिर करता रह, न्याय करता रह+
और हमेशा अपने परमेश्वर पर आशा रख।
मेरी सारी मेहनत में वे कोई दोष या पाप नहीं पा सकते।’
9 मगर मैं यहोवा तब से तेरा परमेश्वर हूँ जब इसराएल मिस्र में ही था।*+
मैं तुझे दोबारा तंबुओं में बसाऊँगा,
जैसे तय समय* के दिनों में हुआ करता है।
11 गिलाद में धोखा* और झूठ पाया गया।+
गिलगाल में उन्होंने बैलों की बलि की,+
उनकी वेदियाँ पत्थरों के उस ढेर जैसी हैं जो खेत के कूँड़ों में होता है।+
12 याकूब अराम* के इलाके* में भाग गया,+
इसराएल+ ने वहाँ पत्नी पाने के लिए मज़दूरी की,+
भेड़ों की रखवाली की।+
13 यहोवा ने एक भविष्यवक्ता के ज़रिए इसराएल को मिस्र से निकाला,+
एक भविष्यवक्ता के ज़रिए उसकी हिफाज़त की।+
14 एप्रैम ने परमेश्वर को बहुत गुस्सा दिलाया,+
उस पर खून का दोष बना हुआ है,
उसने अपने प्रभु का अपमान किया है, प्रभु उसे इसका सिला देगा।”+
मगर वह बाल की पूजा करके दोषी बन गया+ और मर गया।
2 अब वे और भी पाप करते हैं,
अपनी चाँदी ढालकर मूरतें बनाते हैं,+
उनके कारीगर हुनरमंदी से मूरतें बनाते हैं।
वे कहते हैं, ‘बलिदान चढ़ानेवाले आकर बछड़ों को चूमें।’+
3 इसलिए वे सुबह के बादल की तरह
और ओस की तरह बन जाएँगे जो जल्द ही गायब हो जाती है,
भूसी की तरह बन जाएँगे जिसे आँधी खलिहान से उड़ा ले जाती है,
धुएँ की तरह बन जाएँगे जो धुँआरे से निकल जाता है।
4 मगर मैं यहोवा तब से तेरा परमेश्वर हूँ जब इसराएल मिस्र में ही था,*+
तू मुझे छोड़ किसी और परमेश्वर को नहीं जानता था,
मेरे सिवा तेरा कोई और उद्धारकर्ता नहीं है।+
5 मैंने तुझे तब देखा जब तू वीराने में था,+ सूखे इलाके में था।
6 वे अपने चरागाहों से संतुष्ट हो गए,+
संतुष्ट होने पर उनका मन घमंड से भर गया
और वे मुझे भूल गए।+
एक शेर की तरह उन्हें वहीं खा जाऊँगा,
मैदान का एक जंगली जानवर उनकी बोटी-बोटी कर देगा।
9 हे इसराएल, वह तुझे नाश कर देगा,
क्योंकि तू मेरे खिलाफ हो गया है, अपने मददगार के खिलाफ।
10 कहाँ गया तेरा राजा जो तुझे सभी शहरों में बचाता?+
कहाँ गए तेरे शासक?*
उनके बारे में तूने कहा था, ‘मुझे एक राजा और हाकिम दे।’+
13 उसे बच्चा जनने का सा दर्द उठेगा।
मगर वह नासमझ बच्चा है,
पैदा होने का समय आ गया है मगर वह बाहर नहीं आना चाहता।
हे मौत, तेरा डंक कहाँ है?+
हे कब्र, तेरी नाश करने की शक्ति कहाँ गयी?+
मैं तुझ पर बिलकुल दया नहीं करूँगा।
15 चाहे वह नरकटों के बीच खूब बढ़े,
फिर भी पूरब से हवा चलेगी, यहोवा की तरफ से हवा चलेगी,
यह रेगिस्तान से चलेगी, उसका कुआँ और सोता सुखा देगी।
वह आकर उसकी सब अनमोल चीज़ों का खज़ाना लूट लेगा।+
16 सामरिया को दोषी ठहराया जाएगा+ क्योंकि उसने अपने परमेश्वर से बगावत की है।+
वे तलवार से मारे जाएँगे,+
उनके बच्चों को पटक-पटककर मार डाला जाएगा
और उनकी गर्भवती औरतों का पेट चीर दिया जाएगा।”
14 “हे इसराएल, अपने परमेश्वर यहोवा के पास लौट आ,+
क्योंकि तू अपने गुनाह की वजह से ठोकर खाकर गिर गया है।
2 यहोवा के पास लौट आ और उससे कह,
‘हमारे गुनाह माफ कर दे+ और जो अच्छा है वह हमसे स्वीकार कर
और हम अपने होंठों से तुझे तारीफ के बोल अर्पित करेंगे,+ जैसे हम बैलों का बलिदान चढ़ाते हैं।
हम घोड़ों पर सवार नहीं होंगे+
और फिर कभी अपने हाथ की बनायी चीज़ों से यह नहीं कहेंगे: “हे हमारे परमेश्वर!”
क्योंकि तू ही है जो अनाथ* पर दया करता है।’+
4 मैं उनकी विश्वासघात करने की बीमारी दूर कर दूँगा।+
5 मैं इसराएल के लिए ओस जैसा बनूँगा,
वह सोसन के फूल की तरह खिलेगा
और लबानोन के पेड़ों की तरह अपनी जड़ें गहराई तक जमाएगा।
7 वे फिर से उसकी छाया में रहेंगे।
वे अनाज उगाएँगे और अंगूर की बेल की तरह फूलेंगे-फलेंगे।+
वह लबानोन की दाख-मदिरा की तरह मशहूर होगा।*
8 एप्रैम कहेगा, ‘मूरतों से अब मेरा और क्या लेना-देना?’+
मैं उसकी सुनूँगा और उस पर नज़र रखूँगा।+
मैं तेरे लिए सनोवर के हरे-भरे पेड़ जैसा होऊँगा।
मुझसे ही तुझे फल मिला करेगा।”
9 कौन बुद्धिमान है? वह इन बातों को समझे।
कौन सूझ-बूझवाला है? वह इन बातों को जाने।
यह होशायाह नाम का छोटा रूप है जिसका मतलब है, “याह के ज़रिए बचाया गया; याह ने बचाया।”
मतलब “परमेश्वर बीज बोएगा।”
मतलब “दया नहीं की गयी।”
मतलब “मेरे लोग नहीं।”
शा., “बेटों।”
हो 1:9 फु. देखें।
हो 1:6 फु. देखें।
या “अपना बाल।”
या “जीने दूँगा।”
मतलब “परमेश्वर बीज बोएगा।”
हो 1:6 फु. देखें।
हो 1:9 फु. देखें।
यानी वे टिकियाँ जिनका झूठी उपासना में इस्तेमाल होता था।
एक होमेर 220 ली. के बराबर था। अति. ख14 देखें।
शा., “बहुत दिनों।”
या “नाश।”
या “नाश।”
या “की हिदायत।”
या शायद, “उन्होंने मेरी महिमा करने के बजाय मेरा अपमान किया।”
या “ज्योतिषी की छड़ी।”
शा., “एक खुली जगह।”
या “गेहूँ से बनी शराब।”
या “बागी।”
या “शिक्षा दूँगा।”
या “खेतों।”
या “दया।”
या शायद, “जब वे साज़िशें करके आते हैं तो उनके दिल तंदूर जैसे होते हैं।”
शा., “न्यायियों।”
शा., “दिल।”
यानी ऊँचे दर्जे की उपासना।
या “अजनबी।”
या “हिदायतें।”
या शायद, “मिस्र लौट जाएँगे।”
या “अपनी तय दावत।”
या “शर्मनाक देवता।”
या “कुम्हला जाएँ।”
या शायद, “फैलनेवाली।”
यानी जब वे जुआ ढोने की तरह सज़ा भुगतेंगे।
या “कलोर।”
या “रस्सी बाँधूँगा।”
यानी इसराएल को सिखाने के लिए भेजे गए भविष्यवक्ता और दूसरे लोग।
या “कृपा की डोरी।” यानी उस डोरी की तरह जो एक माँ या पिता इस्तेमाल करता है।
शा., “जबड़ों।”
यानी ऊँचे दर्जे की उपासना की तरफ।
शा., “एप्रैम हवा खा रहा है।”
या “सौदागर।”
या “मिस्र से तेरा परमेश्वर हूँ।”
या शायद, “त्योहार।”
या “जादू-टोने की बातें; रहस्यमयी बातें।”
या “सीरिया।”
शा., “मैदान।”
या “मिस्र से तेरा परमेश्वर हूँ।”
शा., “उनके दिल की झिल्ली।”
शा., “न्यायी।”
या “गुनाह सँभालकर रखे गए हैं।”
या “शीओल।” शब्दावली देखें।
या “जिसके पिता की मौत हो गयी है।”
शा., “उसका स्मारक लबानोन की दाख-मदिरा जैसा होगा।”